खुद को डायरेक्टर की एक्टर मानने वाली तापसी पन्नु ने फिल्म में कृतिका अग्रवाल नाम की वैज्ञानिक की भूमिका अदा की है जो मंगल की कक्षा में यान भेजने के भारत के मिशन का नेतृत्व कर रही महिलाओं में से एक थीं। इतने सारे एक्टर्स के बीच पर्दे पर अपनी जगह पाने के बारे में पूछने पर तापसी का कहना था कि इस फिल्म के साथ सबसे बड़ी बात ये थी कि इसकी कहानी हमारे देश के बहुत बड़ी उपलब्धी पर आधारित है। पूरी दुनिया ने देखा कि हमने कितने कम बजट में मंगल पर यान भेजा और वो भी बिना फेल हुए। इस फिल्म से हम सबको मौका मिल रहा था इतनी बड़ी उपलब्धि को बड़े पर्दे पर सेलिब्रेट करने का।
इस फिल्म से आप कैसे जुड़ी?
मेरे पास अक्षय का फोन आया था कि एक रोल है जिसे वो मुझसे करवना चाहेंगे। फिर जब मैंने स्क्रिप्ट सुना तो मेरा भी उत्साह बढ़ गया। मुझे लगा कि ऐसी फिल्म जिसका कंटेन्ट इतना अच्छा है, उसे जरूर करना चाहिए। देश का इतना बड़ा मिशन जो कि पूरी तरह सफल था, सुनकर ही मन गर्व से भर जाता है। फिर इस फिल्म में मुझे इतने सारे टैलेन्टेड एक्टर्स के साथ काम करने का भी मौका मिल रहा था।
इतने सारे एक्टर्स के बीच ऐसा नहीं लगा कि आपको स्क्रीन पर कम मौका मिलेगा?
देखिए जब हम स्क्रिप्ट सुनते हैं, और जब हमें नरेशन दी जाती है, उसी समय ये समझ में आ जाता है कि आपको स्क्रीन पर कितना टाइम मिलेगा। लेकिन मैं हमेशा इस बात पर फोकस करती हूं कि मेरा किरदार क्या है, फिल्म की कहानी क्या है।
इस फिल्म की शूटिंग के दौरान कैसा अनुभव रहा?
फिल्म की शूटिंग के बारे में बात करूं तो मुझे इस सेट पर किसी गेटटुगेदर जैसी फीलिंग आती थी। सबलोग आपस में बात करते थे, कभी काम के बारे में तो कभी कुछ इधर उधर के बारे मे। कभी हम दो लोग होते थे, कभी तीन तो कभी सभी सभी गपशप करते रहते थे। हमने नियम बनाया था कि लंच सभी साथ में खाएंगे, तो लंच करने के समय भी हम दोस्तों की तरह साथ में बैठते थे। अच्छा फील होता था और हम सबकी अच्छी बॉन्डिंग थी। इस फिल्म से कई सारी अच्छी यादें हैं।
आप फिल्म में एक मैरिड साइंटिस्ट की भूमिका निभा रही हैं। इस किरदार के लिए कोई खास तैयारी?
हमारे आसपास, आस पड़ोस में, फिल्म के सेट पर, मार्केट में ऐसी बहुत सी औरतें सुबह से शाम तक नज़र आ जाती हैं, जो घर और ऑफिस दोनों जगह कि जिम्मेदारियां निभा रही हैं। इस किरदार के लिए मुझे किसी एक इंसान को देखने की जरूरत नहीं पड़ी। हां, फिल्म शुरू करने के पहले हमें इस विषय पर काफी कुछ पढ़ने दिया गया था और उसी से मैंने काफी कुछ समझा भी।
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