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बंदर और घंटा : हितोपदेश की मनोरंजन कहानियां

एक दिन चोर ने गाँव के मंदिर का घंटा चुरा लिया। घंटा चुराने के बाद वह जंगल की ओर भागा। माँद में आराम कर रहे बाघ ने घंटे की आवाज़ सुनी तो उसे पसंद आई।

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शरारती बंदर : हितोपदेश की मनोरंजन कहानियां

एक बार किसी मंदिर में निर्माण कार्य हो रहा था। पास ही दो बढ़ई काम कर रहे थे। वे आरी से लकड़ी का बड़ा लट्ठा चीरने की कोशिश कर रहे थे।

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लोभी गीदड़: हितोपदेश की मनोरंजक कहानियां

बहुत समय पहले की बात है, किसी जंगल में एक शिकारी रहता था। वह अपने परिवार के साथ मज़े से जी रहा था। एक दिन वह हिरण के शिकार के लिए घर से निकला।

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संगीतज्ञ गधा : पंचतंत्र की कहानी

पुराने समय की बात है। एक धोबी के पास बूढ़ा और कमजोर गधा था लेकिन धोबी उस पर बहुत ज्यादा काड़ों का बोझ रख कर उन्हें धोने ले जाता था गधे का मालिक उसे भूखा रखता था इसलिए रात के समय गधा पास के ही खेतों में फसल खाने पहुंच जाता।

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सारस और चतुर केंकड़ा: पंचतंत्र की कहानी

बहुत समय पहले की बात है। तालाब के किनारे एक सारस रहता था। तालाब में मछलियों की कमी नहीं थी इसलिए वह मज़े से अपना पेट भरता।

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ब्राह्मण का उपहार : पंचतंत्र की कहानी

एक दिन एक ब्राह्मण को उपहार में एक बकरी मिली। वह बहुत खुश हुआ। वह उसे कंधों पर उठा कर, घर की ओर चल दिया। रास्ते में तीन ठगों ने ब्राह्मण को बकरी ले जाते देखा।

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नीला सियार: पंचतंत्र की कहानी

एक बार सियार भोजन की तलाश में यहाँ-वहाँ भटक रहा था। लेकिन उसे खाने को कुछ नहीं मिल सका। थका हुआ और भूखा सियार भटकते-भटकते शहर में जा पहुंचा।

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वफादार नेवला: पंचतंत्र की कहानी

एक ब्राह्मण अपनी पत्नी के साथ गाँव में रहता था। उनका एक पुत्र था, जिसे वे दोनों बेहद चाहते थे। एक शाम ब्राह्मण घर लौटा तो अपने साथ छोटा सा नेवला लेता आया। उसने पत्नी से कहा कि नन्हा नेवला उनके बेटे का पालतू बन जाएगा। बच्चा व नेवला दोनों ही बड़े होने लगे। धीरे-धीरे […]

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बेवकूफ कछुआ – पंचतंत्र की कहानियां

जंगल में एक बड़े से तालाब में कछुआ रहता था। दो बगुले उसके मित्र थे। बगुले अक्सर किनारे पर आ जाते, वे तीनों मिल कर खेलते व एक साथ काफी वक्त बिताते।

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