ज़ुकोऊ घाटी की ख़ास बात
यह घाटी लगभग आठ हज़ार फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है और इसकी सबसे बड़ी खासियत यहाँ खिलने वाला ज़ुकोऊ लिली नामक दुर्लभ फूल है जो दुनिया में और कहीं नहीं पाया जाता। इस जगह पर शांति और सकून दोनों है।
Dzukou Valley Nagaland: ज़ुकोऊ घाटी नागालैंड की सबसे ख़ूबसूरत और अनोखी घाटी है। पहली बार ज़ुकोऊ घाटी की ओर कदम बढ़ते हैं तो चारों ओर फैली हरियाली, ठंडी और निर्मल हवाएँ और आसमान को छूती पहाड़ियों का सौंदर्य हमारे मन को मंत्रमुग्ध कर देता है। यह घाटी लगभग आठ हज़ार फ़ीट की ऊँचाई पर स्थित है और इसकी सबसे बड़ी खासियत यहाँ खिलने वाला ज़ुकोऊ लिली नामक दुर्लभ फूल है जो दुनिया में और कहीं नहीं पाया जाता। इस जगह पर शांति और सकून दोनों है। इस जगह पर पक्षियों की चहचहाहट और हवा की सरसराहट के सिवा कोई शोर नहीं। यह वह जगह है जहाँ प्रकृति की आत्मा निवास करती है और जहाँ हर यात्री को अपने भीतर झाँकने का अवसर मिलता है।
घाटी के अनमोल खजाने

ज़ुकोऊ घाटी में देखने और अनुभव करने के लिए बहुत कुछ है। यहाँ का मुख्य आकर्षण ज़ुकोऊ लिली है जो गर्मियों में घाटी को एक रंगीन कालीन में बदल देता है। इसके अलावा यहाँ के शांत जंगल, पहाड़ों से गिरते झरने और खुले मैदान हर किसी को अपने जादू में बाँध लेते हैं। इस जगह पर आने पर जहाँ तक नज़र जाती है सिर्फ़ हरियाली ही हरियाली दिखाई देती है। इस जगह पर तारों की छाँव में खुले आसमान के नीचे रात बिताने का अनुभव अविस्मरणीय होता है। इस जगह पर नागा जनजातियों की संस्कृति और रहन-सहन को नज़दीक से देखने का अवसर मिलता है।
यात्रा की शुरुआत

ज़ुकोऊ घाटी जाने का सबसे अच्छा समय मई से सितंबर और नवंबर से फरवरी के बीच होता है। गर्मियों में यहाँ हरी-भरी घाटी फूलों से ढकी होती है, जबकि सर्दियों में यह बर्फ की सफेद चादर में लिपटी होती है। इस अद्भुत स्थान तक पहुँचने के लिए सबसे पहले नागालैंड की राजधानी कोहिमा पहुँचना पड़ता है। कोहिमा से आगे दो रास्ते मिलते हैं। विश्वेमा गाँव और जेहामा गाँव। इन्हीं गाँवों से होकर ज़ुकोऊ घाटी तक पहुँचने के लिए ट्रेकिंग करनी होती है जो अपने आप में एक रोमांचक अनुभव होता है।
ट्रेकिंग का अद्भुत रोमांच

ज़ुकोऊ घाटी तक का सफर उतना ही खूबसूरत है जितनी यह घाटी। यहाँ पहुँचने के लिए घने जंगलों, पतली पगडंडियों, और ऊँची-नीची पहाड़ियों से गुजरना पड़ता है। कभी-कभी रास्ते कठिन हो जाते हैं लेकिन जब घाटी की पहली झलक सामने आती है तो सारी थकान एक पल में मिट जाती है। ट्रेकिंग के दौरान हर कदम एक नई ऊर्जा का संचार करता है। रास्ते में ठंडी नदियों के किनारे बैठकर बहते पानी की आवाज़ सुनना, फूलों से सजे घास के मैदानों से गुजरना और पहाड़ियों की चोटियों को छूने की अनुभूति अद्भुत होती है।
यात्रा के लिए सुझाव
ज़ुकोऊ घाटी की यात्रा पर जाने से पहले आपको इनर लाइन परमिट की आवश्यकता होती है जोकि आपको बहुत ही आसानी से मिल जाता है। मौसम का विशेषतौर पर ध्यान रखना होता है और उसी के मुताबिक़ ट्रेकिंग के लिए मजबूत जूते, गर्म कपड़े, और आवश्यक सामान जरूर साथ रखें। पहाड़ी इलाकों में समूह में चलना सुरक्षित होता है इसलिए समूह में यात्रा करने की कोशिश करें। यह घाटी बेहद सुंदर है, इसलिए यहाँ कचरा न फैलाएँ और प्रकृति को संरक्षित रखें।
