दापंत्य जीवन में जहां व्यवस्तता के चलते सेक्स को अनदेखा किया जा रहा है, वहीं मोटापे के कारण सेक्स के प्रति रुझान खत्म-सा हो गया है, क्योंकि बदलती जीवनशैली और कार्य शैली के चलते चर्बी धीरे-धीरे बढ़ने लगती है, जिसका असर यौन संबधों पर साफ दिखाई देता है। सेक्स के प्रति इस निराशा का प्रमुख कारण मोटापा है, जिसके चलते दांपत्य जीवन में यौनेच्छा नाम मात्र की रह गई है।अध्ययनों के मुताबिक कोलबिंया के यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैरोलिना स्कूल ऑफ मेडिसिन में 24 वर्ष से अधिक आयु के 3,250 लोगों के कोलेस्ट्रोल स्तर तथा यौन जीवन की जांच की गई, जिसमें पाया गया कि जैसे- जैसे व्यक्ति का कोलेस्ट्रोल स्तर बढ़ता गया उसके ई.डी. से पीड़ित होने की संभावना बढ़ती गई। 

जिन लोगों का कोलेस्ट्राल काउंट 240 से अधिक था, उनमें 180 से कम कोलेस्ट्राल स्तर वाले लोगों की तुलना में इरेक्शन की समस्या दोगुना पाए जाने की संभावना पाई गई। इसके अलावा उनके यौन जीवन में मोटे लोगों में स्वस्थ वजन स्तर वाले लोगों की तुलना में 25 गुना समस्याएं अधिक पाई गईं हैं। पुरुष और महिलाओं दोनों में यौन इच्छा तथा आनंद का अभाव व कष्टकारक यौन व्यवहार की शिकायतें व लोगों को यौन संबधों से दूर रहते पाया गया। स्त्री -पुरुष के लिए अधिक जटिल बात यह सामने आई कि भार में वसा का स्तर जितना अधिक। होगा, एस.एच.बी.जी. (शर्ट फॉ सेक्स हार्मोन बाईडिगं ग्लोबुलिन) नमक प्राकृतिक रासायनिक का स्तर उतना ही अधिक होगा, क्योंकि यह यौन हार्मोन टेस्टोस्टरोन बांधता है । डॉक्टरों का मानना है कि जितना अधिक एस.एच.बी.जी. के निकट होगा यौन इच्छा जागृत करने के लिए टेस्टोस्टोन की उतनी ही कम मात्रा उपलब्ध होगी।
 
मोटापे के दुष्प्रभाव
  • दांपत्य जीवन में अल्फावन एंड्रोलाजी ग्रुप के निदेशक डॉ. अनूप धीर कहते हैं, ‘मोटे लोगों में यौन समस्याएं अपेक्षा से अधिक होती है, इसलिए उन्हें उपचार की आवश्यकता पड़ती है। मोटे लोगों के सामने ये मुद्दे यौन समस्याओं जटिल बना रहे हैं। और ऐसे मामलों की तादात बढ़ रही है और लोग भली-भांति जानते हैं कि उन्हें मधुमेह, हृदय रोग तथा उच्च, रक्तचाप का खतरा रहता है।
  • नए अध्ययन के अनुसार महिलाओं में मोटापा बांझपन का कारण बन रहा है, क्योंकि मोटी महिलाओं की बच्चेदानी में परिवर्तन होता रहता है, जिसके चलते भ्रूण से अंडा नहीं बन पाता।
  • मोटी महिलाओं में वसा बहुत अधिक होती है, तथा अंडों के आसपास के द्रव में जलन रहती है, जिसके चलते अंडों की विकास क्षमता प्रभावित हो सकती है।
  • शरीर कि आकृति विकृत होने से स्थूल पुरुषों को यौन समागम के दौरान शिश्न प्रविष्ट कराने में परेशानी होती है।

अगले पेज पर पढ़ें रक्त शर्करा के बारे में

  •  स्थूल व्यक्तियों में रक्त शर्करा अधिक होती है, जिससे यौन दुर्बलता आ जाती है।
  • एरोमाटेज हार्मोन के कारण शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा बढ़ जाने से यौनकर्षण कम हो जाता है और अधिक एस्ट्रोजन भी वजन से मोटापा भी बढ़ जाता है।
  • चर्बीयुक्त कोशिकाएं एरोमाटेज नामक एक हार्मोन तैयार करती है। यह एरोमाटेज टेस्टोस्टरोन हार्मोन को एस्ट्रोजन हार्मोन में परिवर्तित कर देता है। और इस अधिक एस्ट्रोजेन वजन से  अधिक चर्बीयुक्त कोशिकाएं बनने लगती हैं। यह एक मुख्य कारण है, जिससे शरीर में फ्री टेस्टोस्टोन की उत्पति हो जाती है। चूंकि इस अवस्था में टेस्टोस्टरोन की उपलब्धि कम हो जाती है। इसलिए यौनाकर्षण नष्टप्राय हो्कर रह जाता है।

क्या करें

  • वास्तव में महिलाएं और पुरुष कई आकार के होते हैं, जिन्हें किसी भी आयु में भरपूर यौन उपभोग करना अच्छा लगता है, इसलिए बहुत जरुरी हो जाता है कि अच्छी हेल्थ मोटोपे का रुख न लें, इसके लिए कुछ बातों का खास ध्यान रखें-
  • खानपान की अच्छी आदतों के बल पर यौन दृष्टि से अहम इन तंत्रों को दुरुस्त रखा जा सकता है, जबकि घटिया खानपान इसके लिए जहर का कार्य करता है।
  • यौन कार्य हृदयवाहिनी तंत्र, हृदय तथा रक्त वाहिकाओं तथा तंत्रि्का तंत्र पर निर्भर करता है।
  • भोजन जब भी करें तो खूब चबाकर करें।
  • पानी पाते समय एक सांस में पानी न पिएं, बल्कि घूंट-घूंट कर पीना चाहिए।
  • सोने जाने से पहले दो घंटे पहले भोजन जरुर कर लें। दोनों समय के भोजन के बीच छह घंटे का अंतराल रखें।
  • हरी सब्जियों व फल आदि का अधिक सेवन करें।

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