Love Short Story: राखी हवा में उड़ रही थी। अब राखी बस कूदो -हम हैं, ग्लाइडर तुम्हारे पीछे है। मम्मी मुझे सूसू आ रहा है | मम्मी मम्मी उठो -ईशान ने ज़ोर से कहा। राखी हड़बड़ा कर उठ गयी। राखी जो एक 24 साल की हाउस वाइफ थी।ईशान उसका 3 साल का बेटा था। उसका […]
Author Archives: पारुल आनंद
चैन की रोटी-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Short Story: एक बार एक बहु थी | वह रोज़ खाना बनाती थी | अपने पति, बेटी, और सास के लिए | सब लोग बहुत प्रसन्न होकर भोजन करते थे | सास हमेशा बोलती प्रभु तेरा लाख लाख शुक्रिया ” हमेशा ऐसे ही चैन की रोटी देते रहना | बहु को बड़ा अजीब लगता कि भोजन मै देती हूँ […]
मैं एक औरत हूं—गृहलक्ष्मी की कविता
Women Poem: मैं एक औरत हूंएक अहसास, कुछ फरियाद, बुनियाद |मै एक औरत हूँ |बनाती घर, बनाती एक पूरा परिवार,जज़्बातो से और अहसासों से, नहीं मिटने देती किसी का मन |मै शायद एक कलाकार हूँ |मै एक औरत हूँ |कभी बेटी, बहु, गृहणी कितने रूप मेरे ,सजजनता और मर्यादा में परोसी एक व्याख्या हूँ |मै […]
मेरा घर है-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Mera Ghar: सुनैना अपने घर से ऑफिस जाने के लिए निकली थी, कि गुरमी साहूकार ने रोक लिया | बहन इस महीने का किराया | सुनैना सकपका गयी, किराया का घर, और रोज़- रोज़ गुरमी का आकर किराया मांगना उसे बहुत खलता था | उसने ५०० के ८ नोट निकाले और बड़े बेमन से उसकी […]
धोखा-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Betrayal Story: दुश्मन न करे दोस्त ने वो काम किया है,उम्र भर का गम हमें इनाम दिया है |रेडियो पर यह गाना चल रहा था | स्वाति को अपना पूरा सारांश जीवन का इस गाने में नज़र आ गया | अब तो उसके पास किसी चीज़ की कमी नहीं थी | पर उन दिनों को […]
पूर्ण समर्पण न कि समझौता-गृहलक्ष्मी की कहानियां
Short Stories: जीवन में बहुत से ऐसे दौर आते हैं, जब हम जीवन के ऐसे पाट में फ़स जाते हैं, कि निकलने के लिए काफी प्रयास करना पड़ता है | कभी आप किसी कार्य को समझौता समझ कर करते हैं, और कभी समर्पण | फर्क सिर्फ सोच का है | इसी को दर्शाते हुए समर्पित […]
