fifty shades darker novel in Hindi
fifty shades darker novel in Hindi

fifty shades darker novel in Hindi: क्रिस्टियन उन घरों के आगे से निकलता जा रहा था, जहां बच्चे घरों में बास्केटबॉल खेल रहे थे या सड़कों पर साइकिलें चला रहे थे। पेड़ों के बीच घिरे वे घर बहुत ही भरे-पूरे लग रहे थे। क्या हम किसी से मिलने जा रहे हैं? किस से?

कुछ ही मिनट बाद उसने एक बांया मोड़ लिया और हम खूबसूरत धातु के बने सफेद गेट के पास जाकर रुके। उसने खिड़की खोलकर, गेट के पास एक बटन दबाया और गेट फटाक से खुल गया।

उसने मुझे देखा, मेरे चेहरे के भाव बदल गए थे। वह भी कुछ अनिश्चित और घबराया हुआ सा दिखा।

“ये क्या है?” मेरी आवाज़ में छिपी चिंता छिपी न रह सकी।

“एक आइडिया!” उसने कहा और गाड़ी को गेट से अन्दर ले गया।

हम पेड़ों के बीच बनी उस पगडंडी से जा रहे थे, जहां से दो कारें आराम से जा सकती थीं। वहां एक ओर पेड़ों से घिरा जंगलनुमा इलाका था और दूसरी ओर घास का एक मैदान दिखाई दिया। जहां जंगली फूल लगे दिख रहे थे। वह जगह किसी गांव-देहात के ऐसे खेत की तरह लग रही थी जहां मीठी हवा के झोंकों के बीच पौधे झूमते हैं और ढलते सूरज की रोशनी से नहा उठते हैं। ये तो सचमुच बड़ा ही प्यारा है। मैंने कल्पना की कि मैं भी ऐसे खुले आसमान तले घास में लेटी हूं। पता नहीं क्यों घर की याद सताने लगी।

वह गली मुड़ते ही हम एक डन्न्राइव-वे पर आ गए और गुलाबी रंग के सैंडस्टोन से बना मैडीटेरेनियन स्टाइल का घर दिखाई दिया। यह बहुत विशाल है। सारी बबत्तियां जल रही हैं। चार कार वाले गैराज के बाहर काली बीएमडब्ल्यू पार्क की गई है पर क्रिस्टियन ने कार पोर्टिको के बाहर ही लगा दी।

“हम्म… मैं सोच रही थी कि यहां कौन रहता है? हम किसके घर आए हैं?”

क्रिस्टियन ने कार का इंजन बंद करते हुए मुझे उत्सुकता से देखा।

“क्या तुम खुले दिमाग की सोच नहीं रख सकतीं?”

“क्रिस्टियन! तुमसे मिलने के बाद मुझे सोचने का मौका ही कहां मिला है।”

“हां, मिस स्टील! ये तो आपने बिल्कुल सही कहा।” उसने हंस कर हामी दी।

गहरी लकड़ी के बने दरवाजे पर एक भूरे बालों वाली युवती हमारा इंतजार कर रही थी। वह नीले रंग के सूट में थी। चलो अच्छा हुआ मैंने आज अच्छे कपड़े पहन लिए थे। माना मैंने उसके जैसी हील नहीं पहनीं पर फिर मैं जींस में तो नहीं हूं।

“मि. ग्रे!” वह अपनेपन से मुस्कुराई और हाथ मिलाया।

“मिस कैली।” उसने विनम्रतापूर्वक कहा।

वह मुझे देखकर मुस्कुराई और हाथ आगे कर दिया। उसके चेहरे की लाली बता रही थी कि वह उस वक्त क्रिस्टियन को देखकर क्या सोच रही होगी।

“ओल्गा कैली।” उसने अपना नाम बताया।

“एना स्टील।” कौन है यह औरत? उसने घर में हमारा स्वागत किया। मैंने अन्दर कदम रखा तो हैरान रह गई। घर तो पूरी तरह से खाली है। हम एक बड़े से हॉल में थे। दीवारें हल्के पीले प्रिमरोज़ रंग की हैं और उस जगह पर निशान साफ दिख रहे हैं, जहां कभी तस्वीरें टांगी गई हैं। बस पुराने फैशन का क्रिस्टल लाइट सामने ही दिख रहा है। हमारे आसपास के दरवाजे बंद थे पर क्रिस्टियन मुझे आगे ले गया इसलिए और देखने का मौका ही नहीं मिला।

वह मुझे हाथ थामकर आगे ले गया तो एक मेहराबनुमा जगह नज़र आई। वहीं बहुत ही सुंदर डिज़ाइन वाली लोहे की घुमावदार सीढ़ियां भी दिखाई दीं पर हम उन्हें भी पार करते हुए, आगे निकल गए। वह मुझे एक बड़े से खाली कमरे से बाहर ले गया, जहां एक बहुत विशाल कालीन लिपटा पड़ा था। शायद मैंने इससे बड़ा कालीन कभी नहीं देखा। ओह! यहां तो क्रिस्टल के चार बड़े फानूस भी हैं।

जब हम फ्रेंच दरवाजों से होते हुए, बड़े ही प्यारे से लॉन में पहुंचे तो मुझे समझ आया कि वह उस ज़बरदस्त नज़ारे को मुझे दिखाने के लिए वहां लाया था।

दूर से बेनब्रिज द्वीप दिख रहा है और उसके आगे ढलती शाम का नज़ारा! सूरज अस्त होते-होते, आसपास संतरी और सुनहरे रंग की निराली आभा दे रहा है। आकाश के नीले रंग के बीच उसके संतरी रंग की छटाएं देखते ही बन रही हैं। बादलों के पल-पल बदलते रंग और साथ में हरियाली से भरी धरती। प्रकृति का मनोहारी रूप, मानो आकाश का वह अद्भुत प्रतिबिंब ही धरती के गहरे स्थिर जल में उतर आया हो। मैं तो उस नज़ारे में, कुदरत के उस खूबसूरत नज़ारे में खो सी गई।

मुझे एहसास हुआ कि मैंने अपनी सांस तक रोक रखी थी और उसने अब भी मेरा हाथ थामा हुआ है। वह मुझे बहुत ही आश्चर्य से देख रहा है।

“तुम मुझे यहां लाए ताकि प्रकृति का यह अद्भुत दृश्य दिखा सको।” मैंने कहा

उसने हौले से हामी दी।

“क्रिस्टियन! यह तो कमाल है। धन्यवाद!” मैंने एक बार फिर उस दृश्य को आंखों से पीया और उसने मेरा हाथ छोड़ दिया।

“अगर तुम्हें आजीवन यह नज़ारे देखने को मिलें तो कैसा लगेगा?” उसने पूछा

“क्या?” मैंने अपना चेहरा एकदम उसके चेहरे की ओर मोड़ा। शायद मेरा मुंह भी खुला रह गया होगा।

“मैं हमेशा से ही तट के समीप रहना चाहता था। अक्सर यहां से निकलते हुए इन घरों पर नज़र रखता था। इस जगह को अभी बाजार में आए ज्यादा देर नहीं हुई। मैं इसे लेना चाहता हूं ताकि इसे गिराकर एक नया घर बना सकूं। हमारे लिए एक नया घर।” उसकी पारदर्शी आंखें एक अजीब-सी उम्मीद से चमक उठी हैं।

जीसस! मैंने किसी तरह खुद को संभाला। मेरा सिर चकरा रहा है। यहां रह सकते हैं। इतनी प्यारी जगह में हम रह सकते हैं? मेरा बाकी का सारा जीवन!

