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टुकड़ा – 21 श्रेष्ठ नारीमन की कहानियां गुजरात

‘मैडम,साहब ने याद किया है,’ चपरासी ने दो बार अर्पिता से कहा। नीचे देखकर काम कर रही अर्पिता की उँगलियाँ कंप्यूटर के की-बोर्ड पर चलती रहीं। चपरासी इससे अभ्यस्त था। उसने अर्पिता के टेबल पर हाथ की उँगलियों से दस्तक दी और तीसरी बार और जोर से वही वाक्य कहा, ‘मैडम, साहब ने याद किया […]

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