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इंटरमिटेंट फास्टिंग भोजन का एक पैटर्न है। यह खाने के समय को सीमित करके कैलोरी की मात्रा को कम करने और वजन घटाने में मदद करता है।
Intermittent Fasting: फिट रहने के लिए आजकल लोग तरह-तरह की डाइट लेते हैं। इन्हीं में से एक है इंटरमिटेंट फास्टिंग। दुनियाभर के कई सेलेब्स इस फास्टिंग को अपनाकर अपना फिटनेस गोल अचीव कर चुके हैं। यही कारण है कि इन दिनों लोगों में इस फास्टिंग का क्रेज बहुत ज्यादा है। इस ईटिंग पैटर्न को लोग सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद मानते हैं। हालांकि हाल ही में हुए एक शोध ने इंटरमिटेंट फास्टिंग को लेकर कुछ ऐसे दावे किए हैं, जिससे इस पर सवाल खड़े हो गए हैं। क्या है यह शोध, यह जानना आपके लिए भी जरूरी है।
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क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग

इंटरमिटेंट फास्टिंग भोजन का एक पैटर्न है। यह खाने के समय को सीमित करके कैलोरी की मात्रा को कम करने और वजन घटाने में मदद करता है। आमतौर पर लोग इसे दो प्रकार से करते हैं। कुछ लोग 16/8 विंडो को फॉलो करते हैं। यह सबसे ज्यादा प्रचलित पैटर्न है। इसमें 16 घंटे फास्टिंग और 8 घंटे खाने का समय शामिल होता है। दूसरी विंडो है 5/2। इसमें 5 दिनों तक सामान्य भोजन किया जाता है और दो दिन सिर्फ 500 से 600 कैलोरी का सेवन किया जाता है। कुछ लोग 24 घंटे फास्टिंग करके भी इसे करते हैं। फास्टिंग के दौरान सिर्फ पानी पिया जाता है।
जानिए क्या कहता है शोध
हाल ही में अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एपिडेमियोलॉजी एंड प्रिवेंशन, लाइफस्टाइल एंड कार्डियो मेटाबोलिक साइंटिफिक सेशन 2024 में एक स्टडी पेश की गई। इस स्टडी में सामने आया कि जो लोग इंटरमिटेंट फास्टिंग में 16/8 विंडो को फॉलो करते हैं, उनमें हृदय रोग से मौत होने का खतरा सामान्य लोगों के मुकाबले 91 प्रतिशत तक ज्यादा होता है। शोधकर्ता के अनुसार जब आप दिन में सिर्फ 8 या उससे भी कम घंटे भोजन करते हैं तो आपका हार्ट इससे प्रभावित होता है। उसपर इसका बुरा असर होने लगता है। वहीं जो लोग दिन में 12 या इससे अधिक घंटे छोटे-छोटे मील लेते रहते हैं उनका हार्ट ज्यादा हेल्दी रहता है। ऐसे लोगों को दिल की बीमारियां कम होती हैं। साथ ही उनमें इन बीमारियों से मौत का खतरा भी कम होता है। इस शोध में हजारों अमेरिकियों के डाटा का अध्ययन किया गया है।
ऐसे किया गया शोध

शोध में शंघाई जिओ टोंग यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने अमेरिकी के नेशनल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन एग्जामिनेशन सर्वेक्षण में शामिल लगभग 20,000 लोगों के डेटा का अध्ययन किया गया। शोधकर्ता ने साल 2003 से 2019 के बीच हुई मौत का आंकड़ों का विश्लेषण किया। इसके आधार पर स्टडी के निष्कर्ष निकाले गए।
उठ रहे हैं सवाल
इस चौंकाने वाली स्टडी को लेकर अब कई प्रकार के सवाल उठ रहे हैं। क्योंकि अभी तक इंटरमिटेंट फास्टिंग को वेट लॉस के लिए बेस्ट माना जाता रहा है। इससे ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर कम होने के दावे किए जाते रहे हैं। ऐसे में कई वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दिशा में और स्टडी करने की जरूरत है।
