रविवार की छुट्टी का दिन। नाश्ता आदि करके अखबार की सुर्खियों को देख ही रहा था कि तभी मेरे पोते रेआंस ने चुपके-चुपके पीछे से आकर मेरी आँखों को अपने नन्हें-नन्हें कोमल हाथों से ढक लिया। “दादू बताओ कौन?” मैंने जान-बूझकर छोटे पोते का नाम बोल दिया, निकू…. निकू….” वह खिलखिलाकर हँसता हुआ ताली बजाने […]
