रानू का मशहूर और लोकप्रिय उपन्यास कांटों का उपहार अब ऑनलाइन पढ़ें, सिर्फ गृहलक्ष्मी डॉट कॉम पर….
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कांटों का उपहार – पार्ट 30
………….. फादर ने उन्हें गौर से देखा। ‘फादर!’ विजयभान सिंह ने एक गहरी सांस लेकर कहा‒ ‘मैंने भी अपने पापों से ऐसी ही तौबा की है, बल्कि अब प्रायश्चित भी कर रहा हूं, जिसका जितना बिगाड़ा है, उसकी उतनी भरपाई भी कर रहा हूं और भी अधिक करना चाहता हूं ताकि…ताकि कम-से-कम एक बार ही वह […]
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कांटों का उपहार – पार्ट 27
रानू का मशहूर और लोकप्रिय उपन्यास कांटों का उपहार अब ऑनलाइन पढ़ें, सिर्फ गृहलक्ष्मी डॉट कॉम पर….
