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अपशगुनी-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Grehlakshmi ki Kahani: रमा अस्पताल के कॉरिडोर में तेज कदमों से टहल रही थी। उसके आंखों से आंसू थमने का नाम ही नही ले रहे थे। लेबर रूम में अंदर उसकी देवरानी रूपा प्रसव वेदना से तड़प रही थी।बाहर रमा हाथ मे फोन लिए लगातार घर वालो को फोन लगाए जा रही थी लेकिन किसी […]

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आत्मसम्मान-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Self Respect Story: शांति और भुवनेश्वर जी के दोनो बच्चे विदेश में रहते थे एक बार दोनों पति—पत्नी दिवाली पर वृद्धाश्रम गए,तब शांतिजी को वहाँ अपनी सहेली शांति भी दिखी। जिन्हें उनके एकलौते बेटे बहू ने घर से निकाल दिया था| अपनी सहेली शांति को शांति जी वृद्धाश्रम से अपने घर अपने साथ रहने के […]

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प्यार का इजहार-प्रेम कहानी  

Hindi Love Story: “प्यार में दूरियां” “प्यार में ये दूरियां भी जरूरी है माना प्यार का रंग लाल सही पर इसमें काली अँधेरी रात भी जरूरी है। अगर प्यार सच्चा हो तो  उतना ही चटक प्यार का रंग हो जाता है। जितनी अधिक दूरियां हो जाती है। हर पल उसकी यादों में खोया दिल ना […]

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कटी पतंग-गृहलक्ष्मी की कहानियां

Kite Story: ससुराल में मेरी पहली मकर संक्रांति थी ठंडी की छुट्टियों पर पूरा परिवार इकट्ठा था मेरी ननद भी अपने दोनों बच्चों और पति के साथ आयी हुई थी छत पर सब पतंग उड़ा रहे थे। उन्हें एक साथ पतंग उड़ाता देख कर मुझे मेरा बचपन याद आ गया । अपने मायके में बचपन […]

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