Dzukou Valley
Dzukou Valley

दजुकोउ घाटी की ख़ास बात

यह घाटी इतनी ख़ूबसूरत है कि इसको नागालैंड का स्वर्ग कहा जाता है। यह घाटी अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता, हरी-भरी पहाड़ियों और रंग-बिरंगे फूलों के लिए प्रसिद्ध है।

Dzukou Valley: दजुकोऊ घाटी नागालैंड के कोहिमा जिले में स्थित है। यह घाटी इतनी ख़ूबसूरत है कि इसको नागालैंड का स्वर्ग कहा जाता है। यह घाटी अपनी अद्वितीय प्राकृतिक सुंदरता, हरी-भरी पहाड़ियों और रंग-बिरंगे फूलों के लिए प्रसिद्ध है। समुद्र तल से लगभग 2452 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है जिसकी वजह से इस जगह का मौसम बहुत ही अच्छा होता है। जिसकी वजह से यह स्थान ट्रेकिंग प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक आदर्श गंतव्य बन जाता है। दजुकोऊ घाटी केवल एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि शांति, प्रकृति और रोमांच का संगम है। 

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Valley
Beauty of Dzukou Valley

दजुकोऊ घाटी अपनी अनोखी प्राकृतिक छटा और हरी-भरी पहाड़ियों के लिए प्रसिद्ध है। यह घाटी हरे घास के मैदानों, फूलों के रंगीन कालीन और शांत जल धाराओं से सजी हुई है। मानसून के दौरान यह घाटी और भी खूबसूरत हो जाती है, जब यहां दजुकोऊ लिली और अन्य जंगली फूल खिलते हैं। घाटी को चारों ओर से ढकी हुई पहाड़ियां इसे किसी स्वर्गिक चित्र जैसा महसूस कराती हैं। इस जगह पर आकर आप इस जगह की ख़ूबसूरती के साथ यहाँ के मौसम का भी भरपूर मज़ा ले सकते हैं। 

दजुकोऊ घाटी ट्रेकिंग और रोमांच के शौकीनों के लिए एक पसंदीदा जगह है। यहां तक पहुंचने के लिए आपको एक रोमांचक ट्रेक से गुजरना पड़ता है। इस जगह पर ट्रेकिंग के दो मुख्य मार्ग हैं। पहला कोहिमा के विसेमा गांव से ट्रेकिंग होती है। यह मार्ग आसान और अधिक लोकप्रिय है। दूसर जखामा गांव से ट्रेकिंग होती है।  यह थोड़ा कठिन लेकिन रोमांचकारी है। घाटी में ट्रेकिंग के दौरान आप जंगलों, पहाड़ी रास्तों और खूबसूरत नदियों के किनारे से गुजरते हैं। यहां कैंपिंग का भी आनंद लिया जा सकता है, जो प्रकृति के करीब होने का एक अनोखा अनुभव है।

treasure of biodiversity
treasure of biodiversity

दजुकोऊ घाटी केवल सुंदरता का प्रतीक ही नहीं बल्कि जैव विविधता के मामले में भी अद्वितीय है। यहां दजुकोऊ लिली के साथ-साथ कई दुर्लभ फूल और पौधे पाए जाते हैं। यह स्थान पक्षी प्रेमियों के लिए भी खास है। क्योंकि यहां कई प्रकार की पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिलती हैं। घाटी के अंदर बहने वाली छोटी-छोटी नदियां और झरने इसे जीवन और ताजगी से भर देते हैं। जिसकी वजह से इस जगह के प्रति लोगों का गहरा आकर्षण रहता है। लोग इस जगह पर आकर अपनी छुट्टियों को एंजोय करते हैं। 

सांस्कृतिक महत्व

दजुकोऊ घाटी न केवल प्राकृतिक रूप से बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह घाटी नागालैंड और मणिपुर की सीमा पर स्थित है और यहां के अंगामी जनजाति के लोगों के लिए पवित्र मानी जाती है। यहां आने वाले सैलानी नागालैंड की समृद्ध संस्कृति, रीति-रिवाज और स्थानीय व्यंजनों का अनुभव कर सकते हैं। घाटी में हर साल सर्दियों के दौरान पर्यटकों की भीड़ देखी जाती है, जो नागालैंड के प्रसिद्ध हॉर्नबिल फेस्टिवल के साथ मेल खाती है। इस जगह पर आकर आप इस जगह पर होने वाले समारोहों का भी हिस्सा बन सकते हैं। 

दजुकोऊ घाटी अपनी शांत और निर्मल वातावरण के लिए भी जानी जाती है। शहर की भीड़भाड़ और तनाव से दूर, यह घाटी मानसिक शांति और प्रकृति से जुड़ने का एक आदर्श स्थान है। यहां का साफ-सुथरा वातावरण और शीतल जलवायु इसे सैलानियों के लिए स्वर्ग जैसा बनाता है। सूर्योदय और सूर्यास्त के समय घाटी का दृश्य इतना मनमोहक होता है कि यह किसी की भी यात्रा को अविस्मरणीय बना सकता है।

संजय शेफर्ड एक लेखक और घुमक्कड़ हैं, जिनका जन्म उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में हुआ। पढ़ाई-लिखाई दिल्ली और मुंबई में हुई। 2016 से परस्पर घूम और लिख रहे हैं। वर्तमान में स्वतंत्र रूप से लेखन एवं टोयटा, महेन्द्रा एडवेंचर और पर्यटन मंत्रालय...