Side Effects of Ghee: हमारे भारत में घी दूध को उत्तम आहार माना जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी होता है। मॉडर्न साइंस और आयुर्वेद दोनों के अनुसार घी का सेवन करने से हमारे शरीर में ऊर्जा, रोग प्रतिरोधक क्षमता और पोषण के लिए बहुत ही उपयोगी साबित होता है। घी में विटामिन E, D और K जैसे आवश्यक पोषण तत्व मौजूद होते हैं। हमारे सेहत के लिए अमृत समान घी कुछ स्थितियों में हानिकारक साबित हो सकता है। हालांकि इसके कई स्वास्थ्य लाभ हैं। लेकिन कुछ बीमारियों में इसका सेवन जहर के समान समझा जा सकता है। आईए जानते हैं क्या है घी खाने के फायदे और किन चार बीमारियों में घी का सेवन करने से बचना चाहिए।
घी के फायदे क्या है?

सुबह खाली पेट अगर घी का सेवन किया जाए तो यह हमारे पाचन तंत्र के लिए बहुत ही लाभदाई है। यह शरीर के पाचन शक्ति को बैलेंस करता है और जमा हुए टॉक्सिंस को बाहर निकलने में भी मदद करता है। इंस्टेंट एनर्जी के लिए घी अच्छा सोर्स है। यह हमारे मांसपेशियों को भी मजबूती प्रदान करता है। एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होने के कारण घी का सेवन करने से हमारा इम्यूनिटी बूस्ट होता है और कई प्रकार के इंफेक्शन से हम बच जाते हैं। घी एक मॉइश्चराइजिंग एजेंट है। यह हमारी त्वचा को मॉइश्चर प्रदान करता है। यह बालों के जड़ों को भी पोषण देता है। घी का सेवन करने से हमारा ब्रेन सही से कार्य करता है। कंसंट्रेशन और मेमोरी बढ़ाने के लिए यह फायदेमंद है।
किन चार बीमारियों में घी का सेवन नहीं करना चाहिए ?
घी हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है लेकिन कुछ ऐसी हेल्थ से जुड़ी परिस्थितियां हो सकती हैं, जिस दौरान घा का सेवन करना जहर के समान साबित हो सकता है। इसलिए भूलकर भी इन स्थितियों में घी का सेवन ना करें।
हार्ट डिजीज
जो लोग हृदय से जुड़ी समस्याओं से परेशान होते हैं। उनके लिए घी का सेवन करना हानिकारक हो सकता है क्योंकि घी में उच्च मात्रा में सैचुरेटेड फैट मौजूद होता है। जिन लोगों को हाई कोलेस्ट्रॉल की वजह से हार्ट से जुड़ी बीमारियां होती हैं। वह अगर घी का सेवन करें तो कोलेस्ट्रोल का लेवल उनके शरीर में बढ़ सकता है और हृदय से जुड़ी बीमारियों के बढ़ने का खतरा अधिक हो सकता है। इसलिए अगर आपको हृदय से जुड़ी कोई भी समस्या है तो घी का सेवन ना करें या फिर बहुत ही सीमित मात्रा में करें।
पाचन समस्याएं

इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम, अपच, एसिडिटी जैसी पाचन से जुड़ी बीमारियों में घी का सेवन करना नुकसानदायक साबित हो सकता है। घी खाने से पेट में एसिडिटी या भारीपन और भी बढ़ सकता है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है। जिन लोगों का पाचन तंत्र कमजोर होता है उनके लिए घी का सेवन करने से पेट दर्द और गैस जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। जिन लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं हैं। वे घी का सेवन हल्के भोजन के साथ करें और डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
मोटापा
जो लोग ओबेसिटी या मोटापे की शिकार होते हैं वह घी का सेवन न करें तो ही बेहतर होगा क्योंकि घी में अधिक मात्रा में कैलोरीज मौजूद होती हैं। घी का अधिक सेवन करने से वजन बढ़ने की समस्या देखी जा सकती है। जो लोग पहले से ही मोटापे से ग्रस्त होते हैं। उनके शरीर में फैट का लेवल अधिक होता है। घी का अधिक सेवन करने से मोटापे की स्थिति और भी खराब हो सकती है। यह वजन बढ़ाने के साथ-साथ डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसे समस्याओं को भी निमंत्रण दे सकता है। जो लोग मोटे होते हैं उन्हें घी गुस्से में मात्रा में खाना चाहिए। ऐसे लोगों को अपने आहार में फाइबर से जुड़ी चीजों को शामिल करना चाहिए।
गुर्दे की बीमारी
जिन लोगों को गुर्दे से जुड़ी समस्याएं होती है या जिनकी किडनी सही से कार्य नहीं कर पाती यानी शरीर से टॉक्सिंस ठीक से बाहर नहीं निकाल पाते तो उन्हें घी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। घी में फैट की मात्रा अधिक होती है, जिससे किडनी के कार्य क्षमता पर बुरा असर पड़ सकता है। यह यूरिया को बढ़ा सकता है, जिससे किडनी और भी वीक हो सकती है। गुर्दे से जूझ रहे रोगियों को डॉक्टर की सलाह पर ही घी का सेवन करना चाहिए। उन्हें अपने आहार में हेल्दी फैट शामिल करना चाहिए।
