पोथी पढ़ पढ़ जग मुआ, पंडित भया न कोए | ढाई अक्षर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होए, कबीर दास की प्यार के लिए लिखी गई ये पंक्तियां यही बताती हैं कि प्यार वो खूबसूरत एहसास है जो पूरी दुनिया से परे है। कहा जाता है कि किसी भी व्यक्ति को संपूर्ण करने के लिए दुनिया की सारी शक्तियां कम पड़ सकती हैं ,लेकिन प्यार में वो शक्ति होती है जो किसी भी इंसान को पूर्णता का एहसास कराती है । कहा जाता है कि प्यार किसी को भी अपने प्रभाव से पूरी तरह से बदल सकता है।
