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बोझिल पलकें, भाग-31

जिस पिता के लिए अजय ने अपराध की दुनिया से मजबूरन खुद को जोड़े रखा था, उनकी मौत के साथ ही वह दुनिया भी दम तोड़ चुकी थी, लेकिन क्यों अभी भी अजय खुद को न तो आजाद महसूस कर रहा था और न ही उसे कोई नयापन महसूस हो रहा था?

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बोझिल पलकें भाग-12

होटल के कमरे में भूखे भेड़िए का रूप ले चुके रंधीर के सामने भय से कांपती अंशु को देखकर अजय का खून खौल गया था। स्वाभाविक था कि अजय उसकी गरिमा पर तो आंच नहीं आने देगा, परंतु इसका परिणाम क्या हुआ, जानिए आगे पढ़कर।

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