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मनोरमा – मुंशी प्रेमचंद भाग – 19

अब उसे वागीश्वरी की याद आयी। सुख के दिन वही थे, जो उसके साथ कटे। असली मैका न होने पर भी जीवन का जो सुख वहां मिला, वह फिर न नसीब हुआ। यह स्नेह, सुख स्वप्न हो गया। सास मिली वह इस तरह की, ननद मिली वह इस ढंग की, मां थी ही नहीं, केवल […]

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