Chopta
Chopta

Chopta Travel: हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड देश के ये वो दो राज्य हैं, जहां पर्यटकों की भीड़ कभी कम होती दिखाई नहीं देती। दिलचस्प बात तो ये है कि यहां के हिल स्टेशनों का टूरिस्ट सीजन कभी खत्म नहीं होता। आज हम उत्तराखंड की ही एक ऐसी पहाड़ी जगह के बारे में बात करने वाले हैं, जो अपनी प्राकृतिक और रोमांचक गतिविधियों के लिए जाना जाता है। हम बात कर रहे हैं चोपटा की, जिसको मिनी स्विट्जरलैंड के नाम से भी जाना जाता है। अगर आप छुट्टियों में किसी ऐसी बेहतरीन और शांत जगह पर घूमने का मन बना रहे हैं, तो आप यहां जाने की प्लानिंग कर सकते हैं। यहां की ताजी हवा और हरी-भरी हरियाली आपके मन को तरोताजा कर देगी। चोपटा में आप एडवेंचर से लेकर धार्मिक जगहों हर एक चीज का लुत्फ उठा सकते हैं। तो आइये जानते हैं चोपटा में घूमने वाली कुछ खूबसूरत जगहों के बारे में-

चोपता तुंगनाथ ट्रेक

इस क्षेत्र में सबसे प्रसिद्ध तीर्थ और पर्यटन स्थल तुंगनाथ मंदिर है, जो चोपटा से 3.5 किमी दूर स्थित है। 3680 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद तुंगनाथ भगवान शिव को समर्पित सबसे ऊंचा मंदिर है। यह पंच केदार मंदिरों में से एक है, जो इस स्थान को एक अलग धार्मिक महत्व देता है। ऐसा कहा जाता है कि उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित यह मंदिर पांच हजार साल से भी अधिक पुराना है। माना जाता है कि तुंगनाथ मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था। सर्दियों के दौरान ये जगह बर्फ से बिल्कुल ढक जाती है, जिस वजह से तुंगनाथ मंदिर के कपाट छह महीने के लिए बंद रहते हैं।

देवरिया ताल ट्रैक चोपता

लगभग 2387 मीटर की ऊंचाई पर मौजूद देवरिया ताल ट्रैक काफी छोटा है, लेकिन लोगों को इसे पूरा करने में बेहद मजा आता है। अगर आप ट्रैकिंग के लिए एकदम नए-नए हैं, तो यकीनन इस ट्रैक में आपको किसी भी तरह की परेशानी नहीं होने वाली। देवरिया ताल न केवल अपनी प्राकृतिक खूबसूरती के लिए जाना जाता है, बल्कि ये चोपटा उत्तराखंड में एक बहुत लोकप्रिय कैम्पिंग स्पॉट के रूप में भी प्रसिद्ध है। ज्यादातर ट्रैकर्स देवरिया ताल तक ट्रैकिंग करते हैं और फिर पहुंचने के बाद कैंपिंग का मजा लेते हैं।

कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभ्यारण्य

चोपता घाटी के पास स्थित ये सेंचुरी लुप्तप्राय कस्तूरी मृग और कुछ अन्य लुप्तप्राय हिमालयी जीवों का घर है। बता दें, इस अभयारण्य की शुरुआत दुर्लभ जीवों की संख्या बढ़ाने के लिए की गई थी। चोपटा से 7 किमी की दूरी पर स्थित कंचुला कोरक कस्तूरी मृग अभयारण्य उत्तराखंड के सबसे छोटे, लेकिन प्रमुख वन्यजीव सेंचुरी में से एक है। चोपटा के पास स्थित ये जगह वन्यजीव प्रेमियों के लिए एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र मानी जाती है।

चंद्रशिला ट्रेक

चोपता घाटी के प्रमुख आकर्षणों में से एक, इस ट्रैक को थोड़े मुश्किल ट्रैक में गिना जाता है। ये जगह रोमांच प्रेमियों को बेहद पसंद आती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार रावण का वध करने के बाद भगवान राम ने यहीं तपस्या की थी। नंददेवी, त्रिशूल, केदार चोटी, बंदरपंच और चौखम्बा सहित चंद्रशिला चोटी से हिमालय का 360-डिग्री का नजारा बेहद खूबसूरत लगता है।

दुगलबिट्टा

दुग्गलबिट्टा चोपता के रास्ते में एक रमणीय और सुंदर स्थान है, जो हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है और हिमालय की चोटियों के शानदार दृश्य प्रस्तुत करता है। यह प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने और भागने के लिए एक शानदार जगह है। यह शांत गांव पक्षी देखने वालों के लिए भी स्वर्ग है। यहाँ कई अनोखी हिमालयी पक्षी प्रजातियाँ निवास करती हैं। दुगलबिट्टा ने हाल ही में पर्यटन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना शुरू किया है। स्थानीय लोगों के अनुसार दुगलबिट्टा का अर्थ है दो पहाड़ों के बीच का स्थान। दुग्गलबिट्टा चोपता में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है।

मेरा नाम श्वेता गोयल है। मैंने वाणिज्य (Commerce) में स्नातक किया है और पिछले तीन वर्षों से गृहलक्ष्मी डिजिटल प्लेटफॉर्म से बतौर कंटेंट राइटर जुड़ी हूं। यहां मैं महिलाओं से जुड़े विषयों जैसे गृहस्थ जीवन, फैमिली वेलनेस, किचन से लेकर करियर...