रोते हुए बच्चे को शांत करने के लिए पेरेंटिंग टिप्स
शिशु का रोना एक सामान्य बात है क्युकि बच्चे के पास अपनी परेशानी व्यक्त करने या जरूरत के बारे में बताने का यह एकमात्र तरीका होता है l ऐसे में सबसे बड़ा टास्क है उसे चुप कराना और उससे भी ज्यादा मुश्किल है यह समझना कि आखिर बच्चा क्यों रो रहा हैl उन्हें शांत कराने के लिए पेरेंट्स तमाम तरीके अपनाते हैं लेकिन ज्यादा परेशानियां उन कपल्स को होती है जो पहली बार पेरेंट्स बने हैं l शिशु के रोने के कुछ सामान्य कारणों के बारे में जानकर आप उसकी जरूरत को समय पर पूरा कर सकते हैं l लेकिन अगर वह लगातार काफी समय तक रोता रहे और कुछ कारण भी समझ ना आए तो चिकित्सीय परामर्श जरूरी है l
बच्चों के रोने के कुछ संभावित कारण
Try to know the reason of crying
बच्चे का पेट बहुत छोटा होने के वजह से थोड़ा दूध पीकर ही जल्दी भर भी जाता है और थोड़े समय बाद ही उसे फिर भूख लगने लगती है l क्योंकि बच्चा अपनी सभी परेशानियों को रोकर ही बता सकता है इसलिए सुनिश्चित कीजिए कि वह भूख के कारण तो नहीं रो रहा है l यदि आप शिशु को स्तनपान कराती हैं तो उसे फिर से दूध पिलाएं फिर चाहे उसने थोड़ी देर पहले स्तनपान किया हो l इसे फीडिंग ऑन डिमांड कहा जाता है l
बच्चे को माता पिता का स्पर्श बहुत पसंद होता है I कई बार वह गोद में आना चाहता है इसलिए रोने लगता है I उसे चुप कराने के लिए अपनी गोद में उठाए ,उसकी पीठ थपथपाये ,उससे बातें करें | गोद में आने के बाद वह शांति से सो पाता है |
शिशु के पेट में गैस बनना एक आम समस्या है l ऐसी स्थिति में वह असहज महसूस करता है और रोने लगता है l ध्यान रखने वाली बात यह है कि शिशु को दूध पिलाने के बाद उसे कंधे से लगाकर पीठ सहलाते हुए डकार जरूर दिलवाए इससे वो आराम से सो पाएगा l
कई बार बच्चे पेट के दर्द की वजह से भी रोते हैं ऐसे में आप बच्चे को डॉक्टर की सलाह अनुसार ग्राइप वॉटर भी दे सकते हैं इसके अलावा गर्म कपड़े से उसके पेट की सिकाई भी कर सकते हैं l इससे उसे तुरंत आराम मिलेगा और वह शांत हो जाएगा l छोटे बच्चे को ठण्ड से कान में संक्रमण होने की संभावना भी होती है l यह भी उनके रोने का एक कारण हों सकता है l
नवजात शिशु को कवर में या कपड़े में लपेट कर रखने से वह सुरक्षित और आरामदायक महसूस करता है l उसे मां के गर्भ में होने की अनुभूति होती है और वह आराम से सोते हैं इसलिए रोते हुए बच्चे को चुप कराने का यह अच्छा तरीका है कि उसे कपड़े में लपेटकर ही सुलाये l
कई बार बच्चा गीला या गंदा डायपर होने या डायपर की जगह पर रैशेज़ होने के वजह से भी रोने लगता है l बच्चे की त्वचा बहुत नाजुक होती है और लम्बे समय तक गीले और गंदे होने से उसमे जलन होने लगती है सुनिश्चित करें कि उसकी त्वचा लाल तो नहीं हो रही है l थोड़ी समय डायपर उतार कर हवा भी लगने दें l डायपर बदलते समय क्रीम अवश्य लगाएं l
यह भी पढ़ें-बच्चे के दूध के दांत की देखभाल करना बहुत जरूरी है, जानिये कैसे
इन टिप्स को अपनाकर बच्चों का सब्र के साथ लालन पालन करें क्योंकि यह मुश्किल समय बाद में आपके लिए एक खूबसूरत याद बन जायेगी l
Handle Crying Baby: शिशु का रोना एक सामान्य बात है क्युकि बच्चे के पास अपनी परेशानी व्यक्त करने या जरूरत के बारे में बताने का यह एकमात्र तरीका होता है l ऐसे में सबसे बड़ा टास्क है उसे चुप कराना और उससे भी ज्यादा मुश्किल है यह समझना कि आखिर बच्चा क्यों रो रहा हैl उन्हें शांत कराने के लिए पेरेंट्स तमाम तरीके अपनाते हैं लेकिन ज्यादा परेशानियां उन कपल्स को होती है जो पहली बार पेरेंट्स बने हैं l शिशु के रोने के कुछ सामान्य कारणों के बारे में जानकर आप उसकी जरूरत को समय पर पूरा कर सकते हैं l लेकिन अगर वह लगातार काफी समय तक रोता रहे और कुछ कारण भी समझ ना आए तो चिकित्सीय परामर्श जरूरी है l
बच्चों के रोने के कुछ संभावित कारण
भूख के कारण

