Things to keep in your mind- वर्तमान में ऑनलाईन और ऑफलाईन दवाईयां खरीदना काफी आसान हो गया है। मेडिकल स्टोर की अपेक्षा अब ज्यादातर लोग ऑनलाईन दवाइयां खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। लेकिन अभी भी अधिकतर महिलाएं मेडिकल स्टोर पर जाकर ही दवाईयां खरीदती हैं क्योंकि कई बार ऑनलाइन दवाईयां देरी से डिलीवर होती हैं या 3-5 टेबलेट की जरूरत होने पर भी पूरा पैकेट ही खरीदना पड़ता है। इसके अलावा दवाईयों को रिटर्न करना भी एक बड़ी सरदर्दी है। मेडिकल स्टोर से दवाईयां खरीदते समय भी हम अक्सर लापरवाही बरतते हैं जो कई बार खतरनाक साबित हो सकती है। दवाईयां लेते समय अधिकतर लोग इसकी एक्सपायरी डेट और कंटेंट देखना भूल जाते हैं। जो कि हेल्थ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। यदि आप भी मेडिकल स्टोर से दवाईयां खरीदती हैं तो थोड़ा सतर्क और एहतियात बरतने की आवश्यकता है।
प्रिस्क्रिप्शन रखें साथ

दवाईयों के सही लेन-देन के लिए हमेशा प्रिस्क्रिप्शन अपने साथ रखें। भले ही आपको दवाई का नाम याद हो या केमिस्ट आपका परिचित हो, कभी भी बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाईयां न खरीदें। छोटी-मोटी समस्या आने पर कई बार हम केमिस्ट से पूछकर ओवर द काउंटर दवाईयों को खरीदकर उनका सेवन कर लेते हैं जो की गलत है। डॉक्टर से बिना परामर्श लिए दवाईयां लेने से प्रॉब्लम ठीक होने की बजाय बढ़ सकती है। ये नियम केमिस्ट को भी फॉलो करना चाहिए कि बिना प्रिस्क्रिप्शन के दवाईयां देना अपराध है जिसके लिए उसे सजा भी हो सकती है।
हमेशा बिल लें

हमारे देश में अक्सर लोग छोटी-छोटी चीजों का बिल मांगना या लेना भूल जाते हैं। एक बार काम पूरा करने के बाद बिल के लिए अवश्य पूछें, चाहे आप केमिस्ट से कितने ही परिचित क्यों न हों। एक बिल या रसीद बेची गई वस्तुओं के लिए कुछ हद तक उत्तरदायित्व प्रदान करती है। इसके अलावा, यदि आपका स्वास्थ्य बीमा योजना में आवासीय कवर शामिल है, तो आपको इसकी पूर्ति के लिए बिल या रसीदों की आवश्यकता होगी।
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इंग्रीडिएंट्स देखें

दवाई में क्या इंग्रीडिएंट्स इस्तेमाल किए गए हैं इसकी जानकारी 80 प्रतिशत लोगों को नहीं होती। इसलिए कई बार केमिस्ट दूसरी कंपनी की मिलती जुलती कंपोनेंट्स की दवा कस्टमर को दे देते हैं। हालांकि उन दवाईयों के साइड इफैक्ट कम ही होते हैं लेकिन हमारे शरीर को जितनी पोटेशी की दवा चाहिए या कंपोनेंट की आवश्यकता है वह नहीं मिल पाते। जिससे कई बार ट्रीटमेंट को आगे बढ़ाना पड़ता है। इसलिए जरूरी है कि उसी कंपोनेंट की दवा लें जो चिकित्सक द्वारा प्रिस्क्राइब की गई हो।
एक्सपायरी और मैन्युफैक्चरिंग डेट देखें

हर दवाई पर उसकी एक्सपायरी और मैन्युफैक्चरिंग डेट मेंशन होती है। हम में से ज्यादा लोग खासकर महिलाएं चीजों की एक्सपायरी और मैन्युफैक्चरिंग डेट पर गौर नहीं करतीं। एक्सपायरी दवाईयों का सेवन करने से कई तरह की समस्याएं आ सकती हैं जैसे- चक्कर, उल्टी, पेट संबंधित विकार या घबराहट। इसलिए दवाईयां लेते समय उनकी एक्सपायरी और मैन्युफैक्चरिंग डेट को एक बार जरूर देखें। केमिस्ट कई बार स्टॉक क्लीयर करने के चक्कर में पुरानी दवाईयां दे देते हैं इसलिए इस फ्रॉड से बचें। इसके अलावा दवाई लेते समय ध्यान रखें कि रैपर कहीं से कटा या फटा न हो। दवाई टूटी न हों।
विशेष छूट और सेवाओं से न चूकें

कस्टमर से अच्छे रिलेशन बनाने या उन्हें आकर्षित करने के लिए केमिस्ट विशेष छूट और सेवाएं उपलब्ध कराते हैं। इन सेवाओं का जरूर लाभ उठाएं। आपको बता दें कि केमिस्ट को इन दवाओं पर काफी मार्जिन मिलता है इसलिए वह कस्टमर को आकर्षक ऑफर देते हैं। आजकल विशेष सेवाओं में कस्टमर को दवाओं में छूट, सिक्योरिटी, फ्री होम डिलीवरी और ऑनलाइन पेमेंट जैसे ऑफर शामिल हैं।
रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर पर ही जाएं

दवाईयां हमेशा रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर से ही लेनी चाहिए। एक प्रतिष्ठित और विश्वसनीय स्टोर से दवा लेने से सही रसीद और बिल प्राप्त करने में आसानी होती है। साथ ही दवाईयां खराब या गलत आने पर हम स्टोर के खिलाफ कंपलेंट भी कर सकते हैं। रजिस्टर्ड मेडिकल स्टोर पर सही और विश्वसनीय दवा मिलने का भरोसा तो होता ही इसके साथ ही आपको कई तरह के ऑफर और सुविधाएं भी मुहैया कराते हैं।
