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Swami Chinmayaanand: मन के संकल्प – स्वामी चिन्मयानंद

मानसिक जगत में व्याप्त प्रकाश को चित्त कहते हैं जो बुद्धि की बुद्धिमत्ता है। चित्त द्वारा विचारों और निर्णयों के प्रकाशित होने पर भी वे अपने आप में पूर्ण अनुभव का रूप नहीं ले सकते, जब तक कि उसमें कोई तारतम्यता न हो।

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