Women Spirituality: शादी के बाद महिलाओं को पति का ख्याल रखने के साथ साथ पुरे परिवार की ज़िम्मेदारी उठानी होती है। ऐसे में घर संभालना आसन नहीं है,रोज सुबह जल्दी उठना, खाना बनाना, कपड़े धोना, साफ-सफाई जैसे कई तरह के घरेलू कामों की जिम्मेदारी हमेशा हाउस वाइफ पर ही होती है। बच्चों के भविष्य से लेकर घर के हर शख्स की सेहत की चिंता में अक्सर महिलाएं शारीरिक और मानसिक तनावों से घिर जाती हैं। आज हम बताएंगे की घर के कामों के अलावा महिलाएं मेडिटेशन से अपने स्ट्रेस को कम कर सकती है। आइए ये जानते हैं कि आखिर घरेलू महिलाओं के लिए अध्यात्म क्यों जरूरी है:
मानसिक तनाव में कमी

हाऊस के लिए बच्चों के एग्जाम से लेकर सास ससुर के मेडिकल टेस्ट की ज़िम्मेदारी के साथ साथ मिनिमम बजट में घर को चलाना काफी मुश्किल हो जाता है। घर पर एक नहीं कई तरह की ज़िम्मेदारी होती है जिससे महिलाओं को कई बार बहुत ज्यादा स्ट्रेस हो जाता है। सुबह,शाम जब भी टाइम मिले दिन में मेडिटेशन जरूर करें, इससे मानसिक तनाव में कमी आयेगी।
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एकाग्रता और भावनात्मकता की बढ़त

मेडिटेशन से महिलाओं को अपनें कामों मे एकाग्रता और भावनात्मक जुड़ाव की बढ़ोतरी होती है। कई बार जब हमारा मन दुखी होता है तो किसी काम में मन नहीं लगता है। कई बार तो हमारे इमोशन ही खत्म हो जाते हैं और हम लोगों के प्रति जुड़ाव ही खत्म कर देते हैं। ऐसे में अध्यात्म हमारी काफी मदद करता है।
मानसिक शांति

घर संसार मे उतर चढ़ाव तो आते ही रहते हैं ऐसे में महिलाऐं कई बार बहुत चिंतित हो जाती हैं। अध्यात्म करने से महिलाओं को मानसिक शांति के साथ साथ समस्याओं का हल भी मिल जाता है।
अनिद्रा में सुधार

घर की जिम्मेदारियों को पूरा करते-करते कई बार समय से सोना हम सब भूल ही जाते हैं जिसमें से महिलाओं को नींद से समझौता सबसे पहले करना पड़ता है। अनिद्रा के कारण महिलाओं के स्वस्थ्य पर भी बुरा असर पड़ सकता है ऐसे में रोज मेडिटेशन और योग करने से महिलाओं को इन समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
चिंता और अवसाद से छुटकारा
शादी के महिलाओं को विरासत में घर की चाबियों के साथ साथ ज़िम्मेदारी भी मिलती है। जिससे पूरा करते करते महिलाएं खुद को भूल ही जाती हैं। घर की तमाम चिंताओं से घिरे रहने के बावजूद भी समय निकालकर मेडिटेशन और एक्सरसाइज जरूर करें।