loneliness
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कुछ लोग जीवन में बहुत अकेलापन महसूस करते हैं, लेकिन कभी-कभी वे खुद भी इस बात को नहीं जानते हैं। जो लोग अकेलापन महसूस करते हैं, उनमें अक्सर ये लक्षण नजर आते हैं।

Signs of Loneliness: क्या आपने कभी महसूस किया है कि कुछ लोग बहुत ज्यादा बोलते हैं। वो एक बार बोलना शुरू करते हैं तो रुकने का नाम ही नहीं लेते। अक्सर लोगों को लगता है कि ऐसे लोग बहुत बातूनी होते हैं। लेकिन सिक्के का दूसरा पहलू ये है कि ऐसे लोग असल जिंदगी में बहुत अकेले होते हैं। जी हां, कुछ लोग जीवन में बहुत अकेलापन महसूस करते हैं, लेकिन कभी-कभी वे खुद भी इस बात को नहीं जानते हैं। जो लोग अकेलापन महसूस करते हैं, उनमें अक्सर ये लक्षण नजर आते हैं। 

असल जिंदगी में जो लोग गहरे अकेलेपन में होते हैं, वो किसी से मिलने पर बहुत ज्यादा बातें करते हैं।
people who are deeply lonely, talk a lot when they meet someone.

असल जिंदगी में जो लोग गहरे अकेलेपन में होते हैं, वो किसी से मिलने पर बहुत ज्यादा बातें करते हैं। वो चाहते हैं कि सामने वाला उनकी सारी बातें सुन ले। मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि दरअसल ऐसे लोगों के पास अपनी बात कहने के लिए कोई नहीं होता। इसलिए उन्हें जब कोई मिलता है तो वो दिल की सभी बातें कहना शुरू कर देते हैं। 

अकेलापन लोगों को अंदर से काफी खाली कर देता है। ऐसे लोग हमेशा यही कोशिश करते रहते हैं कि वो दूसरे लोगों को अपना बना लें। इस चक्कर में वे अपने से पहले दूसरे लोगों की परवाह करते हैं। वो पहले दूसरे की जरूरतों के बारे में सोचते हैं। ऐसे लोगों को लगता है कि इस तरह से वे दूसरों को अपना बना लेंगे और उनका अकेलापन व खालीपन दूर होगा। लेकिन ऐसा करना उन्हीं को दुखी करता है, लेकिन लोग इसका महत्व ही नहीं समझ पाते।  

दूसरों की मदद को हमेशा तैयार रहने वाले लोग और जरूरत से बढ़कर सभी की मदद करने वाले लोग भी अंदर से अकेलेपन का शिकार होते हैं। वे लोगों से बहुत अच्छा व्यवहार करके और उनकी हरसंभव मदद करके उन्हें अपनी तरफ करने की कोशिश करते हैं। लेकिन इस चक्कर में लोग उनका फायदा उठाने लगते हैं। 

कुछ लोग यारों के यार होते हैं। वे अपने दोस्तों के लिए हर समय बिना किसी शर्त के खड़े रहते हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि कई बार यह लोगों का स्वभाव होता है, लेकिन कई बार इसके पीछे अकेलापन भी होता है। ऐसे लोग अपने दोस्तों को खोने से डरते हैं। उन्हें लगता है कि अगर वो अपने जानकारों या दोस्तों के लिए हर समय मौजूद नहीं होंगे तो वो उन्हें छोड़कर चले जाएंगे। यही कारण है कि वे अपने दोस्तों की हर बात को बिना सोचे समझे मानते हैं। 

कभी-कभी आपको भी खुद के अकेलेपन को समझना चाहिए। अगर आप सबके बीच होते हुए भी खुद को अकेला महसूस करते हैं और आपको लगता है कि कोई आपकी फीलिंग्स नहीं समझता तो आप अकेलेपन का शिकार हैं। अगर आपको हमेशा लगता है कि आपके पास कोई ऐसा नहीं है जो आपको शांति से और सच्चे दिल से सुने तो भी आप अकेलेपन से जूझ रहे हैं। 

अपने अकेलेपन को दूर करना कोई बड़ी बात नहीं है। आप इसे आसानी से खुद दूर कर सकते हैं। आप अपनी आत्मा से जुड़ने की कोशिश करें। खुद से बातें करें। आत्ममंथन और आत्मविश्वास बढ़ाने पर ध्यान दें। अकेलेपन से राहत पाने के लिए आप अपने शौक यानी हॉबी पर फोकस करना शुरू कर दें। इससे आपका ध्यान बंटेगा। पेंटिंग, म्यूजिक, योग, मेडिटेशन को जिंदगी का हिस्सा बनाएं। अगर आपको दूसरों की मदद करने से सुकून मिलता है तो आप सोशल वर्क से जुड़ें। इससे आप कई लोगों से मिलेंगे और आपका सोशल सर्कल बनेगा। आप कोई पालतू जानवर को पालकर भी अपने अकेलेपन को दूर कर सकते हैं।  

मैं अंकिता शर्मा। मुझे मीडिया के तीनों माध्यम प्रिंट, डिजिटल और टीवी का करीब 18 साल का लंबा अनुभव है। मैंने राजस्थान के प्रतिष्ठित पत्रकारिता संस्थानों के साथ काम किया है। इसी के साथ मैं कई प्रतियोगी परीक्षाओं की किताबों की एडिटर भी...