जब शनि किसी जातक की जन्मराशि से द्वादश अथवा प्रथम या द्वितीय स्थान में हों तो यह स्थिति शनि की साढ़ेसाती कहलाती है। ऐसा होने पर जातक को मानसिक संताप, शारीरिक कष्ट, कलह.क्लेश, अधिक खर्च का सामना करना पड़ता है। शनि एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक गतिशील रहते हैं।
