एक पौराणिक कथा के अनुसार, गणेश जी और परशुराम जी के बीच एक युद्ध हुआ था। इस युद्ध में गणेश जी का दांत टूट गया था,जिसके कारण उन्हें कोई भी चीज़ खाने में काफी तकलीफ हो रही थी। ऐसी स्थिति में उनके लिए मोदक बनाए गए थे। क्योंकि मोदक काफी मुलायम और मुंह में जाते ही घुल जाने वाले होते हैं। साथ ही, ये मीठा होने के कारण मूंह में किसी तरह की पीड़ा भी नहीं होती। तभी से लेकर गणेश जी मोदक का भोग सबसे अधिक प्रिय है।
