Intercourse Starting
Intercourse Starting

Intercourse Starting: इश्क धीरे-धीरे ही परवान चढ़ता है, जल्दबाजी में अक्सर चूक हो जाती है। जब समागम का समय पास आए तो एक-दूसरे को अपनी बात कहने से हिचकिचाएं नहीं। इस तरह समागम के समय होने वाली सामान्य परेशानियों को आप धीरे-धीरे पार कर जाएंगे।

शादीशुदा जोड़े के बीच एक अच्‍छे और मजबूत रिश्‍ते की नींव होती है। सेक्‍स। सेक्‍स का संबंध सिर्फ शारीरिक नहीं बल्कि मानसिक और भावनात्‍मक भी होता है। माना जाता है कि जिन शादीशुदा जोड़ों की सेक्‍स लाइफ
सक्रिय होती है उनका रिश्‍ता उतना ही बेहतर और मजबूत होता है। लेकिन समय की कमी और जीवनशैली में बदलाव जैसे कई कारण सेक्‍स लाइफ में अड़चन खड़ी कर रहे हैं। इतना ही नहीं इंटरकोर्स के दौरान अक्‍सर कपल्‍स ऐसी समस्‍याओं का सामना करते हैं जो देखने में भले ही सामान्‍य लगती हैं लेकिन वह आपकी सेक्‍स लाइफ को पूरी तरह से प्रभावित कर सकती हैं। तो चलिए जानते हैं संसर्ग के समय होने वाली सामान्य दिक्कतों के बारे में जो आपकी शादीशुदा जिंदगी पर असर डाल रही हैं।

सेक्‍स के प्रति महिला और पुरुष दोनों के विचार और अपेक्षाएं अलग-अलग होती हैं,जो सेक्‍सुअल इंटिमेसी में हस्‍तक्षेप कर सकती हैं। जहां एक ओर पुरुष अपने अंग के आकार और प्रदर्शन को लेकर चिंतित रहते हैं वहीं महिलाएं पुरुषों से बेहतर प्रदर्शन की उम्‍मीद रखती हैं। कई बार ये गलत धारणाएं सेक्‍स लाइफ को बाधित कर सकती हैं। हालांकि ये समस्‍या बेहद सामान्‍य है, लेकिन कई मामलों में ये रिश्‍ते को कमजोर बना सकती हैं।

सेक्‍स लाइफ को बाधित करने में समय की कमी सबसे बड़ा कारण हो सकती है। आमतौर पर व्यस्‍त जीवन वाले लोग दावा करते हैं कि वे एक-दूसरे से ह्रश्व‍यार तो बहुत करते हैं लेकिन उनके पास सेक्‍स करने का
पर्याह्रश्व‍त समय नहीं होता। वयस्त जीवनशाली के चलते कपल्‍स के बीच शारीरिक और भावनात्‍मक दूरियां बढ़ रही हैं। मानसिक तनाव के कारण सेक्‍स करने की इच्‍छा लगभग शून्‍य हो जाती है। इसके अलावा दर्दनाक इंटरकोर्स, नकारात्‍मक शरीर की छवि, शीघ्रपतन और हार्मोनल बदलाव भी यौन इच्छा में कमी का कारण बन सकता है।

उम्र बढ़ने के साथ पुरुषों की शारीरिक क्षमता में कमी आना स्‍वाभाविक है, जिसमें इरेक्‍टाइल डिफिकल्‍टी की समस्‍या होना आम बात है। इसका मतलब ये नहीं कि पुरुषों को संबंध बनाने में परेशानी आती है बल्कि उनकी शारीरिक क्षमता कम हो जाती है। जिस वजह से शीघ्रपतन और लिंग में पर्याह्रश्व‍त तनाव को प्राह्रश्व‍त करने की क्षमता कम हो सकती है। ये रिलेशनशिप में भावनात्‍मक कठिनाइयों का संकेत भी हो सकता है।

सेक्‍स में सिर्फ संसर्ग ही मायने नहीं रखता बल्कि ह्रश्व‍यार और इंटिमेसी भी महत्‍वपूर्ण होती है। कपल्‍स आमतौर पर नहीं जानते कि सेक्‍स लाइफ को चार्ज करने में भावनात्‍मक इंटिमेसी कितनी जरूरी होती
है। भावनाओं की कमी और तनाव यौन इच्छा में कमी का कारण बन सकता है। इसलिए सेक्‍स को नहीं बल्कि सेक्‍सुअल टच को महत्‍व देना आवश्‍यक होता है जिससे बेहतर प्रदर्शन करने में मदद मिल सकती है।

Intercourse Starting-The problem of body shaming
The problem of body shaming

उम्र के साथ हर किसी के शरीर में बदलाव आता है लेकिन इस बदलाव को स्वीकार न करना आपकी सेक्‍स लाइफ को बरबाद कर सकता है। दंपत्ती मजाक में ही सही लेकिन कई बार एक-दूसरे के शरीर के लिए ऐसा
कमेंट कर देते हैं जो उनकी सेक्‍स परफॉर्मंेस को प्रभावित कर सकता है। बॉडी शेमिंग के कारण अधिकांश महिलाओं की सेक्‍स के प्रति इच्‍छा मर जाती है। साथ ही उनका आत्मविश्वास का स्तर भी कम हो जाता है।
वह अपने पार्टनर से अपनी भावनाएं व्‍यक्त करने में सकुचाने लगती हैं जिसके कारण उन्‍हें सेक्‍स करने में कठिनाई महसूस हो सकती है।

