अनाड़ी जी, इस बार रियो ओलम्पिक में नारी के कमाल को देखकर भारतीय पुरुष खिलाड़ी क्या अगाड़ी जाने की प्रेरणा लेंगे या पिछाड़ी ही रहेंगे?
अदिति भारद्वाज, (प. बंगाल)
ओलम्पिक में
नारी ने जलवे दिखाए,
पुरुष खिलाड़ी खास कुछ कर नहीं पाए।
अब कुछ दिन पुरुष
पिछाड़ी ही रहें
और अपने बाल नोंचें,
नारी का सम्मान करना सीख जाएं
तब बराबरी की बात सोचें।
जब सास को बहू से कुछ कहना होता है या डांटना होता है, तो वह अपनी बेटी को इंगित करके क्यों डांटती या कहती है?
शकुन्तला अग्रवाल, लखनऊ
बहू को डांटने के लिए
सच्ची हिम्मत चाहिए,
सच्ची हिम्मत के लिए
सच्चा प्यार चाहिए,
सच्चे प्यार को नहीं चाहिए
तत्वहीन तकरार,
सच्चे प्यार को नहीं चाहिए
रूठाराठी या रार।
जो सास इस बात को जानती हैं,
वे बहू को भी बेटी मानती हैं।
ऐसा सभी मानें
तो काहे का इंगित
काहे का इशारा,
सीधे संवाद हो सारे का सारा।
अनाड़ीजी, मच्छर एक! कैसे फैलाता है बीमारियां अनेक?
अनीता, जम्मू
खच्चर एक, फैलाता है
सामान की बोरियां अनेक।
सच्चर एक, फैलाता है
आयोगों से भ्रांतियां अनेक।
अच्छर एक, फैलाता है
ज्ञान चिनगारियां अनेक।
इसी तरह मच्छर एक,
फैलाता है बीमारियां अनेक।
इन सबका काम है फैलाना,
खच्चर से खिलखिलाना
सच्चर से किलकिलाना
अच्छर से झिलमिलाना
और मच्छर से बिलबिलाना।
अनाड़ी जी, देश का गुलशन उजड़ रहा है, कौन से गुलफाम इसकी हालत सुधार सकते हैं?
रेखा शर्मा, (प. बंगाल)
गुल गुलशन गुलफाम कहां
हम तो गुलाम ठहरे,
हाकिम बहरे के बहरे।
किसके आगे दिल खो खोलें
कौन सुनेगा किसको बोलें?
किसे सुनाएं कड़वा किस्सा
बांटे कौन दर्द में हिस्सा?
कहने भर को लोकतंत्र है,
यहां लुटेरा ही स्वतंत्र है।
खाद नहीं बन पाई खादी
पनप नहीं पाई आज़ादी।
भर-भर के भरमाया हमको,
खादी खा गई दीन-धरम को।
भाई चर गए भाईचारा,
तोड़ दिया विश्वास हमारा।
नेता अपने भोले-भाले,
ऊपर भोले अंदर भाले।
डरते हैं अब रखवालों से,
घायल हैं उनके भालों से।
घाव बड़े गहरे
हाकिम बहरे के बहरे।
अगर कोई लड़की मित्र लड़कों के साथ घूमती है या किसी एक को चाहती है तो लोग उसे चरित्रहीन क्यों घोषित कर देते हैं? घर वाले उसके लिए लड़का क्यों तलाशने लगते हैं। क्या लड़की की अपनी कोई मर्जी नहीं होती?
रंजना कटोच, (ई-मेल से)
तुम्हारे प्रश्न में बड़ी गहरी कराह है,
क्योंकि समाज के सोच का रंग स्याह है।
चेतना वैचारिक ज़हर के कारण नीली है,
लड़कियों की हालत पीली है।
हर लड़की खाप के खूनी लाल रंग से डरी है,
पुराने विचारों ने माता-पिता की बुद्धि हरी है।
इन ब्लैक-एंड-व्हाइट दे शुड नॉट थिंक,
उन्हें दिखाइए, अमिताभ बच्चन की पिंक।
रिश्ते को टिकाऊ बनाए रखने के लिए ज़रूरी बातें क्या हैं?
रीता मल्होत्रा, फरीदाबाद
अपने लिए कुछ नियम चुनें,
पहला, कम बोलें, ज़्यादा सुनें।
दूसरा, समझें कि दूसरे की ज़रूरत क्या है,
तीसरा, तय करें कि
बोलने का मुहूरत क्या है।
चौथा, अहंकार दिखाकर
न करें नाइंसाफी,
पांचवां, अपनी गलती हो तो
फौरन मांग लें माफी।
छठा, दूसरे के काम में हाथ बटाएं,
सातवां, प्रेम करें पर
स्वाभिमान न घटाएं।
अंत में आठवां कि
दोनों मिलकर ये सातों वचन निभाएं।