“ये बस मेरी सोच है।” उसने सावधानी से कहा।

मैंने घर के भीतरी सामान पर नज़र डालते हुए उसकी कीमत का अंदाजा लगाना चाहा। ये कितने का होगा? हाय! मैं तो सोच भी नहीं सकती।

“तुम इसे गिरा कर क्यों बनाना चाहते हो?”

“मैं चाहता हूं कि यहां नई तकनीकों, पर्यावरण की दृष्टि से बेहतर व सुविधाओं वाला घर तैयार हो।”

मैंने एक बार फिर से कमरे को देखा। मिस ओल्गा कैली वहीं मंडरा रही है। मैंने देखा कि कमरा काफी बड़ा था और एस्काला वाले कमरे से ऊंचाई भी बहुत ज्यादा थी। यहां एक बड़ा-सा फायरप्लेस है और सारे फ्रेंच दरवाजे छत पर खुल रहे हैं। यहां एक पुरानी दुनिया का जादू छाया है।

“क्या हम आसपास देख सकते हैं?”

उसने मुझे देखकर पलकें झपकाईं, “क्यों नहीं!”

मिस कैली का चेहरा हमें देखते ही दमक उठा। वह हमें घर के टूर पर ले गई और उनका विवरण देने लगी।

घर तो विशाल है: छह एकड़ ज़मीन और बारह हज़ार स्क्वेयर फीट। इस बड़े कमरे के अलावा इस घर में रसोई, उससे लगता डाइनिंग हॉल, पुस्तकालय, फैमिली रूम, संगीत कक्ष, स्टडी, एक तरणताल, सोना व स्टीम रूम भी हैं नीचे बेसमेंट में सिनेमा का कमरा व खेलने का कमरा बना है। हम्म! हम वहां किस तरह के खेल खेल सकते हैं।

मिस कैली ने हमें सब कुछ दिखाया। घर बहुत प्यारा है और किसी समय में एक खुशहाल परिवार का निवास रहा होगा। दिखने में थोड़ा गंदा लगता है पर रखरखाव से सब ठीक हो सकता है।

जब हम उन अद्भुत सीढ़ियों से दूसरी मंजिल पर गए तो मेरी उत्सुकता का ठिकाना न रहा… इस घर में तो वह सब पहले से ही मौजूद था, जिसकी मैं कभी कल्पना कर सकती थी।

“क्या तुम इसी घर को अपने लिए और बेहतर नहीं बना सकते?”

“मुझे इलियट से इस बारे में बात करनी होगी। वह इन मामलों का विशेषज्ञ है।”

मिस कैली हमें मास्टर सुईट में ले गई, जहां बड़ी-बड़ी खिड़कियां एक बालकनी में खुलती थीं और बड़ा ही प्यारा नज़ारा दिख रहा था। मैं पलंग पर बैठे-बैठे भी, बाहर से निकलती नावें और बदलता मौसम देख सकती थी।

इस मंजिल पर पांच और बेडरूम भी हैं। बच्चे! मैंने अपनी सोच को वहीं लगाम दे दी। अभी तो और बहुत सी बातें तय करनी हैं। कैली क्रिस्टियन को बता रही है कि वहां अस्तबल कैसे तैयार किया जा सकता है। मेरे दिमाग में, बचपन में सीखे गए घुड़सवारी के पाठ नाच गए।

“यह अस्तबल वहीं होगा, जहां अभी लॉन है?”

“जी।”

मेरे लिए हरे घास के मैदान पिकनिक मनाने के लिए हैं। मुझे बिल्कुल नहीं भाएगा कि वहां कोई घोड़ा दौड़ता रहे।

बड़े कमरे में आते ही कैली अचानक गायब हो गई और क्रिस्टियन मुझे फिर से पीछे से दिखता नज़ारा दिखाने ले गया। सूरज डूब गया और शहर की रोशनियां पानी में इंद्रजाल सा बुन रही हैं।

उसने अपनी अंगुली से मेरी ठोडी उठाते हुए पूछा, “इसे देखने-जानने में वक्त लग रहा है न?” “हां।” मैंने हामी दी। इतना बड़ा घर कुछ ही मिनटों में कैसे जाना-समझा जा सकता था।

“मैं इसे खरीदने से पहले जानना चाहता था कि तुम पसंद भी आया या नहीं?”

“मुझे यह जगह और यह घर बहुत पसंद आया।”

“क्रिस्टियन हम घास के मैदान पर भी…”

उसके चेहरे पर हंसी छा गई और उसने एकांत का पूरा लाभ उठाते हुए, मुझे चूम लिया।

जब हम कार में वापिस सिएटल लौटने लगे तो उसका मूड थोड़ा बदल गया था।

“तो, तुम इसे खरीदने जा रहे हो?” मैंने पूछा।

“हां।”

“क्या एस्काला को बेच दोगे?”

“क्यों, मैं ऐसा क्यों करने लगा?”

“इस घर का भुगतान करने के लिए।”

“मुझ पर भरोसा करो। मैं इतना खर्च कर सकता हूं।”

“क्या तुम्हें अमीर बनना पसंद है?”

“हां, कोई ऐसा आदमी दिखाओ, जिसे ऐसा करना पसंद न हो।”

“अच्छा। चलो कोई और बात करें।”

“एना! अगर तुम शादी के लिए राजी हो तो तुम्हें भी इस अमीरी की आदत डालनी होगी।”

“क्रिस्टियन! मैंने कभी पैसे की चाहत नहीं रखी।”

“मैं जानता हूं और यह बात पसंद भी करता हूं पर तुम्हें कभी भूख क्यों नहीं लगती?”

“हम कहां जा रहे हैं?” मैंने बात बदल दी।

“जश्न मनाने।” क्रिस्टियन ने साफ शब्दों में कहा।

“घर का जश्न?”

“लगता है कि तुम भूल गई हो। तुम्हारी प्रमोशन का जश्न मनाना है।”

“अरे हां, मैं तो भूल ही गई थी।”

“कहां?”

“ऊपर, मेरे क्लब में।”

“तुम्हारा क्लब?”

