उस दिन अचानक शादी में लहंगा पहनने का ख्याल आया तो याद आया पडोस वाली राधा को कुछ दिन पहले उसके मांगने पर मैने अपना लहंगा पहनने को दिया था उसके भाई की शादी थी और मेरा सिल्वर वर्क का फिरोजी लहंगा उस पर बहुत जंचा था पर इतने दिन पश्चात उसने लहंगा वापस नहीं किया और मैं भी भूल गई।
अब आज एक करीबी मित्र की शादी थी और मुझे वो लहंगा चाहिए था। मैने राधा के घर जाकर उसे लहंगे के लिए कहा तो उसने ‘उई माॅं’ कहते हुए बक्से से लहंगा निकाल कर दिया।
कुचला हुआ दाग धब्बों वाला अपना सुन्दर महंगा लहंगा देख कर मेरे तो होश ही उड गए। उस लहंगे पर असली चांदी का काम था और प्रायः मैं उसे बहुत हिफाजत से रखती थी।
‘भाभी लहंगे पर बिट्टू ने काॅफी गिरा दी थी’ यह कह कर उसने मुझे एक पाॅलिथिन में लहंगा थमा दिया पर रास्ते भर मुझे अपने उपर गुस्सा आता रहा कि क्यूं मैने अपना वर्षो से सहेजा हुआ लहंगा उसे पहनने को दिया। इस शादी में तो उसे किसी भी कीमत पर पहना ही नहीं जा सकेगा।
लहंगा ड्राईक्लिनिंग मांग रहा था। बस मेरे मन में राधा के लिए गांठ पड गई। कितनी बेकद्री से उसने मेरी अच्छाई का बदला बुराई से दिया था।
कई बार हम भी ऐसी ही गल्तियां या तो कर बैठते हैं या फिर उन के शिकार हो जाते है।
देते-लेते वक्त कुछ बातें यदि हम ध्यान रख ले तो रिश्तों में दरार या बुरे अनुभवों से हम बच सकते है।
1. महंगे सामान देख कर सामने वाले को दें।
2. सोने के गहने या पुरातात्विक महत्व के सामान ध्यान से तोल के या गिन कर अति निकट सम्बन्धियों को ही दें।
3. अक्सर चीजें मांगने वालों को ज्यादा प्रोत्साहन न दें। उनकी आदत तो बिगडती ही है स्वंय भी हमें असुविधा होती है।
4. अखबार या किताबें देते वक्त हम लेने वालों को उन्हे सहेज कर रखने को कह सकते है।
5. किताबें व मैग्जीन देते वक्त यदि हम उन्हे कवर करके दें तो वें सुरक्ष्ति रहेंगी।
6. किसी से ली हुई चीज किसी और को कभी न दें। यदि देना जरुरी हो तो जिससे आपने वो चीज ली थी उससे पूछ कर, उसकी जानकारी में ला कर ही चीज दें।
लेते वक्त भी कुछ बातें यदि हम ध्यान रखेंगे तो हमारे सम्बन्ध नहीं बिगडेंगे।
1. मांगना बुरी आदत है यथा सम्भव कोशिश कीजिए कि कम से कम मांगे।
2. महिलाओं में एक दूसरे के कपडे या अभूषण मांगने की अक्सर बुरी आदत होती है। कोशिश करें कि अपने ही कपडों व आभूषणों से आप काम चलाए। मिक्स एण्ड मैच करके आप अपनी वार्डरोब में विविधता ला सकती है।
3. किसी की चीज यदि ली हो तो समय पर लौटाएं। प्रयास करें कि जिस स्थिति में ली हो उससे अच्छी स्थिति में लोटाएं।
4. कपडे प्रैस करके या आवश्यक हो तो ड्राईक्लीन करवा कर लौटाएं। काॅपी किताबों पर आप कवर चढ़ा के वापस दे सकती हे।
5. खाने के सामान मांगे नहीं। यदि चीनी, दही, सब्जी आदि आप दूसरों से लेती भी हैं तो कोशिश करें कि वापस भी उतना ही दें पाएं।
6. निकटतम मित्रों में कई बार गाडियां ले ली जाती है। दुपहिया या चार पहिया वाहन यदि ले तो उसमें पैट्रोल भरवाकर, उसे साफ करके ही वापस दें।
7. रुपये पैसे का उधार वैसे तो प्रेम की कैंची कहलाता है पर आपसी सम्बन्धों में यदि रुपये पैसे लेने भी पडे तो समय पर वापस लौटाएं।
8. यदि ले रहे है तो स्वंय को देने वाले के स्थान पर रख कर सोचें और देते वक्त लेने वाले की जगह पर।
9. ध्यान रहे कि लेन-देन चीजों का नहीं, विश्वास का होता है। इसमें कोताही बरतने से आपके सम्बन्ध हमेशा के लिए बिगड सकते है और भविष्य में इस सुविधा से आप हमेशा के लिए वंचित भी हो सकते है।
रोजमर्रा की जिन्दगी में कटुता से हम तभी बच पायेंगे।