सेक्‍स लाइफ को आपकी लाइफस्‍टाइल, डाइट और नींद प्रभावित कर सकती है। नींद की कमी अक्‍सर थकान और तनाव को बढ़ावा देती है। जिस वजह से सेक्‍स करने की इच्‍छा लगभग समाह्रश्व‍त हो जाती है। नींद की कमी आपके मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर प्रभाव डालती है जिससे सेक्‍स डिजायर में कमी भी देखी जा सकती है। सेक्‍स के दौरान थकान महसूस करना, मन न लगना या सेक्‍स को बोझ समझना जैसे लक्षण महसूस हो सकते
हैं। इसलिए जरूरी है कि दिन में लगभग 6-7 घंटे की पर्याह्रश्व‍त नींद लें।

यदि महिला प्रेग्‍नेंसी से डरती है तो वह कभी भी सेक्‍स का आनंद नहीं ले सकती। सेक्‍स के दौरान किसी प्रकार के कॉन्‍ट्रासेप्टिव का उपयोग न किया जाए तो प्रेग्‍नेंसी की संभावनाएं बढ़ जाती है। अनियोजित प्रेग्‍नेंसी का डर महिला और पुरुष दोनों की परफॉर्मंेस को प्रभावित कर सकता है। कई बार पुरुष महिलाओं को प्रेग्‍नेंसी के डर के कारण असंतुष्‍ट छोड़ देते हैं जिससे उनकी सेक्‍स लाइफ खराब हो सकती है।

Lack of foreplay
Lack of foreplay

जल्‍दबाजी में किया गया सेक्‍स आपके इंटरकोर्स को प्रभावित कर सकता है। सेक्‍स में शारीरिक, मानसिक और भावनात्‍मक रूप से जुड़ना महत्‍वपूर्ण है। अक्‍सर फोरह्रश्व‍ले के बिना सेक्‍स करना असुविधाजनक और दर्दनाक हो सकता है। खासकर महिलाओं को सेक्‍स का आनंद लेने के लिए उत्तेजना
और लुब्रिकेंट की आवश्‍यकता होती है, जो इंटरकोर्स से नहीं बल्कि फोरह्रश्व‍ले से उत्‍पन्‍न होती है। फोरह्रश्व‍ले में संवाद, स्‍पर्श और प्रेम की कमी आपकी परफॉर्मंेस पर असर डाल सकती है।

इंटरकोर्स के दौरान कई बार पार्टनर्स के बीच संवाद की कमी होती है। जिस वजह से उन्‍हें अपनी भावनाएं व्‍यक्‍त करने का मौका नहीं मिल पाता। इंटरकोर्स के दौरान अपनी अपेक्षाओं और जरूरतों के बारे में बात करें, ताकि सेक्‍स लाइफ को सुधारा जा सके।

रखें आत्मविश्वास

कई बार महिलाएं और पुरुष बॉडी शेमिंग का शिकार हो जाते हैं, जिसका असर उनकी सेक्‍स लाइफ पर भी पड़ सकता है। इसलिए सेक्‍स के दौरान आत्मविश्वास बनाए रखें। अपनी परेशानियों के बारे में पार्टनर से
खुलकर बात करें। इससे यकीनन आपकी परफॉर्मंेस में सुधार हो सकता है।

तनाव से रहें दूर

सेक्‍स के दौरान मानसिक रूप से तनावमुक्‍त रहना बेहद जरूरी होता है। तनाव को कम करने के लिए आप योगा, मेडिटेशन या मेंटल गेम्‍स का सहारा ले सकते हैं। अधिक तनाव लेने से आपकी सेक्‍स परफॉर्मंेस पर प्रभाव पड़ सकता है।

लुब्रिकेशन का इस्‍तेमाल

सेक्‍स के दौरान सबसे बड़ी समस्‍या दर्द और योनी में सूखेपन की होती है। इस समस्‍या से निपटने के लिए आॢटफीशियल लुब्रिकेशन का इस्‍तेमाल किया जा सकता है।

जीवनशैली में बदलाव

हमारी लाइफस्‍टाइल का प्रभाव सेक्‍स लाइफ और इंटरकोर्स पर भी पड़ता है। यदि व्‍यक्ति की लाइफस्‍टाइल तनावग्रस्‍त है तो सेक्‍स के दौरान भी तनाव महसूस किया जा सकता है। खान-पान, धूम्रपान और अत्‍यधिक शराब का सेवन हानिकारक हो सकता है। इसलिए लाइफस्‍टाइल में सकारात्‍मक बदलाव करना
बेहद आवश्‍यक है।

ये पुरुषों की सबसे आम यौन समस्‍याओं में से एक है। इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं है, ये मानसिक और भावनात्‍मक कारणों की वजह से हो सकती है। बढ़ती उम्र के साथ ये समस्‍या बढ़ जाती है। शीघ्रपतन की वजह से सेक्‍स डिजाइर में कमी, अरुचि और प्रदर्शन में कमी देखी जा सकती है।