“हां। कईयों में से एक।

“मिल हाई क्लब, कोलंबिया टावर की 67वीं मंजिल पर बना है, यह तो उसके घर से भी ऊंचा है। ये बहुत ट्रेंडी है और यहां से शहर का सुंदर नज़ारा दिखाई देता है।

“क्रिस्टल मैम!” हम बारस्टूल पर बैठे तो उसने मुझे एक ठंडी शैंपेन का गिलास थमा दिया।

हमारी आपसी चुहलबाज़ी के बीच ही हमारे मेज तैयार हो गए।

मेज पर पहुंचे तो उसने अचानक रोक दिया व कान में बोला।

“जाओ अपनी पोशाक के नीचे से, शरीर का निचला अंतर्वस्त्र उतार आओ।”

हैं! यह क्या कह रहा है।

वह मुस्कुरा नहीं रहा। इसका मतलब वह पूरी गंभीरता से बात कर रहा है और इस मूड में वह अपनी पूरी मनमानी करता है। मैंने उसे अपना गिलास थमाया और हुक्म बजाने चल दी। शुक्र है कि मैंने डॉ. से मिलने के लिहाज़ से कपड़े बदल लिए थे। किसे पता था कि ये एक नया तमाशा भी करना होगा।

मैं तो पहले से ही उत्तेजित हो गई हूं। यह कितनी आसानी से मुझे अपने वश में कर लेता है। जो भी कहता है, मैं चुपचाप सब करती चली जाती हूं। मैंने खुद को शीशे में देखा। आंखों में एक अलग ही नशे के लाल डोरे दिखाई दिए।

मैंने गहरी सांस ली और क्लब की ओर चल दी। ऐसा नहीं कि मेरे साथ ऐसी स्थिति पहले नहीं आई है पर यह रोमांच कुछ अलग ही है। मेरे जाते ही वह बड़े अदब से अपनी सीट से खड़ा हो गया। वह पहले की तरह संभला हुआ, शांत व मर्यादित दिख रहा है। बेशक! लोगों को ही दिखता है। मैं तो इसकी असलियत जानती हूं।

“मेरे साथ आकर बैठो। मैंने तुम्हारे लिए ऑर्डर कर दिया है। उम्मीद करता हूं कि तुम बुरा नहीं मानोगी।” उसने मुझे शैंपेन थमाते हुए कहा।

उसने जैसे ही अपना हाथ अपनी जांघ पर रखा तो मैंने अपनी टांगें हल्की-सी कस लीं।

वेटर बर्फ पर ऑयस्टर सजा लाया। ऑयस्टर्स! मुझे हमारे प्राइवेट डाइनिंग रूम का किस्सा याद आ गया। हमने वहां अनुबंध की चर्चा की थी। हम कितनी जल्दी कहां से कहां आ गए हैं?

“मुझे लगा कि तुम्हें अच्छे लगेंगे।” उसने धीमे और नशीले सुर में कहा।

“हां! मैंने उन्हें पसंद करने की कोशिश की थी।”

“ओह मिस स्टील! मैं खिलाता हूं।”

उसने एक ऑयस्टर पर हल्का सा नींबू लगाया और मेरे मुंह में धर दिया।

“अपने सिर को हल्का सा पीछे करो और ये अपने-आप गले से नीचे जाएगा।” उसने कहा।

मैंने ऐसा ही किया और उसका स्वाद याद आ गया।

क्रिस्टियन ने भी उसी तरह एक टुकड़ा खाया। हमने बारी-बारी से सारा खा लिया।

“क्या आज पसंद आए?”

“हां, अब मैं इन्हें पसंद करने लगी हूं।” मैंने कहा।

“गुड।”

मैंने सीट में ही पहलू बदला।

“मुझे इतनी बेचैनी क्यों महसूस हो रही है।”

उसने एक बार फिर से अपनी जांघ पर हाथ रखा और मैं पिघल गई। प्लीज़! मुझे अपने हाथों से छुओ। मेरे भीतर बैठी लड़की तो गिड़गिड़ाने को तैयार है। दुष्टा कहीं की! वह बार-बार अपने हाथ को वहीं घुमाता है, उठाता है और फिर वहीं रख लेता है।

वेटर ने मेज खाली किया और फिर सी फूड के साथ अस्पारागस, भुने आलू और हॉलैंडेज़ सॉस लगा गया।

“मि. ग्रे! ये आपका मनपसंद व्यंजन है न?”

“मिस स्टील! सही पहचाना।” मैं बात पर ध्यान देने की पूरी कोशिश कर रही हूं पर मेरा पूरा ध्यान कहीं और ही जा अटका है।

उसने कांटा उठाकर अपने व्यंजन का एक टुकड़ा मुंह में रखा। वह मुझे छू नहीं रहा था। मुझे तड़पा रहा था। वह जानबूझ कर ऐसा कर रहा था।

“अच्छा! उस एनडीए का क्या करूं?”

“फाड़कर फेंक दो।”

“क्या सच्ची?”

“हां।”

“अगर मैं सिएटल टाइम्स को सारा कच्चा चिट्ठा बताने चली गई तो?” मैंने सताया।

“नहीं! तुम पर पूरा भरोसा है। मैं भी तुम्हें संदेह का लाभ देने जा रहा हूं।”

“ओह! मैं भी!”

उसकी आंखें चमक उठीं। “मुझे खुशी है कि आज तुमने यह पोशाक पहनी है।” मेरे पहले से उबाल खा रहे खून में और उबाल आ गया।

“तुम मुझे छू क्यों नहीं रहे?” मैंने हौले से कहा।

“मेरी छुअन के लिए तरस रही हो?” कमीने ने हौले से कहा।

“हां।”

“पहले इसे खाओ।”

“तुम मुझे हाथ नहीं लगाने वाले, हो न?”

“नहीं।” उसने अपनी गर्दन हिलाई।

“क्या?” मैं एकदम हांफ उठी।

“जरा सोचो, जब तक हम घर पहुंचेंगे, तुम्हारी क्या हालत होगी”

“अगर मैंने यहीं कोई तमाशा कर दिया तो यह तुम्हारी गलती होगी।” मैंने धमकी दी।

“ओह एना! हम आग को भड़काने का कोई और तरीका खोज लेंगे।”

मैंने गुस्से में उबलते हुए अपना डिनर किया और भीतर बैठी लड़की भी आंखें मटका-मटकाकर हैरानी जता रही है। हम भी ये खेल खेल सकते हैं। मैंने एक टुकड़ा मुंह में धरा, उसका भरपूर स्वाद लिया और फिर अपने आशिक को तरसाने के लिए अपनी स्कर्ट को थोड़ा और ऊंचा कर दिया। मेरी जांघें और ज्यादा दिखने लगीं।

क्रिस्टियन का कांटा हवा में ही रह गया।

मुझे छुओ।

उसने एक पल के बाद खाना शुरू कर दिया। मैंने एक और कौर लिया और फिर अंगुलियों से अपनी जांघों का अंदरूनी हिस्सा थपथपाने लगी। मैं उसकी छुअन के लिए तरस रही हूं। क्रिस्टियन एक पल के लिए फिर से थमा।

“मैं जानता हूं कि तुम क्या कर रही हो?”

