Hair Botox Treatment: बोटॉक्स शब्द सुनते ही हमारे दिमाग में स्किन ट्रीटमेंट आता है, जिसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में फाइन लाइन्स, रिंकल्स और ढीली त्वचा से बचने के लिए इलाज किया जाता है, जबकि हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट इससे अलग होता है। इसमें इंजेक्शन का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
हेयर बोटॉक्स, इन दिनों चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि बालों की खूबसूरती के लिए बोटॉक्स का क्रेज लोगों के बीच काफी बढ़ रहा है। बदलता लाइफस्टाइल, खानपान और बालों पर केमिकल का उपयोग होने से बालों की खूबसूरती खत्म होती जा रही है। ऐसे में लोग अच्छे बाल पाने के लिए अनेक ट्रीटमेंट करा रहे हैं, जिनमें से हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट बहुत ही लोकप्रिय हो गया है। ज्यादातर सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट करा रहे हैं। इस ट्रीटमेंट में डैमेज हो चुके बालों का इलाज होता है और बालों को बाउंसी और सॉफ्ट बनाया जाता है।
क्या होता है हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट?
हेयर बोटॉक्स बालों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए एक डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट है, जिससे रूखे और बेजान बालों का इलाज किया जाता है। हेयर बोटॉक्स एक डीप कंडीशनिंग ट्रीटमेंट है, जो बालों को केराटिन जैसे फिलर से कोट करता है। बालों को अधिक और चमकदार दिखाने के लिए यह हेयर ट्रीटमेंट किया जाता है।
कैसे करता है काम

इस हेयर ट्रीटमेंट में कैवियार ऑयल, विटामिन बी-5, ई विटामिन और बोंट-एल पेप्टटाइड जैसे केमिकल्स को बालों की जरूरत के हिसाब से मिलाकर बालों पर लगाया जाता है।
3 स्टेप्स में होता है हेयर बोटॉक्स
स्टेप-1: सबसे पहले स्टेप में बालों की गंदगी को दूर करने के लिए अच्छे से बालों को वॉश किया जाता है, जिससे बालों में लगे केमिकल और गंदगी को हटाया जा सके।
स्टेप-2: इसके बाद बालों को सुखाया जाता है और बालों में बोटॉक्स ट्रीटमेंट अप्लाई किया जाता है। यह ट्रीटमेंट बाल की जड़ से लेकर उसके सिरे तक किया जाता है। इसे 45 मिनट रखने के बाद सल्फेट-फ्री हेयर क्लिन्जर से बालों को वॉश किया जाता है।
स्टेप-3: इस ट्रीटमेंट को धोने के बाद बालों को सील करने के लिए स्ट्रेटनिंग की जाती है। ऐसा करने पर बाल बेहद खूबसूरत सिल्की और बाउंसी नजर आते हैं। आप ट्रीटमेंट के लिए हेयर सैलून जा सकते हैं या घर पर लगाने के लिए प्रोडक्ट खरीद सकते हैं।
क्या हेयर बोटॉक्स सुरक्षित है
हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट को अन्य ट्रीटमेंट की तुलना में सेफ ऑप्शन माना जाता है। हालांकि इस हेयर ट्रीटमेंट को हेल्दी कहा जाता है, लेकिन इसमें इस्तेमाल किया जाने वाला केमिकल आपकी त्वचा के संपर्क में आने पर त्वचा में जलन या एलर्जी पैदा कर सकता है।
हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट के बाद इन बातों का रखें ख्याल-
इस ट्रीटमेंट के बाद आपके बालों को नुकसान भी हो सकता है इसलिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है-
- बोटॉक्स ट्रीटमेंट के 72 घंटे बाद ही सल्फेट और पैराबेन-फ्री शैम्पू से ही बालों को वॉश करें। आप ड्राइनेस को दूर करने के लिए कंडीशनर का उपयोग कर सकते हैं।
- बालों को ड्राइनेस एवं पॉल्यूशन से बचाए रखने के लिए 10 दिन में एक बार हाइड्रेटिंग हेयर मास्क का इस्तेमाल करें। हेयर मास्क को बालों की जड़ों से लगाएं।
- अपने बालों को हीट देने से बचें और बालों को सुखाने के लिए ड्रायर का इस्तेमाल भी ना करें। अगर आपको अपने बालों का स्टाइल करना है तो हीट-प्रोटेक्टेंट प्रोडक्ट्स का ही इस्तेमाल करें।
- बोटॉक्स ट्रीटमेंट करवाने के बाद हेयर कलर या डाई का इस्तेमाल ना करें। तीन से चार हफ्तों तक इंतजार करें क्योंकि कलर में इस्तेमाल हुए केमिकल के कारण बोटॉक्स ट्रीटमेंट बेअसर हो सकता है।
- बालों को प्रदूषण धूल और हानिकारक किरणों से बचा कर रखें। बाहर जाते समय अपने बालों को स्कार्फ से ढकें।
- सोते समय अपने हेयर स्टाइल को ज्यादा टाइट ना रखें, जिससे बालों की जड़ों में खिंचावट ना महसूस हो।
किसे लेना चाहिए यह ट्रीटमेंट?

