बच्चों का मन बहुत कोमल होता है। बच्चे जो कुछ भी अपने आस-पास के परिवेश में देखते हैं उससे बहुत ज्यादा प्रभावित होते हैं। आमतौर पर ऐसा देखा गया है कि बच्चे जो भी बोलते हैं हम उसे सच मान लेते हैं। उदाहरण के तौर पर आपका बच्चा पार्क में दूसरे बच्चों के साथ खेलते हुए किसी बात पर लड़ाई कर लेता है और घर पर अपनी ग़लती न बताकर दूसरे बच्चों की कमियां बताता है। जिससे पेरेंट्स दूसरे बच्चों के पेटेंट्स से इस बात पर झगड़ा भी कर लेते हैं जबकि सच्चाई कुछ और ही होती है। कई बार जब माता-पिता और बच्चों के बीच कम्युनिकेशन गैप होता है तो उनके आपसी संबंध कमजोर होने लगते है जिसके कारण बच्चे अपने माता-पिता से झूठ बोलने लगते हैं । इसके अलावा कुछ पेरेंट्स अपने बच्चों के प्रति बेहद सख्त रवैया अपनाते हैं जिससे बच्चे के मन में डर पैदा हो जाता है और बच्चा पेरेंट्स की डांट या मार से बचने के लिए भी झूठ बोलने लगता है। वजह कुछ भी हो लेकिन बच्चों की ये आदत बेहद खराब आदतों में शुमार है। आइए आपको बताते हैं कि बच्चों के झूठ बोलने की आदत को कैसे बदला जा सकता है ।
बच्चों के साथ कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए
बच्चों को ज्यादा समय देने की कोशिश करें । बच्चों के साथ बैठकर बातें करें और बच्चों की बातें सुनें । पेरेंट्स और बच्चों के बीच किसी तरह का कम्युनिकेशन गैप नहीं होना चाहिए नहीं तो बच्चा अपनी बहुत सी बातें छिपाने लगता है।
बच्चे को सच बोलने की प्रेरणा दें
बच्चे को हर बात पर सच बोलने के लिए प्रेरित करें। कभी-कभी बच्चे को प्रेरणाप्रद कहानियां सुनाएं और घर के अन्य सदस्यों का उदाहरण देकर समझाएं। जब भी आपका बच्चा सच बोले उसकी तारीफ़ करें । उसे उसकी पसंदीदा चीज़ों का प्रलोभन देकर भी सच बोलने के लिए प्रेरित करें । जब बच्चा आपका ऐसा रवैया देखेगा तो किसी बात पर आपसे झूठ नहीं बोलेगा ।
झूठ बोलने पर डांटे या मारें नहीं
आपका बच्चा किसी बात पर झूठ बोलता है तो उसे डांटने या मारने की जगह उसे प्यार से समझाएं। बच्चे की बात को समझने की कोशिश करें कि उसने झूठ क्यों बोला ।
झूठ बोलने की स्थितियों से बचाएं
बच्चे को उन स्थितियों से बचने में मदद करें जिनकी वजह से उसे झूठ बोलना पड़ सकता है। जैसे मान लीजिए कि बच्चे से कोई कीमती सामन भी टूट जाता है तो उससे ये नहीं पूछें की कैसे और क्यों टूटा ? बल्कि बच्चे से बोलें कि गलती से टूटा होगा आगे से ध्यान रखे । इससे बच्चा आपसे कभी भी झूठ नहीं बोलेगा बल्कि ये बोलेगा कि उससे गलती हो गई।
ऐसी किताबें पढ़ाएं जिनमे सच बोलना सिखाया जाए
बच्चों को ऐसी किताबें पढ़ाएं जिनमें सच बोलने और ईमानदारी की सीख दी गयी हो।
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