Family Diet

Diet For Family: एक खुशहाल परिवार चाहे वह एकल हो या संयुक्त, के लिए जरूरी है प्रत्येक सदस्य का शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना। यह तभी संभव है जब सभी की जरूरतों, खान-पान और स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न मुद्दों का ध्यान रखा जाए। स्वादिष्ट और जायकेदार खाना सभी को पसंद है। खाने को लेकर सबकी अपनी-अपनी पसंद है और अगर सबको मन-पसंद खाना मिल जाए तो फिर बात ही क्या। लेकिन आहार की भूमिका सिर्फ स्वाद तक ही सीमित नहीं है। हम जो भी खाते हैं, उसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। आहार से प्राप्त पोषण न केवल रोजमर्रा की गतिविधियों को करने में हमें उर्जा प्रदान करता है, बल्कि शारीरिक-मानसिक विकास के लिए भी अहम भूमिका निभाता है।

ऐसा माना जाता है कि संतुलित आहार ही स्वस्थ जीवन का आहार है। पोषण की आवश्यकता बचपन से लेकर बड़ी उम्र तक होती है, लेकिन उम्र, लिंग और कार्यक्षमता के हिसाब के मुताबिक बदलती रहती है। इसलिए सभी के लिए नियमित रूप से संतुलित और पौषक आहार लेना जरूरी है। अमूमन एक व्यस्क व्यक्ति को रोजाना 1200-1400 कैलोरी की आवश्यकता होती है। शारीरिक विकास के लिए 10 साल से छोटे बच्चों और बाॅडी सेल्स की रिपेयरिंग और मांसपेशियों की मजबूती के लिए 60 साल से बड़े बुजुर्गों को प्रोटीन रिच डाइट की जरूरत होती है। शरीर में खून की कमी को रोकने के लिए महिलाएं और बच्चे आयरन-कैल्शियम रिच डाइट जरूरी है।

हैल्दी डाइट की अहमियत

Diet For Family

वैज्ञानिकों का मानना है कि जिंदगी के पहले 5 साल में अगर बच्चे को हैल्दी डाइट की अहमियत सिखा देंगे। तो निश्चय ही वह भविष्य में भी पौष्टिक और बैलेंस डाइट लेगा और स्वस्थ रहेगा। पूरी जिंदगी में सबसे महत्वपूर्ण समय पहले 1000 दिन है जो मां के गर्भ से शुरू होते हैं और बच्चे के 2 साल का होने तक चलते हैं। इस उम्र में बच्चें को पोषक तत्वों से भरपूर भोजन के साथ वसा भी समुचित मात्रा में देनी चाहिए। अगर बच्चे का पौषण ठीक नहीं होगा, उसका असर उसके शारीरिक-मानसिक विकास, संज्ञान और व्यवहार पर पड़ता है। रिसर्च से साबित हुआ है कि अगर इस अवधि में बच्चे को पूर्ण पौषण नहीं मिलता, तो आगे जाकर उनमें मोटापा और उससे जुड़ी बीमारियों का शिकार होने की संभावना रहती है। खासकर युवा लडकियों का न्यूट्रीशन स्टेटस अगर अच्छा रहेगा, तो आगे जाकर जब वो मां बनेंगी, तो बच्चा स्वस्थ होगा। अपनी अच्छी डाइट हैबिट्स परिवार को दे सकती हैं। महिलाओं के अच्छे स्वास्थ्य के लिए आहार में समुचित मात्रा में आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन और कैलोरी होना जरूरी है।


आहार विशेषज्ञों के हिसाब से हेल्दी डाइट के फंडे को समझने के लिए कई मानक तय किए हैं जिनके आधार पर आहार संयोजन करना परिवार में सभी के लिए स्वास्थ्यप्रद है-

