वह सुन्न निष्क्रिय खड़ी रही। नीला लिफाफा हाथों में पकड़ होने पर भी हवा में फड़फड़ा रहा था। उसे लगा होस्टल की सीढ़ियां चढ़ते-चढ़ते वह भी पत्ते की मानिन्द फड़फड़ा रही है। एक अर्से के बाद यह उसे क्या सूझी? गेट से लेकर अपने कमरे तक पहुंचते-पहुंचते वह एक ही तरह के वाक्य का कोटि […]
