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सफरनामा धूल का

इस संसार में जहां-जहां तक धरती है, वहां-वहां तक धूल है। धूल हमारे पांवों के नीचे रहती है पर कभी-कभी उड़कर सिर पर भी चढ़ जाती है। धूल का मानव जीवन से घनिष्ठï सम्बन्ध है। इसलिए कहा जाता है, धूल में पैदा हुए, हम धूल में मिल जाएगें।

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