10 से शादीशुदा रति, अब पूरे दिन के वही घरेलू काम कर-कर के ऊब चुकी हैं। वो चाहती हैं कि फिर से अपनी पढ़ाई का इस्तेमाल करें और कुछ कर दिखाएं। पर ढेर सारी जिम्मेदारियां उन्हें ऐसा करने से रोकती रहती हैं। वहीं दूसरी तरफ दिल है कि कुछ कर दिखाने के सपनों को छोड़ ही नहीं पा रहा है। उसे तो वो सब वापस चाहिए, जो सालों पहले करके खूब नाम कमाया था। जिंदगी की इस कशमकश में रति अकेली नहीं हैं। किसी भी सड़क पर निकल जाइए, एक घर तो ऐसा होगा ही, जहां कोई ना कोई महिला अपने करियर और शौकों को पीछे छोड़ कर खुशी-खुशी घर संभाल रही हैं लेकिन दिल में कुछ न कर पाने का दुख हर वक्त हिलोरे मारता रहता है। ये दुख करियर दोबारा शुरू न कर पाने का नहीं है बल्कि ये दुख खुद को साबित न कर पाने का है। लेकिन इस दुख से बाहर निकलना इतना भी कठिन नहीं है। इसके लिए अपने हुनर को पहचानना और खुद को किसी से कम न समझना भी काफी होगा। कैसे और क्या करें, आइए जानें-

हुनर को पहचानें-
हर इंसान में कोई न कोई हुनर तो होता ही है। कुछ नहीं तो आपको खाना बनाना तो आता ही होगा। ये नहीं तो कढ़ाई करना और ये नहीं तो गिटार बजाना, कुछ तो आता ही होगा। आप अपने इस हुनर को दिनभर में 2 घंटे देना भर शुरू कीजिए। कुछ नहीं तो इस हुनर को दूसरों तक पहुंचाने का कोशिश करें। मतलब आप इस हुनर को दूसरों को सिखा सकती हैं। पहले पहले कुछ मिनटों की क्लास लेना शुरू कीजिए। देखिएग ये कुछ मिनट आपके लिए दवा जैसे हो जाएंगे। आप इनका इंतजार करेंगी। आपको जीवन में फिर से रंग भरते जरूर दिखाई देंगे।

आपमें भी कुछ है-
अक्सर लड़कियां घर पर रहते हुए खुद पर विश्वास खो देती हैं। उन्हें लगता है कि वो सिर्फ घर संभालने के ही काबिल थीं, जबकि ऐसा नहीं है। दिल के किसी कोने में खुद पर आत्मविश्वास आज भी सही सलामत है। बस जरूरत है कि खुद को ये बात समझाई जाए कि घर संभालते रहने से कोई बेकार नहीं हो जाता है। जरूरत होती है कि खुद कि वैल्यू समझी जाए। खुद को किसी काम का न समझना दुख सिर्फ आपको ही देगा।
फिर से शौक-
आपको पेंटिंग का शौक था। आप गिटार भी सीखना चाहती थीं लेकिन शादी के बाद की जिम्मेदारियों ने आपको कभी इन शौक के करीब नहीं आने दिया। लेकिन अब जब उदासी आपको घेरे रहती है। आपका होना भर आपको बेकार लगता है तो इन शौक को फिर से चुन लीजिए। फिर से दिनभर के कुछ पल सिर्फ इस शौक को देना शुरू कर दीजिए। देखिएगा कैसे दिल खुश रहने लगेगा। आउर आपको अपना जीवन भी सार्थक लगेगा।
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