1. आपके लिये ‘फैन्स’ का क्या मतलब है?
मेरे लिये ‘फैन्स’ का मतलब या परिभाषा है बेइन्तहा प्यार करने वाला । अगर देखा जाये तो डिक्शनरी में ‘फैन्स’ का मतलब होता है ‘आब्सेशन’, असल में जब हम अपने परिवार, बच्चों या फ्रेंड्स को प्यार करते हैं, तो उसमें कहीं ना कहीं कन्डीशन आ जाती है। लेकिन एक ‘फैन’ का प्यार अनकन्डीशनल होता है। आप अच्छी एक्टिंग करो या बुरी, एक फैन हमेशा आपको डिफेन्ड करता है। मेरे लिये सबसे बड़ा प्यार मेरे ‘फैन्स’ का ही है।
2. कभी-कभी ‘फैन्स’ का प्यार बहुत आब्सेसिव हो जाता है? उस बारें में आप क्या कहेंगें?
यह सच है कि कभी-कभी फैन्स बहुत ज्यादा ऑब्सेसिव हो जाते हैं। यह तो उस एक फैन की सोच होती है। ‘डर ‘ फिल्म के समय लखनउ के एक फैन ने चाकू से अपनी छाती पर वार कर लिया था। घर के सामने घंटों खड़े रहते हैं। वहां पर नाचना, गाना तो ठीक है, लेकिन गाली देना, घर में घुसने की कोशिश करना या जब लड़कियां भीड़ में फंसती हैं, तो मुझे बहुत बुरा लगता है। हर एक फैन को यह जानना चाहिये कि इस तरह की हरकत से किसी को खुशी नहीं होती है। हाॅं मेरी एक यू.एस.ए. में फैन हैं जिन्होंने मेरे लिये चांद पर जमीन खरीदने का दावा किया है या ट्विटर पर एक फैन हैं लिन्डी जो मेरी बड़ी ही खूबसूरत तस्वीरें बनाती हैं। मुझे खुशी है कि मेरी सबसे ज्यादा फीमेल फैन्स हैं।
3. एक सेलिब्रिटी की कोई पर्सनल लाइफ नहीं रह जाती है? 25 घन्टे फैन्स उनके बारें में जानना चाहते हैं? कितना मुश्किल है इस तरह की जिन्दगी जीना?
यह सच है कि जब आप पब्लिक फिगर होते हैं तो आपकी कोई पर्सनल लाइफ नहीं रह जाती है, हर वक्त आप सबकी नजरों में रहते हैं। मेरी फैमिली ने यह बात स्वीकार कर ली है कि मैं सिर्फ उनका नहीं हूं और गौरी और बच्चे इस बात की कभी शिकायत भी नहीं करते है। जब भी मैं फैमिली के साथ होता हूं वह मुझे प्रोटक्ट करते हैं, यहाॅं तक की ऐयरपोट जैसी जगहों पर वह लोग मुझे स्पेस देते हैं ताकि मेरे फैन्स निराश ना हों। हाॅं जब मेरी डाॅटर या सन के बारें में लोग लिखते हैं या जबरदस्ती उनकी फोटो खींचते हैं तब मुझे बुरा लगता है। कभी-कभी बहुत गुस्सा आता है।
4. फिल्मों में आने से पहले आप किसके ‘फैन’ ये और अब आप किसके ‘फैन’ है?
अपने काॅलेज के जमाने में मैं अपने आपको कुमार गौरव समझता था। मैं उन्हीं के जैसी रेड कलर की चेक की शर्ट पहनता था। मैंने उनकी पिक्चर ‘लव स्टोरी’ एक दिन में तीन बार देखी थी और उस फिल्म का गाना ‘कितना हंसी है ये एक सपना’ मेरा फेवरेट था। मेरा सौभाग्य है कि मैं पर्सनली कुमार गौरव जी से मिला और उन्हें यह बात बताई। अब तो मैं अपने बच्चों का फैन हूं। चाहें वह मेरे करीब रहें या मेरे से दूर, मैं हमेशा उन्हें याद करता हूं, मेरे फोन की स्क्रीन पर या मेरी वैन में सब जगह मेरे बच्चों की ही फोटो लगी है।

5. आप पिछले 25 साल में फिल्म इंडस्ट्री में हैं अपने आप में कितना बदलाव महसूस करते हैं?
