Manmaniya: मां ,आखिर आपको क्या हो गया है ?जब से डॉक्टरी पूरी करके आया हूं आपका तो रवैया ही बदल गया है । बार-बार मुझसे मेरी पसंद पूछ रही हो जबकि हमेशा आपने अपनी मर्ज़ी ही चलाई है, पारस बोला। पता है आपको मुझे बचपन में ऑरेंज आइसक्रीम, चुस्की, कुल्फी ,चूरन,तेज मसाले वाले चिप्स बहुत […]
Author Archives: वन्दना भटनागर
बस एक सनम चाहिये-लव स्टोरी
Hindi Love Story: शोभा, साढ़े पांच बज गये हैं आज उठोगी नहीं क्या? सोहम अपनी पत्नी से बोले। अरे आज घुटनों के दर्द ने सोने ही कहां दिया। कितनी देर से सोच रही हूं कि उठूं और तेल गर्म करके लाऊं पर हिम्मत ही नहीं हो रही है। मुझे जगा दिया होता बेकार परेशान होती […]
प्रेम की पराकाष्ठा: गृहलक्ष्मी की कहानियां
गृहलक्ष्मी की कहानियां ओ हो! ये क्या हाल बना रखा है आपने अपना! और देखो तो सही पलंग पर भी कैसे सामान फैला रखा है? कोई बैठना चाहे तो बैठ भी ना सके।अरे लेक्चर ना सुनाओ मुझे, जैसा रखा है वैसा ही रखा रहने दो तुम मेरा सामान। तुम तो सफाई के नाम पर कहीं […]
करारा जवाब – गृहलक्ष्मी लघुकथा
शिप्रा के पास उसके सात वर्षीय बेटे नमन के स्कूल से फोन आया। वह फोन पर बात करके तुरंत नमन के कमरे में पहुंची और उसको लताड़ते हुए बोली ,”आज स्कूल में तुम्हारे साथ इतनी बड़ी बात हो गई और तुमने बताना भी ज़रूरी नहीं समझा!
अडिग फैसला – गृहलक्ष्मी कहानियां
सुजाता रसोई में काम करते हुए लगातार बड़बड़ाये जा रही थी।”जीजी का तो अधेड़ावस्था में दिमाग खराब हो गया है ,भला लोग क्या कहेंगे।इस उम्र में शादी करने की बात कर रही हैं जब भतीजे – भतीजी शादी के लायक हो गए हैं। अब उम्र भी कितनी बची है जो अपना अलग संसार बसाने की सोच रही हैं। सारी उम्र तो यहां रहीं और अब अपनी सारी दौलत लुटाने को हमसफर ढूंढ रही हैं।”
हां, यही प्यार है – गृहलक्ष्मी कहानियां
बहुत दिनों बाद अपने चाचा को घर आया देखकर शुभिका की खुशी का कोई ठिकाना नहीं था। उन्हें पानी का गिलास हाथ में पकड़ाते हुए वो बोली एक ही शहर में रहते हुए भी इतने महीने में आ रहे हैं आप और आज भी चाचीजी को अपने साथ नहीं लाये। यह सुनकर उसके चाचाजी बोले मैं तो तेरी चाची से कह-कहकर थक गया पर वह यहां आने को तैयार ही नहीं हुई। अब वह बिल्कुल बदल गई है। मैं तो बहुत परेशान आ गया हूं।कितने ही डाॅक्टर्स को दिखा चुका हूं।
