Types of Marriages: सात फेरे, मांग में सिंदूर, सात वचन और ढेर सारी भावनाएं मिलकर शादी को पवित्र बनाती हैं। जिसे दूल्हा-दुल्हन ताउम्र निभाने का वादा भी करते हैं। लेकिन आज के मॉर्डन युग में शादी के मायने ही अलग हो गए हैं। पहले केवल अरेंज और लव मैरिज ही की जाती थी लेकिन अब प्यार, स्वतंत्रता और प्राथमिकताओं के चलते शादी के मूल्यों में बदलाव आया है। पिछले कुछ सालों में शादी समारोह और वचनों पर कम कागजों पर ज्यादा निर्भर करती है। मॉर्डन युग में शादी ने कैसा अपना रूप बदला है चलिए जानते हैं इसके बारे में।
सुविधा आधारित शादी

इस शादी को परीक्षण अवधि के रूप में माना जा सकता है। ये शादी आपसी सम्मान, गोल्स और स्थिरता पर आधारित होती है जिसमें प्यार, रोमांस और फिजिकल अट्रैक्शन की उम्मीद नहीं की जाती। ये शादी अक्सर उन लोगों द्वारा चुनी जाती है जिसमें भावनाओं को नहीं बल्कि साथी की समझदारी को महत्व दिया जाता है। यह शादी उन लोगों के लिए आइडियल हो सकती है जो लॉन्ग टर्म सिस्टम और फाइनेंशियल जिम्मेदारियों को बिना किसी परंपरिक तरीके से एक-दूसरे के साथ शेयर करना चाहते हैं।
रिन्यूएबल कॉन्ट्रैक्ट मैरिज
इस शादी के अंतर्गत कपल्स एक निश्चित अवधि, अक्सर 2 से 5 साल, के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, जिसके अंत में वे इसे नवीकरण करने या समाप्त करने का विकल्प चुन सकते हैं। इस प्रकार की शादी में रिश्ते की ट्रांसपेरेंसी बनी रहती है। रिन्यूएबल कॉन्ट्रैक्ट मैरिज में कपल्स अपनी मर्जी से साथ रहते हैं और कभी भी अलग हो सकते हैं। इसमें किसी प्रकार को कोई बंधन नहीं होता।
साथ रहते हुए भी अलग रहना (LAT)
LAT पार्टनर रोमांटिक और भावनात्मक रूप से प्रतिबद्ध रहते हुए अलग-अलग घरों में रहना पसंद करते हैं। ये शादी कपल्स को जिम्मेदारियों और कमेंटमेंट से दूर रखती है। यह उन लोगों के लिए बेहतर हो सकती है जो करियर बनाने में व्यस्त हैं, जो अंतर्मुखी हैं या जो अपनी दिनचर्या को महत्व देते हैं। कुछ कपल्स एक साथ रहते हैं लेकिन किसी प्रकार की जिम्मेदारी शेयर नहीं करते।
पेरेंटिंग पार्टनरशिप

सभी कपल्स रोमांस के लिए शादी नहीं करते कुछ जानबूझकर को-पेरेंटिंग के लिए शादी करते हैं। पेरेंटिंग पार्टनरशिप दो ऐसे व्यक्तियों के बीच होती है जो रोमांटिक रिश्ते के बिना एक साथ बच्चे पालना चाहते हैं। ये शादियां वेल्यूज, ट्रस्ट और बच्चे की पेरेंटिंग के लिए मजबूत कम्यूनिकेशन पर आधारित होती है। अक्सर दोस्त या समान विचारधारा वाले लोग ऐसी शादियां करते हैं ताकि बच्चों के लिए स्थिर और पोषणकारी माहौल बनाया जा सके।
डिजिटल शादी
डिजिटल शादी मुख्य रूप से ऑनलाइन बनती और चलती हैं। निरंतर वर्चुअल कम्यूनिकेशन, डिजिटल एक्सपीरिएंस और कभी-कभी वर्चुअल समारोहों के माध्यम से शादी फिक्स की जाती है। इसके तहत पार्टनर्स अलग-अलग देशों में रह सकते हैं या अपनी पर्सनल स्पेस का ख्याल रखते हुए एक शहर में भी रह सकते हैं, लेकिन भावनात्मक और कानूनी रूप से एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं। वर्चुअल डिजिटल शादियां दर्शाती हैं कि कैसे दूर रहकर भी रिश्ते को निभाया जा सकता है। इस शादी में पार्टनर्स जब चाहें फिजिकली जुड़ भी सकते हैं।