यह ट्रीटमेंट केवल उन लोगों को कराना चाहिए जिनके बालों को असल में इस ट्रीटमेंट की जरूरत है, जैसे- घुंघराले बालों वाले लोगों के लिए स्ट्रेट कराने के लिए केराटिन करवाने की सलाह दी जाती है, वैसे ही कुछ निश्चित लोगों के लिए हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट का इस्तेमाल किया जाता है-
- जिन लोगों के बाल कमजोर, पतले या डैमेज हो चुके हैं उनके लिए यह ट्रीटमेंट अच्छा रिजल्ट दे सकता है।
- जिन लोगों को गंजेपन की शिकायत है उनके लिए भी यह ट्रीटमेंट लाभदायक हो सकता है।
- जिन लोगों को दो मुंहे बालों या सूखे बालों की समस्या है उनके लिए भी यह ट्रीटमेंट फायदेमंद हो सकता है। इस ट्रीटमेंट के बाद आपके बाल शाइनी और सिल्की हो जाते हैं।
हेयर बोटॉक्स और केराटिन में अंतर
हेयर बोटॉक्स और केराटिन ट्रीटमेंट में कई समानताएं हो सकती हैं, जबकि इन दोनों में खूब अंतर है। केराटिन ट्रीटमेंट में केमिकल्स का उपयोग होता है, जिसमें फॉर्मलडिहाइड होता है। फॉर्मलडिहाइड का उपयोग आपके बालों को स्ट्रेट और सॉफ्ट बनाने के लिए किया जाता है। फॉर्मलडिहाइड हानिकारक हो सकता है।
हेयर बोटॉक्स की कीमत 11000-23000 रुपये के बीच हो सकती है, केराटिन उपचार बहुत सस्ता है। केराटिन की लागत 4000-8000 हो सकती है, लेकिन इसमें हेयर बोटॉक्स की तुलना में केमिकल का ज्यादा इस्तेमाल किया गया है।
हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट के फायदे
- हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट के द्वारा बाल काफी सॉफ्ट हो जाते हैं, जिसके कारण बालों में घुंघरालापन नहीं रहता है और आपके बाल बिल्कुल स्ट्रेट दिखाई देते हैं।
- हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट की मदद से स्पिल्ट एंड की ग्रोथ को कम करने में बहुत हेल्प मिलती है।
- इस ट्रीटमेंट की मदद से डैमेज हुए बालों को भी ठीक किया जा सकता है। अस्वस्थ एवं रूखे बालों को इस ट्रीटमेंट की मदद से हेल्दी और सिल्की किया जा सकता है।
- इस हेयर ट्रीटमेंट की वजह से ही बालों में शाइन आती है, जो बालों को बेहद खूबसूरत बनाती है।
- इस हेयर ट्रीटमेंट के बाद आपके बाल मजबूत और बेहद खूबसूरत दिखाई देते हैं।
हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट
- यह हेयर ट्रीटमेंट सेफ है लेकिन यह आपको थोड़ा महंगा पड़ सकता है। इसमें तीन से चार सेशन की जरूरत भी हो सकती है।
- इसका रिजल्ट हर किसी के बालों पर अलग-अलग होता है। हो सकता है कि यह ट्रीटमेंट जो दूसरों के बालों पर असर दिखाता है वह आपके बालों पर ना दिखाए। कुछ लोगों को इस हेयर ट्रीटमेंट से कोई समस्या नहीं होती है लेकिन कुछ लोगों को इसके बेहतर परिणाम देखने को नहीं मिलते हैं।
- यह हेयर ट्रीटमेंट घुंघराले या ऑयली बालों वाले लोगों को केवल अच्छी कंडीशनिंग और चमक दे सकता है। आपके घुंघराले बाल इससे पूरी तरह स्ट्रेट नहीं हो सकते क्योंकि यह हेयर ट्रीटमेंट बालों को स्ट्रेट करने के लिए नहीं होता है।
- कुछ लोगों को लगता है कि यह हेयर ट्रीटमेंट बालों को स्ट्रेट करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है क्योंकि यह बालों को चमकदार एवं सॉफ्ट बनाता है, जिससे बाल स्ट्रेट लगने लगते हैं।
- हेयर बोटॉक्स ट्रीटमेंट प्रोसेस को सही तरीके से करने से ही इसके लाभ मिलते हैं। अगर एक भी स्टेप सही तरीके से नहीं किया जाता तो आपके बालों को कोई फायदा नहीं होगा बल्कि नुकसान जरूर हो सकता है।
- इस हेयर ट्रीटमेंट के बाद बाल चमकदार एवं सॉफ्ट हो जाते हैं, लेकिन कुछ महीनों के बाद बाल पहले से भी ज्यादा सूखे होने लगते हैं और कुछ लोगों को तो हेयर फॉल की समस्या भी आने लगती है।