“मुझे पता है कि तुम जानते हो।” मैंने उसके सामने बड़ी अदा से एक कौर मुंह में धरा।

“मिस स्टील! आपकी कातिलाना अदाएं!”

उसने मेरा मुंह खुलवाया और मुझे खिलाने लगा पर इस दौरान भी उसने मुझे हाथ तक नहीं लगाया। मेरी बेचैनी बढ़ती जा रही थी। जैसे ही मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखना चाहा, उसने मेरी कलाई थाम ली।

“अरे नहीं, मिस स्टील! आप ऐसा नहीं कर सकतीं।” उसने मेरे हाथ को धीरे से अपने होठों से छुवाया और मैं सिकुड़ गई। ओह! कम से कम कुछ चैन तो आया। पर मैं अभी और चाहती हूं।

“मिस स्टील! आपकी प्रमोशन की बधाई!” हमने गिलास टकराए।

“हां! ये अचानक ही हो गया।”

“खाओ। जब तक तुम यह सब खा नहीं लेतीं, मैं तुम्हें घर नहीं ले जाने वाला। तभी तो हम जाकर असली जश्न मना सकेंगे।” वह बोला।

“मुझे अभी खाने की भूख नहीं है।”

उसने मेरी तड़प का पूरा मज़ा लेते हुए गर्दन हिलाई और बोला।

“खाओ, वरना यहीं पिछवाड़े पर ऐसी धौल लगाऊंगा कि आसपास वालों को देखने के लिए अच्छा तमाशा मिल जाएगा।”

मैं सहम गई। यह तो कुछ भी कर सकता है। यह जो कह रहा है, सब सच है।

“तुम सचमुच बहुत कम खाती हो। जब से हम मिले हैं, मैं देख रहा हूं कि तुम्हारा वज़न कितना कम हो गया है।” उसने प्यार से कहा।

मैं अपने वज़न के बारे में नहीं सोचना चाहती। सच तो यह है कि मुझे छरहरा होना अच्छा लगता है। मैंने किसी तरह अस्पारागस को निगला।

“मैं तो बस घर जाकर तुम्हारी बांहों में खो जाना चाहती हूं।” मैंने बोला तो क्रिस्टियन के चेहरे पर हंसी थिरक गई।

“मैं भी यही चाहता हूं पर पहले तुम खाना खत्म करो।”

मैंने बेमन से खाना शुरू किया। सच कहूं, उस दिन तो जैसे मैंने अपने अंतर्वस्त्रों के साथ-साथ सब कुछ उतार दिया था। मैं ऐसे बच्चे की तरह महसूस कर रही थी जिसे मनपसंद टॉफी न दी जा रही हो। ये कितना दुष्ट, प्यारा, हॉट, नटखट और मेरा अपना क्रिस्टियन है।

उसने मुझसे ईथन के बारे में पूछा। बातों में ही पता चला कि क्रिस्टियन, ईथन और केट के पापा के साथ भी बिज़नेस करता है। दुनिया कितनी छोटी है। मुझे खुशी है कि उसने डॉ. या घर की बात नहीं छेड़ी क्योंकि मैं अभी किसी भी ऐसे विषय पर ध्यान लगाने के हालात में नहीं हूं। मैं घर जाना चाहती हूं।

हम दोनों के बीच वासना के अनदेखी लहरें मंडरा रही हैं। उसे इंतज़ार करवाना बहुत अच्छा आता है। वह बार-बार अपनी जंघाओं पर हाथ रख रहा है। पर फिर भी मुझे हाथ नहीं लगा रहा। तड़पाना तो कोई इससे सीखे।

मैंने खाना खत्म किया तो वह बोला, “गुड गर्ल!”

“चलो मिस स्टील! आपको मुझसे कुछ उम्मीदें हैं और मैं अपनी पूरी योग्यता के साथ उन्हें निभाने की कोशिश करूंगा।”

“वाह!”

“क्या हमें भुगतान नहीं करना होगा?”

उसने एक ओर गर्दन झुकाई, “मैं यहां का सदस्य हूं। वे मुझे बिल भेज देंगे। आओ”

“एनेस्टेसिया, पहले तुम चलो।” मैं खड़ी हुई और उसी समय याद आ गया कि मैंने क्या नहीं पहन रखा।

उसने मुझे ऐसे देखा मानो वहीं भरी भीड़ में, मेरे कपड़े उतार रहा हो। मैं अपने-आप को सेक्सी महसूस कर रही हूं। इतना सुदर्शन युवक मुझे चाहता है। क्या मैं कभी इसके मोहपाश से मुक्त हो सकती हूं? मैं जानकर उसके आगे रुक गई और अपनी पोशाक ठीक की।

क्रिस्टियन मेरे कान में हौले से बोला, “मैं तो तुम्हें घर ले जाने का भी इंतज़ार नहीं कर सकता” पर फिर भी उसने मुझे हाथ नहीं लगाया।

रास्ते में वह अपनी कार के बारे में कुछ बताता रहा पर मुझे कुछ सुनने की होश ही कहां थी। मेेरे भीतर बैठी लड़की आने वाले पलों के बारे में सोचकर इतना दमक रही है कि पूरे सिएटल को रोशन कर सकती है।

लिफ्ट में हमें दोे अधेड़ जोड़े मिले। क्रिस्टियन मुझे हाथ से थामकर पिछले कोने में ले गया। हम गहरे रंग के शीशों से घिरे थे। एक और जोड़े ने कदम रखते ही क्रिस्टियन को देखकर मुस्कान दी। ग्रे ने भी वही किया।

हमारे आगे खड़ा जोड़ा अपनी ही बातों में मग्न है। शायद वे नशे के हल्के सुरूर में भी हैं।

दरवाजे बंद होते ही क्रिस्टियन अपने जूते के तस्मे बंद करने के बहाने नीचे झुका और मैंने देखा कि उसके तस्मे तो खुले हुए थे ही नहीं। उसने चुपके से अपना एक हाथ मेरे टखने पर रखा और खड़े होते-होते, अपने हाथ को मेरी पोशाक के अन्दर ले गया। मैं तो बुरी तरह से चौंक गई। उसे यह भी होश नहीं कि हम कितने लोगों के बीच हैं। किसी ने देख लिया तो? वह अपने हाथ को मेरे पिछले हिस्से पर ले आया और ठीक मेरे पीछे ही खड़ा हो गया।

हाय जीसस! बाकी लोग हमारी ओर पीठ किए खड़े हैं और वे अंदाजा तक नहीं लगा सकते कि हमारे बीच क्या चल रहा है। क्रिस्टियन ने एक बांह से मेरी कमर को घेरा हुआ है और उसका दूसरा हाथ शरीर के सभी अंगों से हरकतें कर रहा है। उसने मुझे अपने पास खींच लिया। हाय! इस समय हम 53वीं मंजिल पर हैं और मेरे होश गुल हैं। मेरा पूरा ध्यान उसकी अंगुलियों की एक-एक हरकत पर टिका है। वह निचले हिस्से के आसपास अंगुलियों को घुमा रहा है।

उसने अचानक ही एक पैंतरा बदला और मेरे मुंह से सिसकारी-सी निकल गई।

“मिस स्टील! आप तो हमेशा तैयार रहती हैं।” उसने धीरे से कहा। ओह! इतने लोगों के बीच यह सब कैसे कर रहा है?

