प्लीज यहां से जाओ, तुम कभी नहीं समझ सकती कि मैं तुमसे कितना प्यार करता था। तुम्हारे लिए मैं कुछ भी करता पर तुमने, तुमने तो कभी मेरी कोई बात ही नहीं सुनी, तुम कभी मुझे सुनना ही नहीं चाहती थीं
Tag: Grihshobha Kahani
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“रेत की दीवार”
“यह लड़का अपने शहर का ही रहने वाला है रीना। स्वभाव का भी बहुत अच्छा है। हमारी फैक्ट्री के पास जो कैमिकल प्लांट है उसी में काम करता है। फैक्ट्री के किसी काम से मुझसे मिलने आया था।परिचय हुआ तो मैं अपने साथ घर ले आया। तुम्हे मिलकर अच्छा लगेगा। अपने शहर से वैसे भी यहां कोई आता नहीं है।”
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एक लड़की भीगी भागी सी’
सुनसान सड़क पर तीस वर्षीय मीनाक्षी हल्की बारिश में भीगते हुए चली जा रही थी। भीगने से उसके सारे कपड़े तर हो चुके थे और उसके बदन से चिपके जा रहे थे। उसने अपना दुपट्टा थोड़ा और फैला कर डाल लिया और सि मटी सहमी सी आगे बढ़ती रही।
