मेरी भाभी तो बहुत स्वीट है-गृहलक्ष्मी की कहानियां: Hindi Kahaniyan
Meri Bhabhi to Bohat Sweet Hain

Hindi Kahaniyan: बात तबकी है जब मेरी पहली डिलीवरी के एक महीने बाद ही, मैं अपने मायके गई थी।मेरे भैया की तब नई नई शादी हुई थी और मुझे संकोच था कि वहां जाऊंगी तो भैया भाभी की प्राइवेसी में कुछ खलल तो नहीं पड़ेगी।
वहां जाकर मुझे पता चला मेरी भाभी तो बहुत स्वीट है।
जब भी मैं अपने बेबी को फीड कराती,मुझे बहुत प्यास लगती,पानी की बॉटल पास होती पर वो खत्म हो जाती,मुझे किसी से मांगना अच्छा नहीं लगता पर मेरी भाभी हर दम कभी शरबत,कभी नींबू पानी बना कर देती रहती। मेरे मना करने के बाद भी वो नहीं मानती और हमेशा कहती,दीदी!मुझे ये करने दीजिए, मैं जानती हूं इस समय कितनी वीकनेस लगती है। फिर कुछ दिन बाद,मेरे हसबैंड मुझे लेने आने वाले थे, मै बेबी के हजारों काम में थकी रहती तो सिंपल गाऊन पहनकर बैठी थी।
मेरी भाभी मेरे पास आई,दीदी!आज जीजाजी आ रहे हैं,चलिए!आपको तैयार कर दूं।
अरे नहीं! आय एम ओके,मैंने टालना चाहा पर मेरी भाभी कहां सुनने वाली थीं।
उन्होंने मुझे बहुत अच्छे से तैयार किया, साड़ी पहनाई,मेक अप किया।
आईने में खुद को देखकर मुझे ही विश्वास नहीं हो रहा था,ये मै हूं।हसबैंड भी बहुत खुश थे।दरअसल पहले प्रेगनेंसी,फिर डिलीवरी और घर में सास,ससुर सबके होते,जिम्मेदारी तले मै सब कुछ भूल ही बैठी थी पर मेरी भाभी ने मुझे सब कुछ सिखाया। उन्होंने मुझे एक पल को भी ये महसूस नहीं होने दिया कि मेरे आने से उनकी और भैया की निजी जिंदगी हर्ट हो रही है।
जब मैंने उनसे ये कहा तो वो बोली,दीदी!पहले ये घर आपका है,आपके भैया मेरे पति बाद में बने हैं,पहले आपके भाई थे और हमेशा रहेंगे और ये मुझे उन्होंने ही कहा है कि मेरी बहन को ये घर कभी पराया नहीं लगना चाहिए।
मै भाव विह्वाल होकर भाभी से लिपट गई,वाकई में,यही सीख मुझे मेरी मां ने दी थी जो मै अपने ससुराल में अपनी चार ननदों के साथ निभाती चली आ रही हूं।वो सब मुझसे काफी बड़ी हैं पर उनसे मैंने बहुत कुछ सीखा है,खाना बनाने में, रिश्तों को निभाने में और अन्य बातें।
हम सब सिर्फ रक्षा बंधन,भाई दूज पर ही नहीं,हर फंक्शन में सगी बहनों की तरह रहते हैं।ताली कभी एक हाथ से नहीं बजती,इसी तरह हैपी रिलेशनशिप के लिए दोनो पक्षों को ही समझदार होना जरूरी है। मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे भाभी भी अच्छी मिली और ननदे भी।

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