मैं जरा सा हिली-डुली तो उसने धमकी दी।

“हिलना बंद करो। आराम से खड़ी रहो।”

लिफ्ट में छह-सात लोग हैं और वे नहीं जानते कि यहां क्या चल रहा है। वह बार-बार अपनी अंगुलियों को यहां-वहां की सैर करा रहा है। हाय! मैं शर्मिंदगी से घिरी पड़ी हूं। मैं उसे रुकने के लिए कहना चाहती हूं पर उसने किसी की सुनना नहीं सीखा। मुझे इतनी देर तक अपने स्पर्श के लिए तरसाने के बाद, इसे अब यह सब करने की सूझी?

हम 44 वीं मंजिल पर रुके। ओह… यह सब कब तक चलेगा?

“शांत रहो।” उसने धमकाया। दो और लोगों के लिफ्ट में आने से भीड़ बढ़ गई जिससे उसका काम और भी आसान हो गया। “मिस स्टील! मैं इस खेल को घर जा कर पूरा करना चाहता हूं इसलिए जरा अपने पर काबू रखना।”

“वैसे आप देखकर हैरान होने वाली हैं कि मैं क्या-क्या कर सकता हूं?”

“क्या? कार में सेक्स? क्या हम यहां लॉबी के फ़र्श पर नहीं कर सकते?” आओ।

“हां, मैं आना चाहती हूं।”

“मिस स्टील!” उसने मस्ती से धमकाया।

“मैंने कार में कभी सेक्स नहीं किया।” मेरे मुंह से अचानक निकला।

“सुनकर अच्छा लगा वैसे इतनी हैरानी भी नहीं हुई। बंदा कोशिश करेगा कि आपकी ये ख्वाहिश भी पूरी हो सके।” क्रिस्टियन ने मुस्कुराते हुए कहा

मैं एकदम खिसिया गई। “नहीं, मैं यह नहीं कहना चाहती थी।”

“तो क्या कहना चाहती थीं?” उसका सुर थोड़ा तीखा था।

“क्रिस्टियन! वह तो मैं ऐसे ही बोल गई।”

“हां, अक्सर लोग ये बात कहते हैं, मैंने कभी कार में सेक्स नहीं किया।”

इस बंदे की परेशानी क्या है?

“क्रिस्टियन! तुम लिफ्ट में क्या कर रहे थे? तुमने मेरा दिमाग खराब कर दिया है।”

उसने भवें सिकोड़ीं। “मैंने क्या किया है?”

मैंने उसे देखकर मुंह बनाया। वह मेरे मुंह से सुनना चाहता है।

“तुमने मेरे बदन में शोले भड़का दिए हैं और मेरा दिमाग अब काम नहीं कर रहा।”

उसका मुंह खुला का खुला रह गया और वह हैरानी से हंसने लगा। अब वह कितना

जवां और बेपरवाह दिख रहा है। ओह! इसकी हंसी की आवाज़। मुझे बहुत पसंद है क्योंकि यह अक्सर सुनने को नहीं मिलती।

“मिस स्टील! आप तो जन्मजात रोमांटिक हैं।” उसने मेरा हाथ थामा और हम अपनी कार की ओर बढ़ गए।

“तो तुम कार में सेक्स करना चाहती हो?”

“सच कहूं तो मेरे लिए तो लॉबी का फ़र्श भी चलेगा ।”

“एना! यकीन करो। एक दिन वह भी होगा पर इस समय मैं नहीं चाहता कि कोई हमें कार में ऐसे देखे और जेल भेज दे। मैं रेस्टरूम में भी यह सब नहीं करना चाहता।”

“मतलब ऐसा हो सकता था?”

“हां।”

“चलो वापिस चलें।”

वह जोरों से हंसा और मैं भी साथ हंसने लगी। उसने प्यार से मुझे छुआ।

“एनेस्टेसिया! धीरज रखो।”

उसने कार को एस्काला के गैराज में पार्क किया और अचानक ही कार के बीच माहौल बदल गया। मेरे दिल की धड़कनें अचानक ही तेज़ हो गईं। उसने व्हील पर कोहनी टिकाते हुए कहा, “हम एक दिन कार में भी… पर वह जगह और समय मेरे चुने हुए होंगे। इस वक्त तो मैं तुम्हें अपने घर की हर मौजूद सतह पर लेना चाहता हूं।”

ओह! ऐसा लगा कि वह मुझे नहीं बल्कि मेरी कमर के निचले हिस्से से बात कर रहा हो। मैं तो जैसे आज हूं ही नहीं!

हाय जीसस!

मैंने यह सोचकर आंखें बंद कर लीं कि शायद वह मुझे चूमने आ रहा है पर ऐसा कुछ नहीं हुआ। वह तो मुझे एकटक देखे जा रहा था।

“अगर तुम्हें यहां चूम लूंगा तो अपार्टमेंट में क्या करेंगे? आओ।” हम फिर से लिफ्ट में खड़े हुए और मेरा दिल धक-धक करने लगा। वह मेरा हाथ थामकर सहलाने लगा।

ओह! मैं तो इन हाथों को अपने पूरे बदन पर चाहती हूं। उसने आज मुझे बहुत सता लिया।

“एनेस्टेसिया तैयार?”

अब यह बात मुझसे पूछी जा रही है, जो..

उसने अचानक ही मुझे अपनी बांहों में खींचा और बालों को गर्दन के पास से पकड़ते हुए बोला, “मैं ऐसा क्या करूं कि तुम शादी के लिए राजी हो जाओ।”

“क्रिस्टियन! मुझे थोड़ा-सा वक्त दे दो। प्लीज़!”

