आज के समय में चाहे चीजें कितनी ज्यादा क्यों न बदल गई हों, पर एक चीज है जो अब तक नहीं बदली, वह है लोरी। आज भी मां अपने बच्चे को सुलाने के लिए लोरी गाती है और बच्चा भी मां की लोरी सुनकर सपनों के संसार में मीठी नींद सो जाता है। लोरी तो हम सबने अक्सर सुनी ही होगी लेकिन क्या आप जानते हैं कि लोरी गाने की यह परंपरा कब से शुरू हुई। आइए जानते हैं –
