Overview: कौन से बर्तन हैं जो सेहतमंद हैं और लंबा जीवन जीने में भी मदद कर सकते हैं
नॉनस्टिक बर्तनों की जगह अगर आप लोहे, मिट्टी, कांसे और स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का इस्तेमाल शुरू करें, तो यह न सिर्फ खाना स्वादिष्ट और पौष्टिक बनाएगा, बल्कि आपकी इम्युनिटी और आयुर्वेदिक स्वास्थ्य को भी मज़बूती देगा।
Utensils Best for Cooking: आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में ज्यादातर लोग नॉनस्टिक बर्तनों को अपनी रसोई का हिस्सा बना चुके हैं। ये देखने में स्मार्ट होते हैं, कम तेल में खाना पकता है और साफ भी जल्दी हो जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नॉनस्टिक बर्तनों में इस्तेमाल होने वाली कोटिंग सेहत के लिए खतरनाक हो सकती है? विशेषज्ञों की मानें तो कुछ पारंपरिक और प्राकृतिक मटेरियल से बने बर्तन न सिर्फ खाना हेल्दी बनाते हैं, बल्कि शरीर को भी पोषण देते हैं और जीवनशैली को सुधारते हैं। आइए जानें, कौन से हैं वो 4 बर्तन जो सेहतमंद, टिकाऊ और रोज़मर्रा की कुकिंग के लिए सबसे बेहतरीन हैं।
लोहे के बर्तन
लोहे के तवे या कड़ाही में पका हुआ खाना न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें आयरन की मात्रा भी बढ़ जाती है। खासतौर पर महिलाओं, बच्चों और एनीमिया से पीड़ित लोगों के लिए लोहे के बर्तन बेहद फायदेमंद होते हैं। रोज़ की सब्ज़ी या पराठे लोहे की कड़ाही में बनाना आपकी सेहत को लंबे समय तक फायदा पहुंचा सकता है।
मिट्टी के बर्तन

मिट्टी के बर्तन खाना पकाने का सबसे पारंपरिक और प्राकृतिक तरीका है। इनमें खाना धीमी आंच पर धीरे-धीरे पकता है जिससे सारे पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं और स्वाद दोगुना हो जाता है। साथ ही, मिट्टी में मौजूद खनिज (minerals) खाने में मिलकर शरीर को प्राकृतिक पोषण देते हैं।
कांसे के बर्तन

कांसा यानी ब्रॉन्ज, एक मिश्र धातु है जो तांबा और टिन से बनता है। यह शरीर के वात, पित्त और कफ दोष को संतुलित करता है। कांसे के बर्तनों में खाना परोसना और खाना सेहत के लिए लाभकारी होता है। यह पाचन शक्ति को सुधारता है और इम्युनिटी को भी मजबूत करता है। हालांकि, खाना पकाने के लिए कम और खाने परोसने के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता है।
स्टेनलेस स्टील के बर्तन
स्टील के बर्तन हर किचन में आम होते हैं, और सही कारणों से। ये जंग नहीं लगाते, लंबे समय तक चलते हैं और इनमें कोई हानिकारक कोटिंग नहीं होती। स्टील के कुकर, पतीले और तवे रोज़ाना इस्तेमाल के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक माने जाते हैं। ये बर्तन नॉन-टॉक्सिक होते हैं और साफ करना भी बेहद आसान होता है।
नॉनस्टिक बर्तनों के नुकसान
नॉनस्टिक बर्तनों में टेफ्लॉन या पीएफओए कोटिंग होती है, जो अधिक गर्मी में टूटकर जहरीले रसायन छोड़ सकती है। लगातार इनके इस्तेमाल से लिवर, हार्मोन और सांस संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए इनसे दूर रहना बेहतर है।
बर्तनों की सफाई और देखभाल भी है ज़रूरी
सिर्फ अच्छे बर्तन खरीदना काफी नहीं, उनकी देखभाल और सही सफाई भी ज़रूरी है। लोहे के बर्तनों को जंग से बचाने के लिए उन्हें घी या तेल से ग्रीस करें, मिट्टी के बर्तनों को धूप में सुखाएं और स्टील के बर्तनों को ज्यादा देर तक खाली गैस पर न रखें।
बर्तन बदलें, आदत बदलें
रोज़मर्रा की ज़िंदगी में छोटे बदलाव जैसे हेल्दी बर्तनों का इस्तेमाल, धीमी आंच पर खाना पकाना और ज़्यादा तेल से परहेज़ करना आपको दीर्घकालिक सेहत लाभ दे सकता है। सही बर्तन सिर्फ खाना नहीं, सेहत भी गढ़ते हैं।