उसने आह भरी और मुझे एक लंबा सा चुंबन दिया। हमारी जीभें आपस में मिलीं और मेरे हाथ उसके बालों में जा पहुंचे। बहुत समय से दबाकर रखी गई वासना की हिलोर ने पूरे शरीर को झनझनाकर रख दिया।

“एना! तुम मेरी दिल की मालकिन हो। अब मेरा नसीब तुम्हारे हाथों में है।”

उसके शब्द मुझ पर नशा सा कर रहे हैं और मेरी जो दशा है, कहीं आज मैं उसके कपड़े ही न फाड़ दूं। मैंने उसकी जैकेट खींच कर उतारी और जैसे ही लिफ्ट बरामदे में आई, हम लड़खड़ाते हुए बाहर निकल आए।

क्रिस्टियन के होंठ मेरे होंठों से जुड़े हैं। उसने मुझे लिफ्ट के पास वाली दीवार से सटाते हुए, हाथों से पोशाक को ऊंचा कर दिया

“पहली सतह यही होगी। तुम अपनी टांगों से मेरे आसपास घेरा कस लो।”

मैंने वही किया, जो कहा गया था। उसने मुझे बरामदे में रखे मेज पर लिटा दिया और मैंने देखा कि आज वहां वह गुलदस्ता नहीं रखा था, जो रोज़ पड़ा होता है। उसने जींस की पैकेट से कंडोम निकाला और मेरे हाथ में थमा दिया।

“क्या तुम जानती हो कि तुम मुझे कितना उत्तेजित कर देती हो?”

“क्या… न … नहीं”

“तुम हमेशा ऐसा करती हो। जब हम शारीरिक संबंध बनाएं तो तुम अपनी आंखें खुली रखना, मैं तुम्हें देखना चाहता हूं।” उसने कहा और धीरे-धीरे मेरे शरीर में उतरता चला गया।

ओह! इतना तरसने के बाद मैं इन पलों के ही तो इंतज़ार में थी। मैंने अपने हाथ उसकी बांहों पर कस दिए। वह पूरी तरह से मुझमें खोया हुआ है और उसे इस रूप में देखकर, मैं अपने पर ही फ़िदा हूं। हां, मैं उसेे यह सुख दे सकती हूं। वह जब तक मुझसे अलग नहीं हुआ, मैं दीवानों की तरह उसके प्यार और उसके जुनून को ताकती रही।

वह अलग हुआ तो बेदम हुआ पड़ा था। उसने मेरी छाती पर सिर टिकाते हुए खुद को शांत करना चाहा और मैं भी उसके सिर का सहारा ले कर खुद को संभालने की कोशिश करने लगी।

वह दुष्टता से मुंह उठाकर मुस्कुराया, “ये कहानी अभी खत्म नहीं हुई।”

मैं क्रिस्टियन की छाती से लिपटी, उसके पलंग पर निर्वस्त्र लेटी हांफ रही हूं। ओह!क्या इसकी ये अर्जा कभी खत्म होगी? क्रिस्टियन अंगुलियों से मेरी पीठ थपथपा रहा है।

“मिस स्टील! आपकी संतुष्टि हुई?”

मैंने हौले से हामी दी। मुझमें बोलने की भी हिम्मत नहीं बची है। मैंने सिर उठाकर उसे प्यार से निहारा। सेक्स और पसीने की मिली-जुली गंध से नहाया हुआ क्रिस्टियन। उसने मुझे एक करवट लिटा दिया।

“क्या सेक्स सभी के लिए ऐसा ही होता है?” मैंने हौले से पूछा।

“मैं दूसरों के बारे में तो नहीं कह सकता पर एना, तुम्हारे साथ तो ये बिल्कुल ख़ास हो जाता है।” उसने आगे झुककर मुझे चूम लिया।

“मि. ग्रे! ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप बहुत ख़ास हैं।”

“बड़ी देर हो गई। चलो, सो जाएं।” हम अपनी चिर-परिचित मुद्रा में लेट गए।

“तुम्हें अपनी तारीफ सुनना पसंद नहीं है?”

“एनेस्टेसिया सो जाओ।”

हम्म… पर ये है तो कुछ खास! इसे एहसास क्यों नहीं होता?

“मुझे घर पसंद आया।” मैंने कहा।

उसने एक पल को तो कुछ नहीं कहा पर फिर मुस्कुराने लगा।

“मैं तुमसे प्यार करता हूं। सो जाओ।” मैं उसकी बांहों के घेरे में बंधी, उस प्यारे से घर के सपने देखते-देखते सो गई।


“उठो! क्रिस्टियन ने मुझे दुलार से जगाया। उठो बेबी!”

मैंने आंखें खोलीं। सुबह हो गई है। वह तो पूरी तरह से तैयार खड़ा है।

“क्या वक्त हो गया। अरे नहीं…।” मैं लेट नहीं होना चाहती।

“चिंता मत करो। मैं तो नाश्ते की मीटिंग के लिए तैयार हुआ हूं।” उसने मेरी नाक से अपनी नाक रगड़ी।

कितनी प्यारी खुशबू आ रही है। मेरे पूरे बदन में कसमसाहट सी होने लगी। मैंने उसके गले में बांहें डाल दीं।

“मत जाओ।”

उसने अपनी गर्दन एक ओर झुकाई और भौं उठाकर बोला, “मिस स्टील! क्या आप एक इंसान को उसके ईमानदार काम से दूर ले जाना चाह रही हैं?”

मैंने उनींदेपन में ही हामी दी और वह लजीली सी मुस्कान देने लगा।

आज तो नीले रंग के सूट में हॉट सीईओ दिख रहा है।

“मुझे जाना होगा बेबी! फिर मिलते हैं।”

वह मुझे चूमकर निकल गया। घड़ी देखी तो सात बज चुके थे। खैर उठने का वक्त हो गया था।

नहाते समय अचानक ही दिमाग में एक खयाल आ गया। क्यों न, उसे जन्मदिन का एक और उपहार दिया जाए। जिसके पास सब कुछ हो, उसके लिए कुछ खरीदना बड़ा मुश्किल होता है। मैं उसे एक तोहफ़ा दे भी चुकी हूं और अभी एक और चीज़ बाकी है, जो मैंने टूरिस्ट शॉप से ली थी। पर यह उपहार मेरी ओर से बिल्कुल निजी होगा। मैंने खुद को खुशी से गले लगा लिया। मैंने अपने लिए गहरे लाल रंग की चौरस गले वाली पोशाक चुनी। हां, ये ठीक रहेगी।

अब उसके उपहार की तैयारी करनी है। मैं उसके दराजों में उसकी टाईयां खोजने लगी। एक दराज में वह जींस दिख गई, जो उसने प्लेरूम में पहनी थी। उसका कपड़ा कितना मुलायम था।

उसके नीचे एक बड़ा-सा काला और चपटा डिब्बा दिखा। इसमें क्या होगा? बेशक फिर से ऐसा लगा कि मैं उसके घर में घुसपैठ कर रही हूं पर अब तो उत्सुकता जाग गई थी और कुछ न कुछ तो करना ही था। मैंने उसे खोला और झट से बंद कर दिया। हाय! उसमें तो लाल कमरे की तस्वीरें थीं। मेरे यहां आने से पहले ली गई तस्वीरें। मैं वहीं एड़ियों के बल बैठ गई। मुझे उस डिब्बे को खोलने को किसने कहा था। मैंने इसे क्यों खोला? उसने वे तस्वीरें रखी ही क्यों हुई हैं?