मैं बिल्कुल भी नहीं बदला है, ऐज़ अ परसन मैं वही शाहरूख हूं। मैं अभी भी अच्छे काम करने वालों का फैन हूं, मुझमें अभी भी नया सीखने का शौक है। मुझे किसी से भी चाहे वह सीनियर अमिताभ बच्चन जी हो या यंग आलिया हो, नई चीज सीखने की इच्छा है। मुझे लगता है कि सारे ऐक्टर व ऐक्ट्रेस मुझसे ज्यादा अच्छा काम करते हैं। पिछले 25 सालों में मैंने सब तरह की फिल्में की हैं, ‘राजू बन गया जेन्टलमेन’, ‘कभी हां कभी ना’, ‘दिल आशना है’, ‘चाहत’, ‘चमत्कार’ हो या ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘स्वदेश’, ‘चक दे’ लेकिन मुझ में अभी भी वही सेम एनर्जी है और अभी भी सीखने की भूख हैं। एसलिए मैं बिल्कुल वैसा ही हूॅं जैसा 25 साल पहले था।
6. इतनी सफलता के बाद भी आप एकदम नार्मल इन्सान की तरह पेश आते हैं अपने आप को ग्राउण्डेड रखना कितना मुश्किल होता है?
किसी भी एेक्टर को यह नहीं भूलना चाहिए कि वह एक साधारण इन्सान है। एेक्टिंग हमारा काम है, जाॅब है। सौ माले की बिल्डिगं से छलांग लगाना, दस-दस गुण्डों से लड़ना, लडकी से रोमांस करना । यह सब एक काल्पनिक कहानी के लिए हमारी एक्टिंग हैं, इस इमेज के लिए हमें मेकअप करना पड़ता है, डायलाॅग याद करते हैं, दस तरह की तैयारियां होती है। हम कैमरे के सामने आते हैं लड़की से रोमांस करके डायलाॅग बोलते हैं लेकिन वहाॅं कैमरे के पीछे करीब 100 लोग खड़े होते हैं । लेकिन जब आप पब्लिक में जाते हैं तो लोग बेइन्तहा प्यार करते हैं, तो किसी भी ऐक्टर को यह याद रखना चाहिए कि यह प्यार उस इमेज के लिये है। घर में परिवार में वह एक रियल साधारण इन्सान होता है। हाॅं ऐसी स्थिति में कोई भी ऐक्टर इज़ीली कैरिड अवे हो सकता है। मेरे ही जन्म दिन पर हजारों फैन्स् आते हैं। वह नाचते गाते हैं, लेकिन वह सब मेरी इमेज के फैन होते हैं, वह उस ‘छैया-छैया’ गाने के लिये नाचते हैं जिसमें शाहरूख ने ट्रेन की छत पर डांस किया था। लेकिन सच कहूं तो रियल लाइफ में मुझे ट्रेन से ही डर लगता है।
7. आज के नौजवानों के लिये क्या मैसेज देंगें?
हर एक को अपने आप पर विश्वास होना चाहिए। अपने काम पर और अपनी काबलियत पर विश्वास रखो। शुरूआत में सभी जीरो से शुरू करते हैं, सिर्फ अपने टैलेन्ट से आदमी आगे बढ़ता है। जिन्दगी में बुरे दिन भी आते हैं लेकिन अपने काम पर विश्वास रखना चाहिये।
‘फैन’ फिल्म में मैनें अपने से छोटी उम्र का किरदार निभाया है। इसके लिये स्पेशल मेकअप का इस्तेमाल किया गया है। लेकिन दिल से तो मैं हमेशा से यंग रहा हूॅं। पचास साल की उम्र में भी मेरी पर्सनैलिटी बॉय लाइक (लड़के जैसी) है, मैं कितनी भी मसल्स बना लूं, कभी भी मैन लाइक नहीं दिख सकता। अभी भी बच्चा बनना, चुलबुली हरकत करना, अपने बच्चों के साथ खेलना मुझे अच्छा लगता है।
