आप जिस भी बच्चे को प्ले स्कूल भेजने से पहले इन बातों पर ध्यान दीजिए स्कूल में अपने बच्चे को भेजने जा रहे हैं, सबसे पहले तो उसका रजिस्ट्रेशन ज़रूर चैक कीजिए। सभी प्ले स्कूलों के लिए कुछ बुनियादी बातों का पालन करना बेहद ज़रूरी होता है। उन्हें मिला रजिस्ट्रेशन इसी बात की पुष्टि करता है कि वे उन मानकों को पूरा करते हैं।
- समय-समय पर प्ले स्कूल की सरप्राइज़ विजि़ट करके वहां के स्टाफ के व्यवहार का मूल्यांकन भी करते रहिए। उन्हें ये लगना बहुत ज़रूरी है कि भले ही आप अपने काम में इतने व्यस्त हैं कि आप प्ले स्कूल पर निर्भर हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि आप अपने बच्चे की परवरिश में किसी भी तरह का समझौता बर्दाश्त करेंगे।
- बहुत से प्ले स्कूल बच्चों को सिर्फ खिलौने पकड़ाकर खेलने बिठा देते हैं और थक जाने पर उन्हें सुला देते हैं। ये काम तो बच्चे घर पर भी कर सकते हैं, फिर प्ले स्कूल ही क्यों! याद रखिए, अपने बच्चे को आप प्ले स्कूल वे तमाम बुनियादी बातें सिखाने भेजते हैं, जो आप अपनी भागदौड़ भरी दिनचर्या के चलते खुद न कर पाने को मजबूर हैं।
- ऐसे प्ले स्कूल का चुनाव हर्गिज़ मत कीजिए, जो बच्चों को सिखाने के नाम पर उन्हें किताबों के इर्द-गिर्द समेट देते हैं। इतने छोटे बच्चों को भी सिखाना ज़रूरी है, लेकिन इसके तौर-तरीके अलग होते हैं।
- स्वच्छता से ज़रा भी समझौता न करें। न सिर्फ़ बच्चों का प्ले ज़ोन ही साफ-सुथरा होना चाहिए, बल्कि बाथरूम और पैनेट्री सेक्शन में भी साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था होना बहुत ज़रूरी है। छोटे बच्चे बहुत जल्दी संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं, इसलिए इस बात की अनदेखी करने की सोचिए भी मत।
- आपने अपने छोटे से बच्चे को जिस तरह से हाय और बाय करना सिखाया है, उसी तरह से उसे गुडटच और बैडटच के बारे में भी खेल-खेल में सिखाना न भूलें। याद रखिए, ये छोटे बच्चे, जो कुछ भी बता पाने में असमर्थ होते हैं, अपराधियों के सबसे सॉफ्ट टार्गेट होते हैं।
- प्ले स्कूल में किसी मेडिकल इमरजेंसी को हैंडल करने की कितनी काबिलियत है, ये बहुत ही अहम बिंदू है, क्योंकि छोटे बच्चों को चोट भी बहुत जल्दी और आसानी से लग जाती है। वे किसी भी तरह के इंफेक्शन से भी बहुत जल्दी प्रभावित हो जाते हैं।
