Supportive Mother-In-Law: भारत में सास-बहू का रिश्ता बेहद खट्टा-मीठा होता है। हमारे ज्यादातर टीवी सीरियल ड्रामे में अक्सर सास बहू की तू तू मैं मै दिखाई जाती हैं क्योंकि इस रिश्ते में तालमेल बिठाना बेहद मुश्किल होता है.आजकल लोग सास-बहू के रिश्ते की कड़वाहट को कम करने की कोशिश करते है. अब समाज का नजरिया बेहद बदल गया है, वो खडूस सास का कॉन्सेप्ट धीरे धीरे कम होकर सास एक मां की तरह ही ट्रीट करती नजर आ रही है। आइए जानते हैं कि आखिर सास बहुओं को इतना सपोर्ट क्यू करती हैं:
सास भी कभी बहू थी
आज कल की सास बहू पर अत्याचार करके उनको बात बात पार रोकने टोकने की बजाए उनको हर बात सिखाती हैं। क्योंकि सास भी हमेशा से सास नही थी वो भी बहु रह चुकी है तो जानती है कि शुरूआत में गलतियां होती रहती हैं। आजकल सास बहू को बेटी की तरह मानती हैं।
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बेटे की तरह बहू भी है बराबर

एक जमाना हुआ करता था जब सास अपने बेटे को ज्यादा प्यार और बहु को पराया समझती थी जो रिश्ते की कड़वाहट की आम वजह हुआ करती थी लेकिन अब समाज का नज़रिया बिल्कुल बदल गया है । आज कल सास बहुओं को बेटे से ज्यादा मानती हैं, बहु को बहु न समझकर एक दोस्त या बेटी की तरह ट्रीट करती हैं।
लड़ाई में बेटे की बजाए बहु को सपोर्ट

कपल्स के बीच अक्सर लड़ाई हो जाती है। ऐसे मे समझदार सास जब तक जरुरी न हो तब तक उनकी लड़ाई में दखलंदाजी नही करती हैं। आजकल सास बहू को बेटे की ज़िंदगी मे खुशियां बनी रहें और वह लड़ाई की वजह न बने इसीलिए अक्सर बहु को ही सपोर्ट कर बेटे को डांट देती हैं। सास बहू का यही प्यार उनके रिश्ते को और मजबूत बनाता है।
रोक–टोक नही सीखना– सिखाना

अगर बहु को बेटी माना है तो उसकी गलतियों को भी समझें उसे ज्यादा रोक टोक की बजाएं सिखाने पर जोर दें। आजकल बहुत सारी सास बहू से मॉडर्न लाइफ सीखती भी है। अक्सर सास बहू रील्स या फिर सोशल मीडिया साथ में यूज करती नज़र आती हैं।
बेटे की पसन्द और न पसन्द सिखाना
पहले की सास बहू को अकसर यह ताना मरती थी की मेरे बेटे को मेरे ही हाथ का खाना पसन्द है लेकिन अब ऐसा नहीं है सास बहुओं को बेटे की पसन्द के बारे मे हर चीज सिखाती हैं। ताकि बेटे को अपनी लाइफ मे प्यार की कमी महसूस न हो, और बहु और बेटे से रिश्ता हमेशा मधुर बना रहे ।