मैंने कंधे झटके। वह सब तो मेरे आने से पहले का है इसलिए मुझे उसे भूल जाना चाहिए। मैं उठी तो वही टाई मिल गई जिसे मैं खोज रही थी।

मैंने नाश्ते के लिए कमरे में कदम रखा तो मिसेज जोंस से भेंट हुई।

“एना! सब ठीक तो है?” उन्होंने हंस कर स्वागत किया।

“जी! क्या आपके पास प्लेरूम की चाबी है?”

वे एक पल को हैरान रह गईं।

“हां बेशक! डियर तुम नाश्ते में क्या लोगी?”

“बस ग्रेनोला लूंगी। अभी आई, ज्यादा देर नहीं होगी।”

अब भी तस्वीरें ही दिमाग में नाच रही थीं।

उसने और क्या-क्या छिपा रखा है? मैंने प्लेरूम से अपने काम की चीज़ निकाली और झट से ताला लगा कर लौट आई। मैं नहीं चाहती कि कुछ भी जोंस के हाथ लगे।

मैंने मिसेज जोंस को चाबियां दे दीं और नाश्ता करने लगी। तस्वीर में कौन-सी लड़की थी? शायद लीला रही होगी।

काम पर जाते समय सोचती रही कि तस्वीरों के बारे में उसे बताऊं या नहीं? नहीं, भीतर बैठी लड़की ने एकदम चीख कर जवाब दिया। मैंने भी तय किया कि वह सही कह रही है।

जैसे ही काम की मेज पर पहुंची, मेरे फोन पर उसका मेल आ गया।

फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जेक्ट: सतह

डेट: जून 17 2011 08:59

टू: एनेस्टेसिया स्टील

मैंने गिना तो अभी तीस सतहें बाकी हैं। मैं उनमें से हरेक को तुम्हारे साथ…। फिर छत, दीवारें और हमारी बालकनी भी तो है।

और इसके बाद मेरा ऑफिस..

तुम्हारी याद आ रही है।

क्रिस्टियन ग्रे

लैंगिक सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैंने अपने फोन को देखा और चेहरे पर मुस्कान आ गई। वह मुझे ही चाहता है और कल रात की सारी छवियां आंखों के आगे तैर गईं। अगर उसके लिए लैंगिक शब्द आया है तो ऐसी युवती को क्या कहेंगे।

फ्रॉम: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जेक्ट: रोमांस

डेट: 17 जून 2011 09:03

टू: क्रिस्टियन ग्रे

मि. ग्रे आपका दिमाग एक ही दिशा में काम करता है।

नाश्ते के समय आपको याद किया।

पर मिसेज जोंस ने अच्छा साथ दिया।

एना

फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जेक्ट: हैं?

डेट: जून 17 2011 09:07

टू: एनेस्टेसिया स्टील

मिसेज जोंस के साथ क्या खिचड़ी पकाई गई है?

क्रिस्टियन ग्रे

जानकारी पाने का रसिया सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स,

इंक इसे कैसे पता?

फ्रॉम: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जेक्ट: हर जगह टांग अड़ाने वाले

डेट: 17 जून 2011 09:10

टू: क्रिस्टियन ग्रे

इंतजार करो। ये एक सरप्राइज है।

मुझे काम करने दो-तंग मत करना।

लव यू

एना

फ्रॉम: क्रिस्टियन ग्रे

सब्जेक्ट: कुंठित

डेट: जून 17 2011 09:12

टू: एनेस्टेसिया स्टील

तुम मुझसे बातें छिपाती हो तो मुझे अच्छा नहीं लगता।

क्रिस्टियन ग्रे

सीईओ, ग्रे इंटरप्राइजिस होल्डिंग्स, इंक

मैंने अपने फोन को देखा। ई-मेल की भाषा से हैरानी हो रही है। वह ऐसा क्यों महसूस कर रहा है? मैं तो अपने एक्स की अश्लील तस्वीरें नहीं छिपा रही न?

फ्रॉम: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जेक्ट: तुम्हारी दीवानी

डेट: 17 जून 2011 09:14

टू: क्रिस्टियन ग्रे

यह तुम्हारे जन्मदिन के लिए है।

एक और सरप्राइज़।

इतने बदमिजाज मत बनो।

एना

उसने जवाब नहीं दिया और मैं भी इस बारे में ज्यादा गौर नहीं कर पाई क्योंकि मुझे एक मीटिंग में जाना था।

जब मैंने दोबारा घड़ी पर नज़र मारी तो मुझे एहसास हुआ कि दोपहर के चार बजे हैं। सारा दिन कहां गया? क्रिस्टियन की ओर से अब भी कोई मैसेज नहीं आया। मैंने उसे दोबारा ई-मेल करने की सोची।

फ्रॉम: एनेस्टेसिया स्टील

सब्जेक्ट: हैलो

डेट: 17 जून 2011 16: 03

टू: क्रिस्टियन ग्रे

क्या तुम मुझसे बात नहीं कर रहे?

भूलना मत कि मैं उस के साथ ड्रिंक लेने जा रही हूं और वह आज रात हमारे यहां रहेगा।

हमारे साथ आने के बारे में दोबारा सोचना।

एना

उसका जवाब नहीं आया तो मैंने थोड़ी बेचैनी महसूस की। उम्मीद करती हूं कि वह ठीक होगा। मैंने उसे वॉयस मेल भेजा। उसने कहा, ‘ग्रे, संदेश छोड़ दें।’

“हाय… उम्म… मैं एना बोल रही हूं। क्या तुम ठीक हो? मुझे फोन करो।” मैंने संदेश भेज दिया। आज से पहले कभी ऐसा मौका नहीं आया। मुझे अपने मैसेज भेजने के तरीके से थोड़ी शर्म भी आई। वह मेरे बारे में क्या सोचेगा। कुछ भी अच्छी तरह नहीं कर सकती। पहले सोचा कि उसकी पी ए से बात करूं पर ये तो अति हो जाएगी। बेमन से अपना काम करती रही।

अचानक ही फोन बजा और मेरा दिल उछलने को हो गया। उसका फोन होगा!!

अरे ये तो केट निकली।

मेरी सबसे प्यारी सहेली केट!

वह फोन से ही चिल्लाई-“एना!”

“केट! तुम आ गईं? मुझे तुम्हारी कितनी याद आई।”

“मुझे भी। पता है, तुझे बहुत सारी बातें बतानी हैं। हम सी-टैक पर हैं यानी मैं और मेरा वो।” वह खिलखिलाई। अरे! वह तो ऐसा नहीं करती थी।

“कूल! मैंने भी तुझे बहुत कुछ बताना है।”

“फिर घर में मिलते हैं।”

“मैं ओसे के साथ ड्रिंक्स लेने जा रही हूं। वहीं मिलना।”

“ओसे आया है। पता मैसेज कर दे।”

“अच्छा!” मैं दमकी।

“एना! तू ठीक है?”

