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प्रेमविवाह—गृहलक्ष्मी की लघु कहानी

Love Marriage Story: ‘ये मैं क्या सुन रहा हूूॅ?’’ दद्दा की भृकुटि तनी हुयी थी।‘‘मैं आकृति से शादी करना चाहता हॅूं।‘‘‘‘आज तक इस घर में न प्रेम विवाह हुआ है ना होगा, ” दद्दा भडके।‘‘ठीक है आपने मेरा लालन—पालन किया और इस लायक बनाया कि मैं आज अपने पैरों पर खडा हूं। कृतघ्न न कहाउॅ […]

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प्रोफेशनल

Professional Wife Story: ‘ये वक्त है आने का? मनोहर से रहा न गया।‘क्या करूं। काम ही ऐसा है? घर में घुसते हुए रागिनी ने जवाब दिया।‘रात ग्यारह बजने को है। कौन सा काम कंपनी करवाती है जो समय से नहीं छोड़ती?‘तुम कहना क्या चाहते हो? रागिनी की त्योरियां चढ़ गई।‘ऐसा रोज-रोज नहीं चलेगा। अपने बॉस […]

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नाशुक्र

Hindi Kahani: बड़ी बेटी शिवानी के साथ दिल्ली लौटते समय मौसी जी रुंधे कंठ से अपने बेटे अनिकेत से बोली, ‘ये समझ लो तुम्हारे पिता के साथ मैं भी मर गई। कहते-कहते मौसी जी की आंखे भर आई। जब से कोरोना के चलते मौसा जी गुजरे, मौसी जी के आंसू रुकने का नाम नहीं ले […]

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हां यही प्यार है – लव स्टोरी

गृहलक्ष्मी की कहानियां- ‘ये कोई बात हुयी। आप दस कहो मैंने मान लिया। मैंने एक कहा तो मुंह बन गया,’’ कविता का स्वर तल्ख था। मैंनेउसकी आंखों में झांकने की कोशिश की। इस तल्खी के पीछे कहीं न कहीं उस बेनाम रिश्ते की पीड़ा थी, जो तीन सालचलने के बाद टूट गयी।”फिर प्रेम कहां हुआ?’’मेेैंने पूछा।‘‘मेैं […]

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छली – गृहलक्ष्मी की कहानी

अमित से मंजरी की जान-पहचान मात्र एकाध हफ्ते की थी। इतने कम समय में किसी के मूल चरित्र को समझ पाना संभव है? जाहिर है नहीं। तिसपर वह भावनाओं पर नियंत्रण न रख सकी। अमित पर भरोसा करके उसे सबकुछ सौंप दिया। उसका मन कचोटने लगा। क्या वह कभी अपने आपको माफ कर पायेगी? मंजरी […]

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