Vasan Balan
Vasan Bala

Overview:हिट-फ्लॉप के इस खेल में खुद को खो चुके थे वासन बाला अब कर रहे हैं दमदार वापसी की तैयारी

वासन बालन की कहानी फिल्म इंडस्ट्री के उस सच को दिखाती है, जो ग्लैमर के पीछे छिपा होता है—संघर्ष, टूटन और फिर से खड़े होने की जिद। ‘जिगरा’ उनके लिए एक नई शुरुआत है, और उनके शब्दों में एक सच्चाई है जो किसी भी इंसान को इंस्पायर कर सकती है।

Vasan Bala Comeback Story: फिल्म इंडस्ट्री में ग्लैमर जितना दिखता है, परदे के पीछे संघर्ष उससे कहीं ज्यादा होता है। निर्देशक वासन बालन, जो ‘मर्द को दर्द नहीं होता’ जैसी यूनिक फिल्में बना चुके हैं, आज भी मुंबई में किराए के घर में रह रहे हैं। वजह—बॉक्स ऑफिस पर पिछली फिल्मों की असफलता। लेकिन अब वो आलिया भट्ट के साथ फिल्म ‘जिगरा’ बना रहे हैं और इसे लेकर उनके भीतर नई ऊर्जा है। हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में वासन ने खुलकर अपने संघर्ष, असफलता और उम्मीदों की कहानी साझा की।

जब उम्मीदें टूटने लगीं

वासन ने कहा कि जब फिल्में नहीं चलीं, तो उन्हें लगने लगा कि शायद फिल्ममेकिंग का उनका सफर यहीं खत्म हो गया है। आत्मविश्वास डगमगा गया था और कुछ समय तक उन्होंने खुद को एकदम अलग-थलग कर लिया था।

आर्थिक तंगी के बीच किराए के घर में जिंदगी

बॉक्स ऑफिस की असफलता का सीधा असर उनकी निजी जिंदगी पर भी पड़ा। उन्होंने बताया कि आज भी वे अपना घर नहीं ले पाए हैं और किराए के फ्लैट में ही रह रहे हैं। लेकिन इसका मलाल उन्हें नहीं, बल्कि इससे मिली सादगी को वो अब अपनी ताकत मानते हैं।

‘जिगरा’ से मिली फिर एक नई रोशनी

Vasan Bala Comeback Story
Vasan Bala

जब आलिया भट्ट ने ‘जिगरा’ के लिए उन्हें चुना, तो यह उनके लिए सिर्फ एक फिल्म नहीं थी, बल्कि एक नई शुरुआत थी। वासन बताते हैं कि इस प्रोजेक्ट ने उन्हें फिर से खुद पर भरोसा करना सिखाया।

फिल्में न चलने का दर्द

वासन कहते हैं कि भले ही फिल्में नहीं चलीं, लेकिन उन्होंने लिखना नहीं छोड़ा। वो हर दिन खुद से लड़ते रहे, खुद को जोड़े रखा और नई कहानियों को जन्म देते रहे।

फिल्म इंडस्ट्री की बेरुखी

वासन बालन ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री में मौके मिलना आसान नहीं होता, लेकिन उन्हें दर्शकों से हमेशा सराहना मिली है। यही सराहना उन्हें फिर से रचनात्मक रूप से मजबूत करने का आधार बनी।

नाम से नहीं, काम से बनती है पहचान

वासन बालन ने कहा कि वह मानते हैं कि बड़ी गाड़ियाँ, घर या शोहरत से ज्यादा ज़रूरी है एक अच्छा काम। उन्होंने खुद को फिर से काम के जरिए साबित करने की ठानी है, न कि बाहरी दिखावे से।

‘जिगरा’ सिर्फ एक फिल्म नहीं, एक वापसी की कहानी है

‘जिगरा’ वासन बालन के लिए सिर्फ स्क्रिप्ट और कैमरे का खेल नहीं है, बल्कि उनके संघर्षों, हार, और उम्मीदों की जीवंत कहानी है। उन्होंने इस फिल्म को दिल से बनाया है और उम्मीद है कि यह दर्शकों के दिल तक पहुंचेगी।

मेरा नाम श्वेता गोयल है। मैंने वाणिज्य (Commerce) में स्नातक किया है और पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी डिजिटल प्लेटफॉर्म से बतौर कंटेंट राइटर जुड़ी हूं। यहां मैं महिलाओं से जुड़े विषयों जैसे गृहस्थ जीवन, फैमिली वेलनेस, किचन से लेकर करियर...