बच्चे का पेट बहुत छोटा होने के वजह से थोड़ा दूध पीकर ही जल्दी भर भी जाता है और थोड़े समय बाद ही उसे फिर भूख लगने लगती है l क्योंकि बच्चा अपनी सभी परेशानियों को रोकर ही बता सकता है इसलिए सुनिश्चित कीजिए कि वह भूख के कारण तो नहीं रो रहा है l यदि आप शिशु को स्तनपान कराती हैं तो उसे फिर से दूध पिलाएं फिर चाहे उसने थोड़ी देर पहले स्तनपान किया हो l इसे फीडिंग ऑन डिमांड कहा जाता है l
गोद में आना चाहता है

बच्चे को माता पिता का स्पर्श बहुत पसंद होता है I कई बार वह गोद में आना चाहता है इसलिए रोने लगता है I उसे चुप कराने के लिए अपनी गोद में उठाए ,उसकी पीठ थपथपाये ,उससे बातें करें | गोद में आने के बाद वह शांति से सो पाता है |
गैस के कारण

शिशु के पेट में गैस बनना एक आम समस्या है l ऐसी स्थिति में वह असहज महसूस करता है और रोने लगता है l ध्यान रखने वाली बात यह है कि शिशु को दूध पिलाने के बाद उसे कंधे से लगाकर पीठ सहलाते हुए डकार जरूर दिलवाए इससे वो आराम से सो पाएगा l
पेट के दर्द की वजह से

कई बार बच्चे पेट के दर्द की वजह से भी रोते हैं ऐसे में आप बच्चे को डॉक्टर की सलाह अनुसार ग्राइप वॉटर भी दे सकते हैं इसके अलावा गर्म कपड़े से उसके पेट की सिकाई भी कर सकते हैं l इससे उसे तुरंत आराम मिलेगा और वह शांत हो जाएगा l
कान में संक्रमण
छोटे बच्चे को ठण्ड से कान में संक्रमण होने की संभावना भी होती है l यह भी उनके रोने का एक कारण हों सकता है lनवजात शिशु को कवर में या कपड़े में लपेट कर रखने से वह सुरक्षित और आरामदायक महसूस करता है l उसे मां के गर्भ में होने की अनुभूति होती है और वह आराम से सोते हैं इसलिए रोते हुए बच्चे को चुप कराने का यह अच्छा तरीका है कि उसे कपड़े में लपेटकर ही सुलायेl

गीला या गंदा डायपर

कई बार बच्चा गीला या गंदा डायपर होने या डायपर की जगह पर रैशेज़ होने के वजह से भी रोने लगता है l बच्चे की त्वचा बहुत नाजुक होती है और लम्बे समय तक गीले और गंदे होने से उसमे जलन होने लगती है सुनिश्चित करें कि उसकी त्वचा लाल तो नहीं हो रही है l थोड़ी समय डायपर उतार कर हवा भी लगने दें l डायपर बदलते समय क्रीम अवश्य लगाएं l
यह भी पढ़ें-बच्चे के दूध के दांत की देखभाल करना बहुत जरूरी है, जानिये कैसे
इन टिप्स को अपनाकर बच्चों का सब्र के साथ लालन पालन करें क्योंकि यह मुश्किल समय बाद में आपके लिए एक खूबसूरत याद बन जायेगी l
