यह बात उस दिन की है जब मेरे पति मुझे देखने अपने परिवार के साथ मेरे घर पर आए थे। मैं और मेरी मां सभी रिश्तेदारों की खातिरदारी में व्यस्त थे। मैं और मेरे पति पहले से एक-दूसरे को जानते थे इसलिए मैं उनके परिवार के सभी सदस्यों को करीब से जानना चाहती थी। सभी […]
Author Archives: रचना नौडियाल
पहली पसंद -हाय मैं शर्म से लाल हुई
Funny Story: यह बात बहुत समय पहले की है जब मैं कॉलेज में पढ़ती थी और गर्मी की छुट्टियों में उत्तराखंड में अपनी नानी के घर गई हुई थी। एक दिन मेरी मौसी की बेटी को देखने के लिए लड़केवाले आए हुए थे। मेरी मौसी की बेटी पढ़ी लिखी और समझदार थी लेकिन उनका रंग […]
चॉकलेट रंग की चाय-हाय मैं शर्म से लाल हुई
Hindi Funny Story: यह बात उस दिन की है जब मेरे पति मुझे देखने अपने परिवार के साथ मेरे घर पर आए थे। मैं और मेरी मां सभी रिश्तेदारों की खातिरदारी में व्यस्त थे। मैं और मेरे पति पहले से एक दूसरे को जानते थे इसलिए मैं उनके परिवार के सभी सदस्यों को करीब से […]
मेरा शहर कोटद्वार-गृहलक्ष्मी की लघु कहानी
Short Stories: देवभूमि उत्तराखंड पर्वतों पर बसा एक खूबसूरत राज्य है| इसी राज्य में एक खूबसूरत शहर है ,कोटद्वार ,जिसे गढ़वाल का द्वार भी कहते हैं | इसी शहर में मैं अपने माता-पिता के साथ तब आई थी| जब मैं 10 साल की थी| यहीं एक सरकारी विद्यालय में मेरी शिक्षा शुरू हुई| उस स्कूल […]
पहला उपहार-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Stories in Hindi: जीवन में पहला उपहार बेहद मायने रखता है, खासकर तब जब आपको उसके मिलने की उम्मीद ही न हो। बचपन से ही कृतिका को अपनी पेन्सिल से बहुत लगाव था और जब उसके हाथों में पेन आया तो फिर उसका पेन के साथ भी एक गहरा लगाव हो गया। कविताएं और कहानियां […]