  • प्लेट को 4 हिस्से में बांटना चाहिए। एक-चैथाई हिस्से में कार्बोहाइड्रेट से भरपूर अनाज, दूसरे हिस्से में मौसमी सब्जियां हों तीसरे में प्रोटीन फूड हो और चौथे हिस्से में सलाद के तौर पर खाई जाने वाली सब्जियां, मौसमी फल और दूध से बनी चीजें होनी चाहिए। हेल्दी डाइट का यह फंडा मुख्य आहार (यानी ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर) में जरूर लागू किया जाना चाहिए।
  • हेल्दी डाइट के लिए न्यूट्रिशन पिरामिड तय किया गया है जिसके हिसाब से व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए अपनी डाइट लेनी चाहिए। इसमें सबसे ज्यादा फल-सब्जियां और साबुत अनाज होते हैं। इसके बाद दालें, बीन्स सोया आते हैं। इसके बाद नट, बीज, बीन्स, मछली, चिकन, अंडे जैसे मांसाहारी भोजन को रखा गया है। फिर कम वसा वाला दूध और दूध से बने पदार्थ आते हैं। और आखिर में रिफाइंड ऑयल, फास्ट फूड और रिफाइंड अनाज कम से कम मात्रा में लेना चाहिए।

बैलेंस डाइट का सेवन

परिवार के सभी सदस्यों के स्वास्थ्य रहने के लिए सबसे जरूरी है- नियमित रूप से पौषक तत्वों से भरपूर बैलेंस डाइट का सेवन। और बैलेंस डाइट हम तभी पा सकते हैं जब हर उम्र के सदस्यों को ध्यान में रखकर खाना तैयार किया जाए। हेल्दी रहने के लिए हर सदस्य के लिए जरूरी है कि दिन में तीन बार ठूंस कर खाना खाने के बजाय फिक्स गैप में 5-6 मिनी मील लिए जाएं यानी ब्रंच टाइम (ब्रेकफास्ट-लंच और लंच-डिनर के बीच)। इससे हंगर पैंग्स नहीं आते यानी एक साथ खाने पर टूट नहीं पड़ते। बशर्ते कि इसमें पिज्जा बर्गर जैसे अनहेल्दी फूड खाने के बजाय फल, स्प्राउट्स, चना-मुरमुरे, मुट्ठी भर ड्राई फ्रूट्स ले सकते हैं। किसी भी सूरत में ब्रेकफास्ट स्किप नही करना चाहिए और डिनर सोने से करीब तीन घंटे पहले कर लेेना चाहिए। आहार विशेषज्ञों की माने तो हमें ब्रेकफास्ट राजा तरह, लंच मध्यवर्गीय व्यक्ति की तरह और डिनर गरीब की तरह खाना चाहिए।

हाई साॅल्ट-शूगर वाले स्नैक्स से बनाएं दूरी

पैकेज, प्रोसेस्ड फूड और हाई फैट, हाई साॅल्ट और हाई शूगर वाले स्नैक्स को जहां तक हो सके अवायड करने चाहिए। इनके बजाय होमकुक हैल्दी स्नैक्स लेना बेस्ट है। दिन की शुरूआत में विविध गतिविधियां करने के लिए एनर्जी की जरूरत होती है। इसलिए ब्रेकफास्ट में साबुत अनाज, भरवां परांठा, ओट्स, सीरियल्स, फल, लो-फैट दूध और अंडे से बनी चीजें खानी चाहिए। स्कूल-काॅलेज जाने वाले बच्चों को भी बिना नाश्ता किए न जाने दें। जल्दी हो तो उन्हें रोल-फाॅर्म में नाश्ता बनाएं जिससे खड़े-खड़े भी आराम से खा सकें।