“हां, बढ़िया।”

“अब भी उसके साथ है?”

“हां।”

“अच्छा। मिलते हैं।”

“ओह! हां-हां मिलते हैं।” मैंने भी खीसें निपोर दीं। वह तो पूरी तरह से इलियट के रंग में रंगी हुई लग रही है।

वाह! केट आ गई है। मैं उसे यह सब कैसे बताने जा रही हूं? मैं लिख लूं ताकि कुछ भूल न जाऊं।

एक घंटे बाद ऑफिस का फोन बजा। क्रिस्टियन! नहीं क्लेयर है।

“एना! रिसेप्शन में तुझसे कोई मिलने आया है। यार! ये हॉट लड़के मिलते कहां हैं?”

“अरे ओसे आया होगा।” मैंने घड़ी देखी। पौने छह हो गए थे। जाने उसे कब से नहीं देखा।

“एना वाह! तू कितनी बड़ी-बड़ी और प्यारी दिख रही है।” उसने दांत निकाले।

क्योंकि मैंने चुस्त पोशाक पहनी है। जीसस!

उसने कस कर गले से लगा लिया। “तू लंबी हो गई है?”

“यार! हील पहनी है।”

उसने जींस, टी-शर्ट के साथ चेक की अ लानेल कमीज पहनी है।

“मैं अपना सामान लाई और फिर हम जा सकते हैं।”

“अच्छा! मैं यहीं इंतजार करता हूं।”

मैंने भीड़ भरे बार में दो रोलिंग रॉक्स लिए और ओसे वाले मेज की ओर चल दी।

“क्रिस्टियन का घर मिल गया था?”

“हां, मैं अदंर नहीं गया। सर्विस लिफ्ट से ही तस्वीरें दे दी थीं। शायद कोई टेलर उन्हें ले गया। जगह तो अच्छी है।”

“हां, तुम अन्दर से देखना।”

“एना! लगता है कि सिएटल तुम्हें रास आ गया।”

हमने बोतलें टकराईं तो मैं लजा गई। मुझे सिएटल नहीं क्रिस्टियन रास आ गया है। “अच्छा शो कैसा रहा?”

वह दमका और सारी कहानी सुनाने लगा। बिकी हुई तस्वीरों से स्टूडेंट लोन उतार कर कुछ पैसे बच गए।

“मुझे पोर्टलैंड टूरिस्ट बोर्ड के लिए कुछ लैंडस्केप भी देने हैं।”

“ओह जोंस! पढ़ाई में बाधा तो नहीं आएगी?”

“ना! तुम्हारे अलावा, वहां से तीन और लोग चले गए, जिनके साथ मेरा वक्त बीतता था। अब मेरे पास वक्त ही वक्त है।”

“अच्छा जी! बिज़ी रखने के लिए कोई हॉट बेबीज़ नहीं हैं? पिछली बार तो उनसे घिरे खड़े थे।”

“अरे नहीं! वे मेरे लायक नहीं हैं।”

“वाह ओसे रॉड्रिज लेडी किलर!”

अचानक उसने विषय बदल दिया।

“ग्रे कैसा है?”

“अच्छा है। हम दोनों मजे में हैं।” मैंने कहा।

“सच्ची कह रही है?”

“हां”

“वह तेरे लिए ज्यादा बड़ा नहीं है?”

“ओह जोंस! पता है मॉम मेरे लिए कहती हैं कि मैं तो बुढ़िया ही पैदा हुई थी।”

जोंस ने एक तिरछी मुस्कान दी।

“मॉम कैसी हैं?” बात बदलते ही लगा कि हम खतरे से बाहर आ गए।

“एना!”

मुड़ते ही केट और ईथन दिखाई दिए। वह कितनी प्यारी दिख रही है। वह अपने चुस्त सफेद टॉप और सफेद जींस में कमाल की खूबसूरत दिख रही है। सबकी निगाहें केट पर हैं। मैं सीट से उछली और उसके गले लग गई। ओह! मैंने उसे कितना याद किया।

“एना! तेरा वजन इतना घटा हुआ क्यों दिख रहा है? क्या चल रहा है। उसने चिंतित मां की तरह पूछा। तेरी पोशाक अच्छी है। तुझे सूट कर रही है।”

“तेरे जाने के बाद बहुत कुछ हो गया। अकेले में बात करेंगे।” मैं अभी कैथरीन कैवेना के सवाल-जवाब के लिए तैयार नहीं हूं। उसने मुझे शक भरी निगाहों से देखा।

“तू ठीक तो है।” उसने पूछा।

“हां।” मैंने मुस्कान दी। हालांकि क्रिस्टियन का अता-पता मिल जाता तो मैं ज्यादा खुश होती।

“कूल।”

“हाय ईथन!” मैं उसे देखकर मुस्कुराईं और उसने हौले से गले लगाया।

“हाय एना!” वह मेरे कान में बोला।

ओसे ने उसे देखकर त्यौरी चढ़ाई।

“ईया के साथ लंच कैसा रहा?” मैंने पूछा।

“ठीक रहा।” उसने जवाब दिया।

“ईथन तुम ओसे को जानते हो?”

“हां, हम पहले मिले हैं।”

मैंने कुछ देर बाद पाउडर रूम में जाकर क्रिस्टियन को मैसेज किया। शायद वह यहां आ जाए। उसका कोई फोन या मैसेज नहीं आया। वह तो ऐसा नहीं करता।

“एना! क्या हुआ।” मैं लौटी तो जोंस ने मेरा उतरा हुआ मुंह देखकर पूछा।

“क्रिस्टियन से संपर्क नहीं हो पा रहा।”

“ओह! वह ठीक ही होगा। चलो हम एक-एक बीयर और लेते हैं।”

केट आगे झुकी- “ईथन बता रहा था कि हमारे घर में क्रिस्टियन की कोई दोस्त गन के साथ घुस आई थी।”

“हां, मैंने माफी मांगने के अंदाज में कंधे झटके।” हे जीसस! ये सब बातें विस्तार से करनी होंगी।

“एना यह सब हो क्या रहा है?” केट ने कहा और अपना फोन देखा।

“हाय बेबी। हां-हां क्यों नहीं, ये लो।” केट ने अपना फोन बढ़ाते हुए कहा।

“इलियट तुमसे बात करना चाहता है।”

“मुझसे?”

“एना।” इलियट ने ठंडे स्वर में कहा और मेरा माथा ठनक गया।

“क्या हुआ?”

“क्रिस्टियन पोर्टलैंड से नहीं लौटा”

“क्या? तुम कहना क्या चाहते हो?”

“उसका हेलीकॉप्टर गुम हो गया है।”

चार्ली टैंगो? ये शब्द सुनते ही मेरे शरीर से जैसे जान ही निकल गई।

नहीं!