Masturbation Activity
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Masturbation Activity: हस्तमैथुन कोई बीमारी नहीं है इसलिए इसका कोई इलाज भी नहीं है। इसे स्त्री और पुरुष दोनों कर सकते हैं।

किसी अनजान व्यक्ति के साथ सहवास करने के बजाय मेरे ख्याल से हस्तमैथुन एक बेहतर विकल्प है। उसमें अनचाहा गर्भ और सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन का डर नहीं रहता है।

जां निसार अख्तर का शेर है’सो चो तो बड़ी चीज है तहजीब बदन की, वर्ना तो बदन आग बुझाने के लिए है।सोचिये कि जब इतना बड़ा शायर सेक्स के हर पोजीशन पर लिख सकता है तो हस्तमैथुन कैसी बुरी चीज हो
सकती है। सबसे बड़ी बात हस्तमैथुन स्त्रियों के लिए भी है और इसे करते समय उन्हें शॄमदगी का एहसास नहीं करना चाहिए। स्त्रियों में चरम सुख पाने की 3 पेरामीटर होते हैं। एक तो कामेक्षा, अगर जोश-ए-जुनून बढ़ता है तो प्राइवेट पार्ट में गीलापन होता है और उसके बाद वो गीलापन, वो उत्तेजना जब एक मुकाम पर ऊपर होती है तभी स्त्री को चरम सीमा का एहसास होता है। कई बार लोग पूछते हैं कि क्लाइमेक्स कैसे पता
चलेगा कि आप क्लाइमेक्स पर पहुंचे हैं या नहीं।

प्रसिद्ध अमेरिकी सेक्सोलॉजिस्ट मास्टर एंड जॉनसन का कहना है कि स्त्री जब क्लाइमेक्स पर आती है तो उसकी दिल की धड़कने तेज हो जाती हैं, उसकी पर्ल्स रेट बढ़ जाती है और ब्लड प्रेशर 120 से लेकर 140 भी हो जाता है। उसकी आंख की कींची में बदलाव आ जाते हैं। एक तरह का ग्लो आ जाता है। हस्तमैथुन हस्त दोष नहीं, बल्कि मैथुन का एक प्रकार है। किसी-किसी महिला को एक उपन्यास पढ़कर भी चरम सुख प्राप्त हो जाता है तो किसी को निह्रश्वपल पर हाथ लगाने से भी चरम सुख प्राप्त होता है लेकिन मेरा जितना अनुभव है उसमें ज्यादातर महिलाओं को क्लिटोरिस को स्टिम्युलेट यानी उकसाकर चरम सुख की प्राप्ति होती है।
हस्तमैथुन में एक तरह की फेंटेसी रहती है।

गर्भावस्था के समय स्त्री को कामेक्षा होती है तो वह वह स्वमैथुन से खुद को संतुष्ट कर सकती हैं। शुरू के 3 महीने यह निषेध है क्योंकि इससे उन्हें गर्भपात हो सकता है। यदि डॉक्टर कहता कि आप इस समय हस्तमैथुन
या सहवास कर सकती हैं तो इत्मीनान से आप हस्तमैथुन कर सकती हैं। इससे न तो उन्हें दिक्कत होगी और न ही गर्भ में पल रहे शिशु को कोई दिक्कत होगी। वह किसी भी तरीके से हस्तमैथुन कर के चरम सीमा पर पहुंच सकती है। दरअसल, पहले ट्राईमेस्टर में कुछ दिक्कत है जैसे कि बार एबॉर्शन होना तो पहले 3 महीने में डॉक्टर सहवास के लिए मना करते हैं। ऐसे में आपको नहीं करना चाहिए। संतोष दो कान के बीच में होता है न
कि दो पैरों के बीच।

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स्त्रियां मासिक धर्म के समय भी हस्तमैथुन कर सकती हैं, यह बात मैं खासतौर से उन लोगों की बात कर रहा हूं जो कॉलेज जाने वाली लडकियां हैं। किसी अनजान व्यक्ति के साथ सहवास करने के बजाय मेरे ख्याल से हस्तमैथुन एक बेहतर विकल्प है। उसमें अनचाहा गर्भ भी नहीं है और न ही सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन भी नहीं है।
एड्स जैसी लाइलाज बीमारी से आप दूर रह सकते हो और अपने आप संतुष्ट भी पा सकते हो। कामेक्षा नदी में आने वाली बाढ़ की तरह है जिसे रोक पाना मुश्किल होता है लेकिन उसे दिशा दे सकते हैं।

युवावस्था में जोश जरा ज्यादा होता है, यदि ऐसा है और आप ठीक से चरम सुख पा लेते हैं तो इसमें कोई दिक्कत नहीं है। यह कोई बीमारी नहीं है इसलिए इसका कोई इलाज भी नहीं है। मेरे पास ऐसे कई मरीज आए हैं
जिन्होंने कामेक्षा के समय बलात्कार करने कि कोशिश की है। उनका मानना था कि इसे करने से शारीरिक कमजोरी आ जाती है और टीबी हो जाता है। लोग आज भी गलतफहमी का शिकार हैं, इसके लिए सेक्स एजुकेशन बहुत जरूरी है, ताकि वे कामेक्षा के समय ऐसा प्रयास न करें। लेकिन सेक्स एजुकेशन का मतलब यह बिलकुल नहीं है कि उन्हें वो चीज बताना जो वो नहीं जानते हैं बल्कि हमें लोगों को उस तरह का बर्ताव करना सिखाना है जिससे वो अभ्यस्त नहीं हैं।

बस इस समय आप हाइजीन का ख्याल जरूर रखें। अगर आप हाथों का इस्तेमाल करते हैं तो अपने हाथ साफ-सुथरे रखिये। यदि आप प्रकाश कोठारी से सेक्स संबंधी समस्याएं जानना चाहती हैं तो उनका
यू-ट्यूब चैनल देख सकते हैं।