अश्विन विनायक चतुर्थी पर ऐसे करें भगवान श्री गणेश को प्रसन्न, सुख-सौभाग्य में होगी वृद्धि: Vinayak Chaturthi 2023
Vinayak Chaturthi 2023

Vinayak Chaturthi 2023: हिंदू धर्म में रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश जी को सभी देवताओं में प्रथम पूज्य देव माना जाता है। भगवान गणेश को सबसे पहले पूजे जाने का वरदान प्राप्त है। इसलिए किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत श्रीगणेश के साथ की जाती है। मान्यता है कि बिना गणेश आह्वान के कोई भी मांगलिक कार्य संपन्न नहीं होता है। धर्म शास्त्रों में बुधवार का दिन गणेश की पूजा के लिए निर्धारित बताया गया है। गणेश पूजन से जीवन में सुख-शांति आती है।

हर महीने की चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इसलिए कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। पंडित इंद्रमणि घनस्याल बताते हैं कि अश्विन माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की विशेष उपासना करने से जीवन के सभी संकट दूर होते हैं। विनायक चतुर्थी का व्रत रखने से सभी भक्तों का कल्याण होता है। तो चलिए जानते हैं अश्विन माह की विनायक चतुर्थी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि की संपूर्ण जानकारी।

कब है विनायक चतुर्थी 2023 का शुभ मुहूर्त?

Vinayak Chaturthi 2023
Vinayak Chaturthi 2023 Muhurat

हिंदू पंचांग के अनुसार, शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस बार अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 अक्टूबर 2023 को रात्रि 1 बजकर 26 मिनट पर प्रारंभ हो रही है, जिसका समापन 19 अक्टूबर 2023 को रात्रि 1 बजकर 12 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार, विनायक चतुर्थी का पर्व 18 अक्टूबर 2023 को मनाया जाएगा। इस​ दिन शुभ मुहूर्त की बात करें तो 18 अक्टूबर को सुबह 10 बजकर 24 मिनट से लेकर 12 बजकर 1 मिनट तक अमृत काल रहेगा। वहीं, प्रात: 4 बजकर 52 मिनट से लेकर 5 बजकर 40 मिनट तक ब्रह्म मुहूर्त रहेगा। इस दिन भगवान गणेश की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सुख—समृद्धि आती है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहते हैं, इसलिए जो भी भक्त गणेश भगवान की आराधना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। विनायक चतुर्थी का व्रत रखने से पुण्य की प्राप्ति होती है।

विनायक चतुर्थी पर कैसे करें पूजा

Vinayak Chaturthi 2023
Vinayak Chaturthi 2023 Puja

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, विनायक चतुर्थी पर मनोवांछित फल पाने के लिए भगवान गणेश की उपासना करनी चाहिए। इसके लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े पहनें और सर्वप्रथम सूर्य भगवान को जल अर्पित करें। इसके बाद गणेश पूजन के लिए पूजा की चौकी तैयार करें। उस पर पीले रंग का कपड़ा बिछा दें और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद पूजा शुरू करें और व्रत का संकल्प लें। गणेश जी को गंध, पुष्प आदि अर्पित करें और मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद गणेश चालीसा का पाठ करें और गणेश आरती कर पूजा का समापन करें और सुख—समृद्धि की कामना करें।

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