हरमील में 7 फूड ग्रुप्स की चीजें हों शामिल

कोशिश करें कि मॉडरेशन में संतुलित आहार लें। हर मील में अलग-अलग 7 फूड ग्रुप्स की चीजें जरूर शामिल करनी चाहिए- अनाज, दालें, बीन्स-सोया, फल, सब्जियां, दूध और दूध से बने पदार्थ, मांसाहारी पदार्थ, घी-तेल। हर प्रकार के पोषक तत्व, फाइबर और पानी सही मात्रा में शामिल होने चाहिए। आहार में माइक्रो ( विटामिन, मिनरल, ओमेगा 3 फैटी एसिड) और मैक्रो (कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फैट) न्यूट्रेंट्स समुचित मात्रा में होने चाहिए। 6 महीने के बाद से ही बच्चों को पूरक आहार देना चाहिए। बचपन से ही आहार में माइक्रो न्यूट्रेट्स बहुत महत्व रखते हैं। जैसे- विटामिन ए की कमी से अंधापन हो सकता है। विटामिन डी जो हमारी स्किन में प्राकृतिक रूप से बनता है, उनकी हड्डियां और मांसपेशिया कमजोर होने से उनका विकास प्रभावित होता है। कार्बोहाइड्रेट और फैट रिच डाइट लेने के बजाय आहार में प्रोटीन का इंटेक बढ़ाना चाहिए जो हमारे विकास और कोशिकाओं के पुनर्निर्माण में मदद करती है। कार्बोहाइड्रेट और फैट रिच डाइट ज्यादा लेने से ओबेसिटी, हाइपरटेंशन, डायबिटीज, पीसीओडी, कार्डियोवस्कुलर जैसी बीमारियां होने का खतरा रहता है।

चीनी-नमक का सिमित सेवन

परिवार के हर सदस्य को दिन में 4-5 सर्विंग मौसमी फल-सब्जियों की लेनी चाहिए। जिनमें मौजूद विटामिन और मिनरल्स की आपूर्ति होती है और इम्यूनिटी मजबूत होती है। फाइबर, विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल हमारे शरीर से विषैले पदार्थो को बाहर निकालकर हेल्दी रखते हैं। जहां तक हो सके चीनी और नमक का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए। ये शरीर के लिए सफेद जहर का काम करते हैं। इनके अनियंत्रित सेवन से डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, मोटापा, हाइपरटेंशन, हार्ट डिजीज होने का खतरा रहता है। बच्चों को भी चाॅकलेट, कैंडी, पेस्ट्री आइसक्रीम जैसी चीजों के बजाय फल खाने की आदत डालनी चाहिए। जहां तक हो सके घर में बनी कम चीनी वाली मिठाइयों का सेवन उपयुक्त है।

कुकिंग के तरीके में करें बदलाव

Diet For Family

आमतौर पर परिवार के सदस्य एक ही तरह का खाना खाकर बोर हो सकते हैं। इसके लिए खाने में थोड़ा-सा ट्विस्ट लाकर स्वादिष्ट और रुचिकर बना सकते हैं। सब्जी-दाल को कुछ इस तरह गार्निष करके परोसे कि वो सबको अपनी ओर खींचे। जैसे- दाल-चावल-सब्जी अलग-अलग न परोस कर एक लेयर सब्जी की, उसके ऊपर चावल, फिर दाल की लेयर लगाएं और ऊपर से धनिया-मिर्च से डेकोरेट करें। चावलों को भी अलग-अलग तरह से बना सकते हैं- लेमन राइस, कर्ड राइस, वेजीटेबल पुलाव, पनीर, न्यूट्रीनगेट्स डाल कर बना सकते हैं। इसी तरह रोटी में भी ट्विस्ट ला सकते हैं जैसे- रोटी में बारीक कटा धनिया, पुदीना, पालक, मेथी, बथुआ भरकर बना सकते हैं। इसी तरह बेसन, मिर्च, गाजर भी भरकर बना सकते हैं। रोज सब्जियां बनाने के अलावा मिक्स कटलेट, दालों के चीले या स्प्राउट्स बना सकते हैं। खाने के साथ पुदीना-धनिया की हरी चटनी, टमाटर की चटनी, दही के डिप्स बना सकती हैं जो खाने का स्वाद भी बढ़ाते हैं। ऐसे परोसा गया खाना परिवार के सदस्यों में खाने के प्रति रुचि जरूर पैदा करेगा।

 (डाॅ रचना कटारिया, आहार विशेषज्ञ, कटारिया डाइट क्लीनिक, दिल्ली)