एक शिक्षक और उसके शिष्य के अपने- अपने अनुभव की कहानी है ‘प्रेरणा’। पढ़िए-
Tag: लघु कथा
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धूप की गंध
इंसान सिर्फ शारीरिक रूप से नहीं मरता है, बल्कि जीते जी भी वो दूसरों के लिए तब मर जाता है, जब आपसी संवेदनाएं खत्म हो जाती है। प्रभात रंजन जी की ये लघु कथा का भी कुछ ऐसा ही सार है।
