शिरडी के साईं बाबा बड़े ही विनम्र और सिद्ध महापुरुष थे। आज भी लोग उनसे जुड़ी बातों की चर्चा करते हैं जो उन्होंने अपने बुजुर्गों से सुनी हैं।
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60 सालों तक शिरडी में आखिर क्यों गेहूं पीसते रहे साईं बाबा, जानिए
कुछ लोग साईं बाबा को भगवान कहते हैं तो कुछ उन्हें भगवान के अवतार के रूप में जानते हैं, लेकिन साईं बाबा के प्रति लोगों की आस्था अटूट है। उनके भक्त कहते हैं कि साईं का केवल नाम लेने से ही उनके जीवन की हर उलझन दूर हो जाती है। साईं बाबा के जीवन से जुड़ी ऐसी कई कथाएं हैं, जो आपकी जिंदगी बदलने की शक्ति रखती हैं। चलिए हम आपको बताते हैं साईं बाबा के गेहूं पीसने की कहानी, जो बहुत कम लोग जानते होंगे।
क्या आप जानते हैं साईं बाबा से जुडी ये 8 फैक्ट्स?
साईं बाबा के आगे आज सभी धर्म के लोग सर झुकाते हैं।
साईं बाबा को खुश करने के लिए इस विधि से रखें व्रत, होगी बाबा की कृपा
गुरूवार का दिन साईं बाबा की आराधना का दिन माना जाता है।
साईं भक्तों के लिए शिरडी जाने के लिए बेहतर है यह समय
शिरडी में हर साल लाखों की संख्या में भक्त दर्शन के लिए आते हैं। शिरडी जाने से पहले हर इंसान के दिमाग में एक ही सवाल आता है कि शिरडी जाने का सबसे अच्छा समय क्या है?
ये हैं शिरडी के साईं बाबा की दुर्लभ और वास्तविक तस्वीरें
साईं बाबा कलयुग के ऐसे देवता हैं, जो किसी धर्म या जाति के बंधन में नहीं बंधे थे। क्या हिंदू, क्या मुस्लिम और क्या सिख.. बाबा के दरबार उसके हर भक्त के लिए खुले हैं। साईं के भक्त दुनिया के कोने-कोने में बसे हैं। सांई के सारे चमत्कारों का रहस्य उनके सिद्धांतों में मिलता है, उन्होंने कुछ ऐसे सूत्र दिए हैं जिन्हें जीवन में उतारकर सफल हुआ जा सकता है। साईं बाबा ने अपना संपूर्ण जीवन सादगी व फकीराना अंदाज में बिता दिया। अपने जीवनकाल से लेकर आज तक वह अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि कर रहे हैं। साईं का जीवन सभी के लिए एक आदर्श है, एक प्रेरणा है। यदि उनके द्वारा दी गई शिक्षाओं का हम अनुसरण करें तो वास्तव में हम अपने जीवनकाल को और भी बेहतर बना सकते हैं। त्याग, करूणा, प्रेम और वात्सल्य जैसे गुणों ने साईं बाबा को गुरूओं का भी गुरू बना दिया। यहां हम आपको उन्हीं करूणामयी साईं की वास्तविक और दुलर्भ तस्वीरें दिखाने जा रहे हैं, जिनके दर्शन मात्र से आपको अवश्य ही सुखद अनुभूति प्राप्त होगा।
ऐसे करें साईं बाबा का व्रत और पूजन
साईं बाबा हमेशा सादा जीवन व उच्च विचार के सिद्धांत पर विश्वास करते थे। इसीलिए वे भक्तों पर भी अतिशीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं। उनके व्रत-पूजन, उपवास व आरती के नियम बड़े ही सरल हैं, तो आप भी साई की भक्ति कर उन्हें प्रसन्न करें।
गुरूओं के गुरू हैं साईं बाबा
गुरूओं के गुरू साईं बाबा ने अपना संपूर्ण जीवन सादगी व फकीराना अंदाज में बिता दिया। अपने जीवनकाल में लेकर आज तक वह अपने भक्तों पर कृपा दृष्टि कर रहे हैं। त्याग, करूणा, प्रेम और वात्सल्य जैसे गुणों ने साई बाबा को गुरूओं का भी गुरू बना दिया। जानिए करूणामयी साईं के आदर्शों के बारे में –
