Making Organic Manure
Making Organic Manure

Making Organic Manure: बगीचे की मिट्टी को उपजाऊ और स्वस्थ बनाए रखने के लिए ऑर्गेनिक खाद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रासायनिक खाद भले ही त्वरित परिणाम देती हो लेकिन लंबे समय में यह मिट्टी और पर्यावरण दोनों के लिए हानिकारक हो सकती है। ऐसे में प्राकृतिक तरीकों से खाद बनाना न केवल पर्यावरण के लिए अच्छा है बल्कि यह आर्थिक रूप से भी किफायती है। आइए जानते हैं पाँच सरल और प्रभावी तरीके जिनसे आप घर पर ही ऑर्गेनिक खाद तैयार कर सकते हैं।

Kitchen Waste Compost
Kitchen Waste Compost

घर के कचरे का सबसे अच्छा उपयोग कम्पोस्टिंग में किया जा सकता है। सब्जियों के छिलके, फल के अवशेष, चाय की पत्ती, अंडे के छिलके आदि को एक गड्ढे या ड्रम में इकट्ठा करें। इसमें समय-समय पर सूखी पत्तियाँ या अखबार के टुकड़े मिलाते रहें ताकि नमी और कार्बन का संतुलन बना रहे। लगभग 2-3 महीने में यह खाद तैयार हो जाती है जो मिट्टी को भरपूर पोषण देती है।

पारंपरिक भारतीय खेती में गोबर खाद का विशेष स्थान है। गाय या भैंस के गोबर को सूखाकर या फिर ताजा गोबर में सूखे पत्ते और मिट्टी मिलाकर ढेर लगाएं। इसे नियमित रूप से पलटते रहें ताकि यह जल्दी सड़ सके। गोबर खाद में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं जो पौधों के लिए अत्यंत लाभकारी हैं। जिसकी वजह से आपके पौधे की सेहत सही रहती है और यह अच्छे से ग्रो करत है। 

केंचुओं की सहायता से बनाई जाने वाली यह खाद अत्यधिक पोषक होती है। गोबर, किचन वेस्ट और सूखी पत्तियों को एक विशेष कंटेनर में रखें और उसमें केंचुए छोड़ दें। कुछ ही हफ्तों में केंचुए इसे काले और मुलायम खाद में बदल देंगे। यह खाद मिट्टी की गुणवत्ता सुधारने में अत्यंत कारगर होती है। इससे मिट्टी की उत्पादकता बढ़ती और पौधे स्वस्थ्य होते हैं। बीमारियाँ नहीं लगती। 

Green Manure
Green Manure

हरी खाद के लिए आप किसी भी खेत या गार्डन में दलहनी पौधों को बो सकते हैं। जब ये पौधे छोटे-छोटे हों, तभी इन्हें मिट्टी में मिला दिया जाता है। इससे मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा स्वाभाविक रूप से बढ़ती है और मिट्टी की संरचना में सुधार होता है। यह विधि विशेष रूप से खेती के लिए उपयोगी होती है। इस खाद से पौधे सेहतमंद होते हैं और तेज़ी से ग्रो करते हैं। 

हड्डियों को सुखाकर पीस लें और अंडे के छिलकों को क्रश करके पौधों की जड़ों के पास डालें। बोन मील में फॉस्फोरस और कैल्शियम भरपूर मात्रा में होते हैं, जो पौधों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं। अंडे के छिलके भी मिट्टी के पीएच स्तर को संतुलित करने में मदद करते हैं।

ऑर्गेनिक खाद बनाने के ये प्राकृतिक तरीके न केवल आपके बगीचे को स्वस्थ बनाते हैं, बल्कि पर्यावरण की रक्षा में भी अहम योगदान देते हैं। थोड़ी सी मेहनत और धैर्य के साथ आप घर पर ही बेहतरीन खाद तैयार कर सकते हैं, जो आपके पौधों को प्राकृतिक पोषण देगी। प्रकृति के इस चक्र में सहभागी बनें और अपने आसपास हरियाली फैलाएं।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...